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साइबर ठगी का नया तरीका : क्यू आर कोड स्कैन कराते ही खाते से साफ हो गए 90 हजार

साइबर ठगी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला मधु कालोनी का है। यहां पर लेक्चरार मधु कालोनी निवासी पूनम कालडा की बेटी आरूषि के खाते से ठगों ने 90 हजार रुपये उड़ा लिए। आरोपित ने कॉल कर उनका मकान किराये पर लेने की बात कही थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 06:05 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 06:05 AM (IST)
साइबर ठगी का नया तरीका : क्यू आर कोड स्कैन कराते ही खाते से साफ हो गए 90 हजार
साइबर ठगी का नया तरीका : क्यू आर कोड स्कैन कराते ही खाते से साफ हो गए 90 हजार

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : साइबर ठगी के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला मधु कालोनी का है। यहां पर लेक्चरार मधु कालोनी निवासी पूनम कालडा की बेटी आरूषि के खाते से ठगों ने 90 हजार रुपये उड़ा लिए। आरोपित ने कॉल कर उनका मकान किराये पर लेने की बात कही थी। इसके बदले में किराया भेजने के लिए बैंक खाता नंबर लिया था। फिलहाल पुलिस ने पूनम कालडा की शिकायत पर केस दर्ज किया है।

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मधु कालोनी निवासी पूनम कालड़ा जेएमआइटी कालेज में लेक्चरार है। उनका एक मकान देहरादून में है। वहां से किरायेदार छोड़कर चले गए थे। कुछ दिन पहले उनके पति वीरेंद्र मोहन ने मकान किराये पर देने के लिए विज्ञापन निकलवाया। इस बीच उनके पति वीरेंद्र मोहन के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को आर्मी में बताया और मकान किराये पर लेने की बात कही। इस पर उसके मोबाइल पर उनके पति वीरेंद्र ने मकान की लोकेशन व फोटो भेज दी। पसंद आने पर उसने बैंक का खाता नंबर लिया और दो माह का एडवांस किराया खाते में भेजने की बात कही। इस पर वीरेंद्र मोहन ने अपनी बेटी आरुषि के मोबाइल से एसबीआइ का खाता नंबर भेज दिया। क्यू आर कोड कराया स्कैन

पूनम ने बताया कि आरोपित ने गूगल पे से पैसे भेजने की बात कही थी। कुछ देर बाद उसका कॉल आया, तो कहने लगा कि पैसे ट्रांसफर नहीं हो रहे हैं। इसलिए क्यू आर कोड भेज रहा हूं। इसे स्कैन करो। जैसे ही कोड स्कैन किया तो उनकी बेटी के खाते से 30 हजार रुपये कट गए। तुरंत इस बारे में आरोपित से बात की, तो वह कहने लगा। अभी यह पैसे वापस भेज देता हूं। इसके बाद फिर से उसने क्यूआर कोड भेजा। जैसे ही उसे स्कैन किया, तो दो बार फिर 30-30 हजार रुपये कट गए। आरोपित यह पैसा वापस करने की बात कहने लगे। काफी देर इंतजार करने के बाद भी जब पैसे वापस नहीं आए, तो ठगी का पता लगा। इसके बाद बैंक में गए, तो वहां से पता लगा कि यह पैसा मुंबई में एनएसडीएल बैंक के खाते से निकलवाया गया है।


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