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फीस लेकर कानूनी प्रक्रिया पर खर्च दिए 63 लाख, अभिभावक देंगे धरना

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : प्राइवेट स्कूल हर साल फीस बढ़ाते हैं। उसको उजागर करने के लिए अभिभावकों न

By Edited By: Published: Sun, 03 Jul 2016 06:51 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2016 06:51 PM (IST)
फीस लेकर कानूनी प्रक्रिया पर खर्च दिए 63 लाख, अभिभावक देंगे धरना

जागरण संवाददाता, यमुनानगर : प्राइवेट स्कूल हर साल फीस बढ़ाते हैं। उसको उजागर करने के लिए अभिभावकों ने अब आरटीआइ को हथियार बनाया है। पहली आरटीआइ अभिभावकों ने जगाधरी के सेंट थॉमस स्कूल की लगाई है। सूचना के अधिकार के तहत जो जवाब उन्हें मिला है, उसे देख कर वे हैरान हैं। स्कूल ने जो खर्च दिखाए हैं, उन पर भी शिक्षा विभाग ने स्कूल से स्पष्टीकरण मांगा है। स्कूल में चार हजार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। फीस वृद्धि के विरोध में अभिभावक अब सोमवार को स्कूल के सामने धरने पर बैठने जा रहे हैं।

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सेंट थॉमस स्कूल के खिलाफ अभिभावक पहले भी प्रदर्शन कर चुके हैं। अभिभावक संजीव कुमार, अमित कुमार, संदीप दुआ, चंद्रमणि, मुकेश दाबड़ा, चरणजीत ¨सह, गुरप्रीत ¨सह, संजीव सैनी आदि ने बस स्टैंड के सामने आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि 13 मई को उन्होंने फीस वृद्धि के विरोध में सेंट थॉमस स्कूल के बाहर रोष प्रकट किया था। तब स्कूल ¨प्रसिपल ने लिखित में अपनी मांगें पूरी करने को कहा था। इस पर अभिभावकों ने 16 मई को 1400 से अधिक अभिभावकों ने अपने हस्ताक्षर के साथ मांग पत्र ¨प्रसिपल को दिया था। ¨प्रसिपल ने आश्वासन दिया था कि सात दिनों में वे इसका जवाब देंगी, लेकिन अब तक उन्हें जवाब नहीं मिला। इसलिए उन्होंने स्कूल के खिलाफ आरटीआइ लगाई। अब सोमवार से दोबारा स्कूल के सामने धरना देंगे।

आरटीआइ में मिले स्कूल के इन जवाबों पर अभिभावक को एतराज

- स्कूल ने ऑडिट बैलेंस शीट नहीं दी। जो बैलेंस शीट दी है, वह 15 सितंबर, 2015 से 31 मार्च, 2016 तक छह महीने की है, जबकि पूरे साल की बैलेंस शीट दी जानी चाहिए थी।

- स्कूल ने आरटीआइ में वाहन का खर्च 43.79 लाख रुपये दिखाया है, जबकि विद्यालय के पास बसों को छोड़कर अपना कोई वाहन नहीं है। तो ये कैसे हो सकता है कि एक स्कूल हर महीने 6.25 लाख रुपये वाहन पर खर्च कर रहा हो।

- कंप्यूटर का खर्च 46.42 लाख रुपये दिखाया गया है।

- बिजली का खर्च 7.68 लाख रुपये वार्षिक दिखाया है, जबकि बिजली निगम से आरटीआइ के तहत ली गई सूचना में स्कूल का बिल 3.23 लाख रुपये ही आया है। वहीं, बच्चों से 14.38 लाख रुपये लिया जा रहा है।

- कानूनी प्रक्रिया पर स्कूल ने 63.99 लाख रुपये खर्च दिखाया है। अभिभावक पूछ रहे हैं कि ऐसा कौन सा केस है, जिस पर इतनी मोटी रकम खर्च हो रही है।यह खर्च अभिभावक क्यों वहन करें।

- एडवांस फीस 113.03 लाख रुपये दिखाई गई है, जबकि हरियाणा कूल अधिनियम के तहत कोई भी सकूल वार्षिक सत्र शुरू होने से पहले किसी भी तरह की फीस एडवांस में नहीं ले सकता। ऐसे अभिभावक भी कितने हैं जो मार्च में ही अगले माह की फीस भर देते हैं।

- स्कूल के 116.84 लाख रुपये बैंक में जमा है। जब इतनी भारी रकम बैंक में जमा है, तो फीस में बढ़ोतरी क्यों की।

- स्कूल हर महीने प्रत्येक बच्चे से बस का किराया 1250 रुपये लेता है, जबकि सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल में केवल 450 रुपये लिए जा रहे हैं।

