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अयोध्या फैसले पर अलर्ट रहा प्रशासन, संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात रहा अतिरिक्त पुलिस बल

अयोध्या में विवादित जमीन पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा। हिदू और मुस्लिम आबादी वाले एरिया में भारी पुलिस बल तैनात रहा। प्रशासन का ध्यान भी हमीदा बूड़िया और प्रतापनगर एरिया पर रहा। यहां पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। किसी तरह की अफवाह न फैले इसके लिए भी इंटरनेट की सेवाएं बंद रखी गई।

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Nov 2019 07:30 AM (IST)Updated: Sun, 10 Nov 2019 07:30 AM (IST)
अयोध्या फैसले पर अलर्ट रहा प्रशासन, संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात रहा अतिरिक्त पुलिस बल
अयोध्या फैसले पर अलर्ट रहा प्रशासन, संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात रहा अतिरिक्त पुलिस बल

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : अयोध्या में विवादित जमीन पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा। हिदू और मुस्लिम आबादी वाले एरिया में भारी पुलिस बल तैनात रहा। प्रशासन का ध्यान भी हमीदा, बूड़िया और प्रतापनगर एरिया पर रहा। यहां पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। किसी तरह की अफवाह न फैले, इसके लिए भी इंटरनेट की सेवाएं बंद रखी गई। हालांकि इससे लोगों को दिक्कत जरूर उठानी पड़ी। फैसला आने से पहले ही डीसी मुकुल कुमार और एसपी कुलदीप सिंह समेत अन्य प्रशासनिक अफसरों ने आरएसएस, हिदू संगठनों, मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारियों व धर्मगुरुओं के साथ शांति समिति ने बैठक की।

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डीसी ने जिले में धारा 144 लागू कर दी। साथ ही निगरानी के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में 13 मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई। जो दिन भर क्षेत्र में निगरानी रखते रहे। साथ ही सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करा दिया गया था। लघु सचिवालय में पीस कमेटी की बैठक में अलग-अलग समुदाय से मौजिज लोग शामिल हुए। डीसी मुकुल कुमार ने कहा कि सभी लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानना चाहिए। आपस में किसी भी तरह का विवाद न रखे। साथ ही यह भी आह्वान किया गया कि यदि किसी के परिवार में कोई ऐसा फंक्शन है। जिसे टाला जा सकता हो, तो उसे भी टाल दें। उससे कोई भी इस तरह के आयोजन को फैसले के परिप्रेक्ष्य में न देखे। यदि बेहद जरूरी है, तो फंक्शन को छोटा करने की कोशिश करें। इससे आपस में सौहार्द बना रहेगा।

पीस कमेटी सदस्यों ने भी रखे विचार

पीस कमेटी की बैठक में आए सदस्यों ने भी विचार रखे। सभी ने एकसाथ कहा कि फैसला जो भी आया है। वह सभी को मान्य है। प्रशासन को आश्वस्त करते हैं कि किसी भी तरह से सौहार्द को नहीं बिगड़ने दिया जाएगा। इस दौरान मुस्लिम समुदाय की ओर से सादिक, हाजी कौशर अली ने कहा कि इस समय के माहौल में जरूरी यह है कि रात को समय से दुकानें बंद की जाए। कुछ जगह देर रात तक दुकानें खुली रहती है। जिस पर रात को लोग एकत्र होते हैं। ऐसी जगहों से ही माहौल बिगड़ता है। एसपी और डीसी ने भी उनकी बात को सही माना और संबंधित एरिया में समय से दुकानें बंद कराने का आश्वासन दिया। हिदू संगठनों की ओर से अश्विनी शर्मा, उदयवीर शास्त्री, सुखवीर सिंह ने कहा कि इस समय कार्तिक माह चल रहा है। ऐसे में तुलसी की पूजा की जाती है। इसके लिए दीपक जलाया जाता है। इसे कोई भी दूसरी नजर से न देखें।

सब एक ही कानून के मातहत : पीर जी

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तमाम हमवतनों से यही दरख्वास्त है कि फैसला अदालत का सभी के लिए मान्य है। फैसले पर सब्र करना और मुल्क में अमन शांति बनाए रखना यही बड़ी बात है। इसी की हम दरख्वास्त करते हैं। मुल्क के अंदर कही भी फैसले के खिलाफ कोई बात न बोले। हिदू मुसलमान सभी भाई-भाई है। सबको एक ही कानून के मातहत रहना है।

हुसैन अहमद पीर जी बूड़िया। ये फैसला दुनिया के हक में : आर्य

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एक गीत की पंक्ति है ईश्वर जो करते हैं, अच्छा करते हैं। मानव तू परिवर्तन से काहे डरता है। ये फैसला दुनिया के हक में है। इस फैसले का संदेश यही है कि हम एक रहे। मैं 81 साल का हूं। बचपन से हम अयोध्या की बात सुनते आ रहे हैं। ऐसा लग रहा था कि हमारे जीते-जीते फैसला नहीं हो सकेगा। अब फैसला आया है। इसे सभी को स्वीकार करना चाहिए।

भानू राम आर्य, खंड संचालक, यमुनानगर। यह ऐतिहासिक फैसला : विधायक अरोड़ा

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यह ऐतिहासिक फैसला है। इस फ़ैसले को हार और जीत से जोड़ कर ना देखे। सभी देशवासी सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करें और अमन व शांति बनाए रखें।

घनश्यामदास अरोड़ा, विधायक यमुनानगर।


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