16 लाख के पाइप घोटाले में अधिकारियों ने खुद को बचाकर ठेकेदार को लपेटा
मनोहर कॉलोनी में 16 लाख रुपये के पाइप घोटाले के मामले में अधिकारी फंसते नजर आ रहे हैं।
जागरण संवाददाता, यमुनानगर : मनोहर कॉलोनी में 16 लाख रुपये के पाइप घोटाले के मामले में अधिकारी फंसते नजर आ रहे हैं। अब अधिकारियों ने अपनी जान बचाने के लिए ठेकेदार को नोटिस दिया है। ध्यान रहे कि मामले में स्पीकर कंवरपाल के आदेश पर जिस मामले की जांच शुरू हुई। कॉलोनी में कुछ जगह यह पाइप डाला नहीं गया, तो कही पर सड़क से ऊपर लगा दिया। इस वजह से पानी सड़क पर बहता रहता है। कई बार इसकी शिकायत अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। बाद में लोगों ने स्पीकर को शिकायत की थी। इस पर मामले में जांच के आदेश जारी किए गए।
कॉलोनी के लोग जलभराव की समस्या से काफी समय से परेशान थे। बरसात के दिनों में लोगों का आवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ता था। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए लोगों ने प्रशासन से मांग की पाइप डाले जाए। इससे जलभराव की परेशानी खत्म हो सके। निगम की ओर से यहां पाइप लाइन के लिए 16 लाख रुपये में टेंडर किया गया। कॉलोनी के लोगों का आरोप है कि पाइप कहीं दबाए तो कहीं छोड़ दिए। इससे उनकी समस्या का हल नहीं हुआ। जमीन के अंदर से निकालने थे पाइप
कॉलोनीवासी लक्की अरोड़ा, विकास कुमार व अजय धीमान का कहना है कि नियमों को ताक पर रखकर पाइप लाइन घरों के आगे से ही गुजार दी है। इसमें अधिकारियों ने भ्रष्टाचार किया है। ये पाइप लाइन जमीन के नीचे से निकाली जानी थी। अब हालात ऐसे पैदा हो गए हैं कि उनके लिए घरों में प्रवेश करना भी मुश्किल हो गया। घरों का रास्ता रुक गया है। हालांकि जब काम चल रहा था, उस दौरान भी अधिकारियों व कर्मचारियों से शिकायत की, लेकिन किसी ने नहीं सुनीं। पूरी नहीं डाली गई लाइन
लोगों ने बताया कि पीर से लेकर मेट्रो मोटर तक यह पाइप लाइन बिछाई जानी थी। आरोप है कि पाइप लाइन डालने में धांधली हुई है। सरकार के पैसे का दुरुपयोग किया गया है। पाइप उपर ही रखकर सीमेंट से कवर कर दिए हैं। पाइप लाइन भी आधी अधूरी बिछाई गई है। इस मामले की जांच होनी चाहिए। जांच में निश्चित तौर पर खामियां मिलेंगी। जांच विस अध्यक्ष की ओर से जांच करने के निर्देश जारी किए गए नहीं हो सकेगी निकासी
कॉलोनीवासियों का कहना है कि निकासी के लिए यह पाइप लाइन डाली गई है, लेकिन जिस तरीके से यह पाइप लाइन बिछाई गई है, उससे नहीं लगता कि पानी की निकासी हो पाएगी। बारिश के दिनों में लोगों की परेशानियां बढ़ी है। लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। बता दे कि यहां लोगों की दिक्कत को देखते हुए तत्कालीन कमिश्नर पूजा चांवरिया ने भी मौका किया था।