आंबेडकर भवन का काम रुकने से गुस्साए लोगों ने विधायक का किया घेराव
टापू कमालपुर के लोगों ने जिला सचिवालय में रादौर विधायक श्याम सिंह राणा का घेराव कर दिया। लोग विधायक की गाड़ी के आगे खड़े हो गए और नारेबाजी करने लगे।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : टापू कमालपुर के लोगों ने मंगलवार को जिला सचिवालय में रादौर विधायक श्याम सिंह राणा का घेराव कर दिया। विधायक अपनी गाड़ी में बैठकर जाने लगे तो लोग गाड़ी के आगे खड़े हो गए जिस कारण वे काफी देर तक आगे नहीं बढ़ पाए। लोगों का आरोप है कि उनके गांव में बन रहे आंबेडकर भवन का निर्माण कार्य साजिश के तहत रोक दिया गया है। यह बात विधायक को भी बताई गई लेकिन उन्होंने भवन निर्माण को लेकर कोई सहयोग नहीं दिया। इससे पहले लोगों ने सचिवालय पर प्रदर्शन कर जोरदार नारेबाजी की।
टापू कमालपुर गांव के सतपाल, माया देवी, सरबती, सरोज, कमलेश, केला देवी, लीलावती, सुखदेवी व जिला परिषद सदस्य धर्मपाल तिगरा समेत काफी संख्या में महिलाओं ने सचिवालय में प्रदर्शन किया। वे उपायुक्त को ज्ञापन देने आए थे लेकिन उनके नहीं मिलने पर तहसीलदार ने लोगों का ज्ञापन लिया। लोगों ने तहसीलदार को दिये ज्ञापन में कहा कि वर्ष 2012 में ग्राम पंचायत टापू कमालपुर ने आंबेडकर भवन बनाने के लिए ग्राम पंचायत ने जमीन दी थी। इसके बाद 2016 में रादौर विधायक श्याम सिंह राणा ने आंबेडकर भवन के निर्माण के लिए 11 लाख रुपये की ग्रांट दी थी। जिसके बाद भवन पर कार्य चल रहा था लेकिन गांव के कुछ शरारती लोगों ने कार्य में रुकावट डाल कर इस जमीन पर स्टे आर्डर ले लिया। इससे भवन का निर्माण रुक गया है। उन्होंने बताया कि गांव में कोई अन्य चौपाल नहीं है जिस पर वे विवाह आदि का कार्य कर सकें। वह सभी समाज एकजुट हो सके गांव वालों को विवाह अधिक कार्य के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आंबेडकर भवन बनाने के लिए ग्राम पंचायत में गांव के लोग साथ दे रहे हैं यहां पर आंबेडकर भवन बनना चाहिए।
कोर्ट में चल रहा मामला: श्याम सिंह राणा
श्याम सिंह राणा अपने निजी कार्य से जिला सचिवालय में आए थे। लोगों ने उनसे बात की। परंतु ज्यादा बात न होने के कारण विधायक अंदर चले गए। कुछ देर बाद वे बाहर आए तो लोगों ने उन्हें घेर लिया। वे जबरदस्ती गाड़ी में बैठकर जाने लगे तो लोग उनकी कार के सामने खड़े हो गए। लोगों ने उनसे मांग की कि वे गांव में आंबेडकर भवन बनाने में मदद करें। विधायक का घेराव करने पर वहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया। इस पर विधायक ने कहा कि स्टे लिए जाने के बाद ये मामला अब कोर्ट में है। इसलिए वे कोर्ट के मामले में कुछ नहीं कर सकते। इसलिए इस मामले को दोनों पक्षों के लोग आपसी बातचीत के जरिये ही सुलझा सकते हैं। ग्रामीण जब भी उन्हें बुलाएंगे वे इसमें मध्यस्ता करने के लिए गांव में आ जाएंगे। विधायक ने ग्रामीणों के साथ आए मौजिज लोगों से बातचीत कर उन्हें समझाया। जिसके बाद ग्रामीणों ने विधायक को जाने दिया।