- अभिभावकों का यह भी आरोप है कि बच्चों के लिए बस खरीदने के लिए स्कूल के पास पैसा नहीं हैं, जबकि 25-27 लाख रुपये में एक फारच्यूनर खरीदी है। स्कूल चाहता तो छह-सात लाख रुपये में कोई भी गाड़ी खरीद सकता था।

- स्कूल के पास केवल एक ही जनरेटर है, जो ¨प्रसिपल और स्कूल प्रशासनिक विभाग के प्रयोग में लाया जाता है और बच्चों को इस गर्मी में बिना पंखों के रहना पड़ता है।

80 प्रतिशत बढ़ी मासिक फीस

बच्चों से हर माह ली जाने वाली फीस को ट्यूशन फीस की श्रेणी में रखा गया है। उक्त अभिभावकों के अनुसार स्कूल चार-पांच वर्षो से लगातार फीस बढ़ा रहा है। ट्यूशन फीस 80 प्रतिशत बढ़ चुकी है। डवलेपमेंट चार्ज 500 प्रतिशत तक बढ़े हैं, परीक्षा फीस तीन वर्षो से लगाई जा रही है। बिजली का बिल 250 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इसके अलावा कंप्यूटर फीस 290 प्रतिशत, साइंस फंड 700 प्रतिशत, बस फीस 175 प्रतिशत व वार्षिक चार्ज में 250 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की गई है।

मैनेजमेंट से मंजूर होता है : ¨प्रसिपल

अभिभावकों के लगाए इन सब आरोपों पर सेंट थॉमस स्कूल की ¨प्रसिपल चांदना लाल का कहना है कि हमारा स्कूल माइनोरिटी संस्थान है। जो भी खर्च किए जाते हैं, वे मैनेजमेंट की मंजूरी से होते हैं। इन सब सवालों का जवाब हम शिक्षा विभाग को दे चुके हैं। स्कूल में कोई एडवांस फीस जमा नहीं है। इसका जवाब चार्टर्ड अकाउंटेंट दे चुके हैं। जो अभिभावक प्रदर्शन की बात कह रहे हैं, उनमें दो प्रतिशत ही वे लोग हैं, जिनके बच्चे हमारे स्कूल में पढ़ते हैं। ये सब स्कूल को बदनाम करने की कोशिश है।

खर्चो का औचित्य पूछा है : डीईओ

जिला शिक्षा अधिकारी उदय प्रताप ¨सह का कहना है कि सेंट थॉमस स्कूल की कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं। उनके आधार पर स्कूल से आय-व्यय का ब्योरा मांगा गया था। पहले तो सेंट थामस स्कूल ने 31 दिसंबर, 2015 तक बैलेंस शीट और अकाउंट की जानकारी नहीं दी जा रही थी, लेकिन विभाग की सख्ती के बाद स्कूल ने उन्हें उपलब्ध कराया गया है। बैलेंस शीट में खर्चो की कुछ मदों को लेकर स्कूल को नोटिस जारी कर इन खर्चो का औचित्य पूछा गया है। अपने जवाब में उन्होंने खर्चो का औचित्य नहीं बताया है। फीस वृद्धि को मैनेजमेंट का विशेषाधिकार बताया गया है। खर्च और फीस वृद्धि नियमों के विरुद्ध है। इसकी पूरी रिपोर्ट बनाकर निदेशालय को भेजा जा रहा है।

जानिए स्कूल हर साल कितनी फीस लेता है सभी बच्चों से

ट्यूशन फीस 28728900

डेवलपमेंट फंड 2054400

इलेक्ट्रिसिटी फीस 1438080

इग्जाम फीस 1027200

साइंस फीस 598800

कंप्यूटर साइंस फीस 6166308

एनुअल चार्ज 4761050

ट्रांसपोर्ट फीस 4434950

लेट फीस 790

बैंक से ब्याज 84105

अन्य आय 9090

छह वर्षो में सेंट थॉमस स्कूल की ली गई फीस का ब्योरा

फीस 2016-17 2015-16 2014-15 2013-14 2012-13 2011-12

ट्यूशन फीस 1540 1400 1265 1150 1050 950

डवलेपमेंट 110 100 85 75 50 20

परीक्षा फीस 55 50 45 25 00 00

बिजली 75 70 60 55 50 30

कंप्यूटर फीस 175 175 150 125 80 60

साइंस फंड 165 150 125 100 80 20

ट्रांसपोर्ट फीस 1250 1250 1100 1000 800 475

वार्षिक चार्ज 2750 2500 2000 2000 1500 800

कुल 6120 5695 4800 4530 3610 2355

नोट : सभी तरह की फीस रुपये में है।


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