अंकुश के पिता का आरोप मुख्य आरोपित को बचा रही पुलिस
केस में सरांवा गांव के पूर्व सरपंच रिषिपाल उसका बेटा अमन भतीजे रजत व विक्रांत अभी फरार है।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर :
सरांवा गांव में हुए खूनी संघर्ष में मारे गए दोसड़का निवासी अंकुश के मामले में पुलिस गुरदीप के अलावा अन्य आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। इस केस में सरांवा गांव के पूर्व सरपंच रिषिपाल, उसका बेटा अमन, भतीजे रजत व विक्रांत अभी फरार है। वहीं मृतक के पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में पूर्व सरपंच व उसके परिजनों को जानबूझ कर गिरफ्तार नहीं कर रही। विक्रांत मुख्य आरोपित है और उसे ही गिरफ्तार नहीं किया जा रहा। वह इस मामले में सोमवार को थाना साढौरा एसएचओ से मिलेंगे।
दोसड़का निवासी रामकर्ण ने आरोप लगाया कि उन्हें पता चला था कि पुलिस ने जिस गुरदीप को गिरफ्तार किया है वह नाबालिग है। उसे इसलिए गिरफ्तार किया गया है ताकि अन्य आरोपितों को बचाया जा सके। वह गरीब परिवार से हैं इसलिए उनके केस में ढीली कार्रवाई हो रही है। पुलिस आरोपित रिषीपाल के दबाव में काम कर रही है। वहीं पुलिस ने रविवार को आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाकर कई जगहों पर दबिश दी परंतु रिषीपाल, अमन, रजत व विक्रांत का अभी कुछ पता नहीं चल पाया है। इस मामले की जांच खुद डीएसपी बिलासपुर आशीष चौधरी कर रहे हैं। गुरदीप की उम्र 20 साल है : आशीष चौधरी
डीएसपी आशीष चौधरी ने बताया कि इस केस में फिलहाल गुरदीप की गिरफ्तारी हुई है। गुरदीप नाबालिग नहीं है। उसकी उम्र 20 साल है। उसका आधार कार्ड व अन्य दस्तावेजों की अच्छी तरह से जांच कर ली गई है। इसलिए अंकुश के पिता के ये आरोप बेबुनियाद हैं। अन्य आरोपितों की भी तलाश की जा रही है। जल्द उनको भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस किसी के दबाव में कार्रवाई नहीं कर रही बल्कि निष्पक्ष जांच कर रही है। ये था मामला :
गांव सरांवा में 19 मई को पूर्व सरपंच रिषीपाल और गांव के गुरनाम के बीच अवैध शराब बेचने बेचने को लेकर विवाद हुआ था। दोनों पक्षों में मारपीट के बाद एक दूसरे के खिलाफ थाने में शिकायत दी थी। 20 मई को दोनों पक्षों की थाने में पंचायत चल रही थी। तभी गांव में फिर से झगड़ा हो गया। इस हमले में दोसड़का निवासी रिषीपाल के पुत्र अंकुश की मौत हो गई थी। रिषीपाल पर भी एक दिन पहले मारपीट का केस दर्ज किया गया था।