मांगों को लेकर 700 कर्मचारियों ने दी गिरफ्तारी
जिले के विभिन्न विभागों के करीब 700 कर्मचारियों ने मंगलवार को अपनी मांगों के विरोध में गिरफ्तारियां दी। इससे पहले कर्मचारियों ने सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले पंचायत भवन से छोटूराम चौक होते हुए लघु सचिवालय परिसर तक जुलूस-मार्च निकाला। पुलिस ने लघु सचिवालय परिसर में कर्मचारियों को गिरफ्तार करने के बाद करीब तीन घंटे तक पुलिस लाइन में रखा। इसके बाद नायब तहसीलदार देशराज कंबोज ने सभी को रिहा किया। प्रदर्शन का नेतृत्व सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान रामेहर शर्मा, सचिव जयभगवान दहिया, सीआइटीयू जिला प्रधान चंद्रभान, राज्य सचिव आनंद शर्मा, शिलकराम मलिक, बिजेंद्र चहल व सुनीता ने संयुक्त रूप से किया।
जागरण संवाददाता, सोनीपत:
जिले के विभिन्न विभागों के करीब 700 कर्मचारियों ने मंगलवार को अपनी मांगों को लेकर गिरफ्तारियां दी। इससे पहले कर्मचारियों ने सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले पंचायत भवन से छोटूराम चौक होते हुए लघु सचिवालय परिसर तक जुलूस मार्च निकाला। पुलिस ने लघु सचिवालय परिसर में कर्मचारियों को गिरफ्तार करने के बाद करीब तीन घंटे तक पुलिस लाइन में रखा। इसके बाद नायब तहसीलदार देशराज कंबोज ने सभी को रिहा किया।
प्रदर्शन का नेतृत्व सर्व कर्मचारी संघ के जिला प्रधान रामेहर शर्मा, सचिव जयभगवान दहिया, सीआइटीयू जिला प्रधान चंद्रभान, राज्य सचिव आनंद शर्मा, शिलकराम मलिक, बिजेंद्र चहल व सुनीता ने संयुक्त रूप से किया।
रामेहर शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार ने चुनाव के समय कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने के लिए विभिन्न वादे किए थे, लेकिन चार साल से ज्यादा के कार्यकाल में उन्हें पूरा नहीं किया है। इस कारण प्रदेश में ठेकेदारी और निजीकरण का बोलबाला है। नगरपालिका कर्मचारी, आंगनबाड़ी वर्कर्स, ग्रामीण चौकीदार, वन मजदूर, स्वास्थ्य कर्मी, ग्रामीण सफाई कर्मी समेत अन्य विभागों के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। उनका आरोप है कि सरकार उनकी मांगों को लागू करने की बजाय उन पर एस्मा कानून लागू कर मुकदमे दर्ज करने के अलावा कर्मचारियों को गिरफ्तार कर रही है। इससे कर्मचारियों में रोष है। इसी के विरोध में कर्मचारियों ने जेल भरो आंदोलन का निर्णय लिया।
उन्होंने एस्मा के तहत कर्मचारियों पर दर्ज मामले वापस, कच्चे कर्मचारियों को पक्का, न्यूनतम वेतन 18 हजार, ग्रेड पे में बढ़ोतरी, खाली पदों पर भर्ती, निजीकरण एवं ठेकाप्रथा बंद करने समेत अन्य मांगों को लागू करने की मांग की। इस मौके पर आनंद राणा, रणबीर मलिक, महेंद्र मलिक, वीरेंद्र पहल, रानी, सुनीता राणा, कमलेश, अनीता, राजा भाई, रमेश अत्री, श्याम सुंदर, धर्मपाल मलिक आदि मौजूद रहे।