छह वर्ष बाद यमुना ने दिखाया रौद्र रूप, नदी किनारे बसे गांवों में अलर्ट
हिमाचल-उत्तराखंड में हुई मुसलाधार बारिश के कारण यमुना नदी ने छह वर्ष बाद अपना रौद्र रूप दिखाया। बरसात से हथनीकुंड बैराज पर पानी का सैलाब उमड़ आया है। जलबहाव बढ़कर खतरे के निशान को पार कर गया है।
जागरण टीम, यमुनानगर : हिमाचल-उत्तराखंड में हुई मुसलाधार बारिश के कारण यमुना नदी ने छह वर्ष बाद अपना रौद्र रूप दिखाया। बरसात से हथनीकुंड बैराज पर पानी का सैलाब उमड़ आया है। जलबहाव बढ़कर खतरे के निशान को पार कर गया है। जिला प्रशासन के उच्चाधिकारी पल-पल की जानकारी चंडीगढ़ व दिल्ली भेज रहे हैं। एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट व सिचाई विभाग के अधिकारी मौके पर डटे रहे। सभी अधिकारियों व कर्मचारियों की छुट्टियां रद कर दी गई।
दोपहर 2 बजे जलस्तर 7 लाख 7 हजार 786 क्यूसिक के लेवल तक पहुंच गया है। सुबह 8 बजे से लगातार हर घंटे एक लाख क्यूसिक पानी की बढ़ोतरी हो रही है। नदी किनारे के गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया। बाढ़ के पानी में दो पशु व एक व्यक्ति का शव बह कर आया है। छह वर्ष पूर्व 16 जून 2013 को भी इसी तरह लगातार जलस्तर बढ़ने से फल्ड लेवल 8 लाख 6464 क्यूसिक तक पहुंच गया था। यह अभी तक बैराज का अधिकतम फल्ड लेवल रहा है। जलसेवाएं मंडल ताजेवाला के एक्सइएन हरीदेव कांबोज ने बताया कि सुबह 7 बजे जलबहाव 1 लाख तीस हजार क्यूसिक दर्ज किया गया था। उसके बाद लगातार बढ़ता चला गया। क्षेत्र के ग्रामीणों में मचा हड़कंप
यमुना व सोम नदी का जलस्तर बढ़ते ही आसपास के गांवों के लोगों में हड़कंप मच गया। दमोपुरा, कलेसर, ममदुबांस, मांडेवाला, खान्नुवाला, चितपुर, कमालपुर, लापरा, मंडी, बाकरपुर, बागवाली, टापू माजरी, गुमथला, लालछप्पर, माजरी, एमटी करेहड़ा, बागवाली, जठलाना सहित दर्जनों गांव यमुना में आई बाढ़ से प्रभावित होते हैं। इसी प्रकार सोम नदी के कारण ललहाड़ी, उधम गढ़, बमनौली, काट्टरवाली व कांसली सहित आसपास के दर्जनभर गांवों में भारी नुकसान होता है। क्षेत्र के कई गांवों के रकबे में नदियों का पानी घुस गया और फसलें जल मग्न हो गई। बाढ़ के कारण 50 से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।