पहली ही बारिश में बह गए प्रशासन के दावे
तीन घंटे तक मूसलादार बारिश ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम को फेल कर दिया। इसके साथ ही अधिकारियों के वे दावे भी पानी के साथ बह गए जो कुछ दिन पहले किए थे। खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : तीन घंटे तक मूसलादार बारिश ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम को फेल कर दिया। इसके साथ ही अधिकारियों के वे दावे भी पानी के साथ बह गए जो कुछ दिन पहले किए थे। खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा। पहली बरसात में ऐसी दिक्कत आती है ये कहकर अधिकारी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि अभी तो बरसात का सीजन शुरू भी नहीं हुआ है। प्री-मानसून का ये ट्रेलर ये दिखाने के लिए काफी है कि भविष्य में इससे भी ज्यादा बुरा होने वाला है। दोबारा ऐसी विकट समस्या पैदा न हो इसके लिए भी नगर निगम के अधिकारियों के पास कोई प्लानिग नहीं है। इन कॉलोनियों में हुआ जलभराव
बृहस्पतिवार को हुई बरसात से यमुनानगर में आइटीआइ चौक, गोबिदपुरी में कैप्सन शोरूम के पास, बस स्टैंड यमुनानगर के सामने, पीडब्ल्यूडी कार्यालय व क्वार्टर के सामने वाली रोड, छोटी लाइन, प्रोफेसर कॉलोनी, लाजपत नगर, जम्मू कॉलोनी, मधुबन कॉलोनी, आजाद नगर, गुरु नानक खालसा कॉलेज रोड, भगत सिंह चौक पर वर्कशाप रोड किनारे, इंडस्ट्रियल एरिया, जब्बीवाला गुरुद्वारा के सामने, ससौली रोड पर पुलिया के नजदीक, तिलक नगर, अमरपुरी कॉलोनी, जसवंत कॉलेनी, शिवपुरी, इंद्रा कॉलेनी, महाराणा प्रताप चौक पर पानी भरा गया। टैगोर गार्डन में तो तीन फुट तक पानी भर गया। लाजपत नगर में पानी इतना था कि सड़क पर चल रही पूरी बाइक ही डूब गई। उधर, दड़वा डेयरी कॉपलेक्स में पानी भर गया। जबकि जगाधरी में बस स्टैंड से लेकर पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस तक, सिविल अस्पताल के सामने, भगीरथी कॉलोनी, झंडा चौक, मटका चौक से रामलीला भवन रोड, गांधी धाम, देवी भवन बाजार, मुखर्जी पार्क, जड़ौदा गेट से बिलासपुर जाने वाली सड़क, श्याम सुंदरपुरी, राजेश कॉलोनी, विश्वकर्मा कॉलोनी, महावीर कॉलोनी, शमशान घाट रोड, रूप नगर कॉलोनी में पानी भरने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। दो-तीन घंटे में ही धरती ने सोख लिया पानी
एक माह से जिले का अधिकतम तापमान 41 से 43 डिग्री के बीच चल रहा था जिस कारण बहुत ज्यादा गर्मी हो रही थी। काफी समय से बरसात भी नहीं हुई थी। बृहस्पतिवार को बरसात हुई तो कई दिनों से तप रही धरती ने ज्यादातर पानी को सोख लिया। इसलिए दो घंटे से तीन घंटे के भीतर ही पानी कॉलोनियों से उतर गया। जब मानसून की बरसात होगी तो पता नहीं क्या होगा। नालों पर अतिक्रमण, तो तोड़े क्यों नहीं : देवेंद्र
पार्षद देवेंद्र सिंह, प्रिस शर्मा का कहना है कि निगम अधिकारियों का कहना है कि नालों पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखे हैं जिस कारण कर्मचारी नालों की सफाई नहीं कर पाते। बरसात के पानी के साथ बहकर आया डिस्पोजल वेस्ट व अन्य कचरा नालों के नीचे फंस जाता है। अतिक्रमण करने वालों पर अधिकारियों ने मेहरबानी करना मुनासिब समझा लेकिन लोगों की चिता नहीं की। लोगों की चिता होती तो नालों पर किए गए अतिक्रमण को तोड़ दिया होता। ये हालात तब हैं जब जगाधरी व यमुनागर में नालों की सफाई करने वाली टीमों को एक-एक जेसीबी मशीन दी हुई है। नोटिस तक सिमटी निगम की कार्रवाई
सेक्टर-17 में श्मशान घाट के पास, जब्बीवाला गुरुद्वारा के पास, टैगोर गार्डन, मुयान भवन के पीछे सीवरेज का पानी सीधे नगर निगम के नालों में गिर रहा है। जबकि ये एनजीटी के आदेशों की अवहेलना है। सीवरेज का पानी नालों में न गिरे इसके लिए नगर निगम ने जनस्वास्थ्य विभाग को नोटिस भी दिए थे। मौके का निरीक्षण भी किया गया। कार्रवाई नोटिस भेजने से आगे नहीं बढ़ पाई। सीवरेज का पानी गिरने से नालों का पानी ओवरफ्लो हो जाता है। नाले की सफाई के लिए लगाए थे 60 कर्मचारी
नगर निगम के चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर अनिल नैन का कहना है कि जगाधरी-यमुनानगर में छोटे-बड़े कुल 39 नाले हैं। मुख्य नाले की लंबाई छह किलोमीटर है। नालों की सफाई के लिए 60 कर्मचारी लगाए गए थे। बरसात के पानी में बहुत ज्यादा डिस्पोजल, थर्मल शीट व प्लास्टिक बहकर आई थी। जिस कारण नाले अट गए। विजय नगर कॉलोनी, आजाद नगर व प्रोफेसर कॉलोनी मे सबसे ज्यादा दिक्कत आई। जेसीबी से सफाई करवा दी गई थी। पहली बरसात थी इसलिए पानी भर गया। निगम कमिश्नर ने नहीं उठाया फोन
नालों की सफाई को लेकर नगर निगम कमिश्नर पूजा चांवरिया के मोबाइल पर फोन किया गया। लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उनके वाट्सएप पर भी मैसेज भेजा गया परंतु उन्होंने जवाब नहीं दिया।