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मोबाइल एप से होगा महिलाओं के विकास का रिकार्ड, डाटा फीड करने में जुटी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से महिलाओं बच्चों व किशोरियों के लिए कवायद की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 31 May 2021 07:29 AM (IST)Updated: Mon, 31 May 2021 07:29 AM (IST)
मोबाइल एप से होगा महिलाओं के विकास का रिकार्ड, डाटा फीड करने में जुटी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
मोबाइल एप से होगा महिलाओं के विकास का रिकार्ड, डाटा फीड करने में जुटी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से महिलाओं, बच्चों व किशोरियों को दी जाने वाली सुविधाओं का रिकार्ड अब एप पर होगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विभाग की ओर से लांच मोबाइल एप पोषाण् ट्रैक्टर को अपने स्मार्ट फोन में डाउनलोड करने में जुटी हुई हैं। अधिकांश ने डाउनलोड कर डाटा फीड करना भी शुरू कर दिया है। केंद्रों से जुड़े 11 रजिस्टरों व अन्य योजनाओं का रिकार्ड अब जल्दी ही ऑनलाइन हो जाएगा। मतलब रजिस्टरों का बोझ उठाने की आवश्यकता नहीं रहेगी। जिले में 1281 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। यह रिकार्ड होगा ऑनलाइन

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महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से एक आंगनबाड़ी केंद्र की गतिविधियों के लिए कार्यकर्ता को 11 रजिस्टर दिए हुए हैं। इनमें कार्यकर्ताओं परिवार विवरण, पूरक पोषाहार स्टॉक, प्री-स्कूल एजुकेशन, पूरक पोषाहार वितरण, गर्भावस्था प्रसव, टीकाकरण, विटामिन रिकॉर्ड, गृह भेंट योजना, संदर्भ सेवाएं, मासिक वार्षिक सारांश और बच्चों के वजन का रिकॉर्ड रखती हैं। इन रजिस्टरों में हर बच्चे का रिकार्ड दर्ज होता है। आवश्यकता पड़ने पर इसको प्रेषित करना होता है। आंगनबाड़ी सुपरवाइजर इनकी नियमित रूप से जांच करती हैं। यह भी होगा फायदा

किसी भी आंगनबाड़ी से संबंधित रिकार्ड एक क्लिक करते ही सामने होगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रजिस्टर उठाकर चलने से मुक्ति मिल सकेगी। क्योंकि लाभार्थियों का पूरा रिकार्ड ऑनलाइन हो जाएगा। किसी भी स्तर पर इसकी जांच आसानी से की जा सकेगी। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आइसीडीएस से संबंधित सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और आंगनबाड़ी केंद्रों की मॉनिटरिग को प्रभावी बनाने के लिए विभागीय स्तर से लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में नया मोबाइल एप्लीकेशन जारी किया गया है। केंद्र पर नामांकित बच्चे, उपस्थिति पंजीकरण, बच्चों की ग्रोथ मॉनिटरिग की प्रकिया बेहद आसान होगी। केंद्र के संबंध में तमाम जानकारी एप पर दर्ज होगी। एप के माध्यम से कुपोषण से संबंधित मामलों को सूचीबद्ध करना आसान होगा। विभाग की ये हैं योजनाएं

महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से 0-6 वर्ष तक के बच्चों को पौषाहार, उनका टीकारण सहित घरेलू हिसा से महिला संरक्षण, तेजाब से पीड़ित महिलाओं के लिए राहत व पुनर्वास योजना, मातृत्व वंदन योजना, ग्रामीण महिलाओं के लिए खेल प्रतियोगिता, विधवा एवं बेसहारा गृह(महिला आश्रम), सर्वोत्तम माता पुरस्कार, दहेज प्रतिषेध कार्यक्रम, महिला सैक्स वर्करस के पुर्नवास बारे योजना सहित अन्य कई योजनाएं चलाई हुई हैं।

इस मोबाइल एप पर काम करना बेहद आसान है

महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से चलाई जा रही योजनाओं व आवश्यक रजिस्टरों से संबंधित जानकारी अब ऑनलाइन हो जाएगी। उसे किसी भी स्तर पर देखा जा सकेगा। इस मोबाइल एप पर काम करना बेहद आसान है। सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार ने यह निर्णय लिया है।

रेनू चावला, कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग।


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