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मुक्तिधाम में फूल गई अंतिम संस्कार करने वाली मशीन की सांसें

मुक्तिधाम की कोविड वारियर्स टीम ने रविवार को रात को दो बजे तक संक्रमितों के शवों के अंतिम संस्कार किए। वहीं सोमवार को कोरोना से मरने वाले 11 लोगों के शव आ जाने के कारण सीएनजी सिस्टम से अंतिम संस्कार होना संभव नहीं था।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 07:14 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 07:14 PM (IST)
मुक्तिधाम में फूल गई अंतिम संस्कार करने वाली मशीन की सांसें
मुक्तिधाम में फूल गई अंतिम संस्कार करने वाली मशीन की सांसें

जागरण संवाददाता, सोनीपत : मुक्तिधाम (श्मशामन स्थल) में सीएनजी शवदाह गृह में कोरोना संक्रमितों के शवों का अंतिम संस्कार संभव नहीं हो पा रहा है। सीएनजी सिस्टम के लगातार चलने से इसके खराब होने की आशंका बढ़ गई है। मुक्तिधाम की कोविड वारियर्स टीम ने रविवार को रात को दो बजे तक संक्रमितों के शवों के अंतिम संस्कार किए। वहीं सोमवार को कोरोना से मरने वाले 11 लोगों के शव आ जाने के कारण सीएनजी सिस्टम से अंतिम संस्कार होना संभव नहीं था। ऐसे में मुक्तिधाम प्रबंधन के निवेदन पर सीएमओ और नगर आयुक्त ने खुले प्लेटफार्म पर अंतिम संस्कार करने की अनुमति प्रदान कर दी।

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कोरोना से मरने वालों के अंतिम संस्कार में भी अतिरिक्त सावधानी बरती जाती है। संक्रमण के डर से पीपीई किट पहनकर स्पेशल स्टाफ उनका अंतिम संस्कार सीएनजी या विद्युत शवदाह गृह में करता है। जिले में सीएनजी शवदाह गृह केवल सेक्टर-14 के शिव मुक्तिधाम में है। ऐसे में जिले के सभी कोरोना शवों का अंतिम संस्कार यहां पर किया जाता है। मुक्तिधाम प्रबंधन के अनुसार रविवार तक 106 कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार सीएनजी शवदाह गृह में किया गया। वहीं 60 संदिग्धों का अंतिम संस्कार भी कोविड मानकों के अनुसार किया गया। वहीं अप्रैल में कोरोना संक्रमितों के 28 शवों का अंतिम संस्कार किया गया जबकि सामान्य रूप से मरने वाले 62 शवों का अंतिम संस्कार यहीं पर किया गया।

यह है प्रक्रिया- प्रबंधन के अनुसार सीएनजी चालित मशीन से एक शव का अंतिम संस्कार होने में दो घंटे का समय लगता है। मशीन को ठंडा होने और अस्थिपुष्प उठाने के लिए 30 मिनट का समय चाहिए। सबसे पहले कोविड संक्रमित की मौत की सूचना स्वजन मुक्तिधाम पर देते हैं। उसके बाद सीएमओ से आनलाइन रिपोर्ट मुक्तिधाम को प्राप्त होती है। रिपोर्ट को को नगर आयुक्त को भेजा जाता है। नगर आयुक्त की स्वीकृति के बाद स्पेशल टीम अंतिम संस्कार कराती है।

दो दिन में पहुंचे संक्रमितों के 16 शव

रविवार को मुक्तिधाम पर कोविड से मरने वालों के पांच शव पहुंचे थे। मुक्तिधाम के रिकार्ड के अनुसार सेक्टर-14 के राजेंद्र ठक्कर, सुदामा नगर के बीसेखा, बहालगढ़ के शिवचरन, लाखू बुआना की सावित्री देवी और लाल दरवाजा के कौशल चंद्र की मौत कोरोना संक्रमण से हुई थी। इनके अंतिम संस्कार रविवार को किए गए। इसमें स्पेशल स्टाफ रात में दो बजे तक लगा रहा। वहीं सोमवार को खानपुर मेडिकल कालेज से चार, भगवानदास अस्पताल से चार और आस्कर अस्पताल से नागरिक अस्पताल होते हुए तीन संक्रमितों के शव पहुंचे। इतने शवों का सीएनजी सिस्टम से अंतिम संस्कार करना संभव नहीं था। इस पर मुक्तिधाम प्रबंधन के आवेदन पर सीएमओ और नगर आयुक्त ने खुले प्लेटफार्म पर कोरोना शवों को अंतिम संस्कार करने की स्वीकृति प्रदान कर दी।

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कोरोना से मरने वालों की संख्या एकाएक बढ़ गई है। ऐसे में प्रशासनिक गाइडलाइन के अनुसार सीएनजी सिस्टम से इनका अंतिम संस्कार कराना संभव नहीं है। इसके चलते हमको खुले प्लेटफार्म पर अंतिम संस्कार की स्वीकृति मिल गई है। पीपीई किट में सुरक्षा के साथ खुले में अंतिम संस्कार कराए जा रहे हैं।

- डा. डीएन मल्होत्रा, सचिव, शिव मुक्तिधाम, सेक्टर-14


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