बच्चों में जगाई जा रही शिक्षा की अलख
अमित कौशिक, सोनीपत : प्रत्येक बच्चे तक शिक्षा की अलख जगाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान व गैर सरकारी संगठन एचपीपीआई (ह्यूमन पीपुल टू पीपुल इंडिया) की ओर से एक अच्छी पहल की गई है। एसएसए व एनजीओ के संयुक्त प्रयास से उन बच्चों को शिक्षा देने का बीड़ा उठाया गया है, जो किसी कारणवश स्कूल में दाखिला नहीं ले सके।
अमित कौशिक, सोनीपत
प्रत्येक बच्चे तक शिक्षा की अलख जगाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान(एसएसए) व गैर सरकारी संगठन एचपीपीआइ (ह्यूमन पीपुल टू पीपुल इंडिया) की ओर से एक अच्छी पहल की गई है। एसएसए व एनजीओ के संयुक्त प्रयास से उन बच्चों को शिक्षा देने का बीड़ा उठाया गया है, जो किसी कारणवश स्कूल में दाखिला नहीं ले सके। आउट ऑफ स्कूल अभियान के तहत एनजीओ की ओर से अलग-अलग स्थानों पर जाकर अभिभावकों को जागरूक कर उनके बच्चों को एक निश्चित स्थान मुहैया कराकर पढ़ाई कराई जा रही है।
यह अभियान इस शैक्षणिक सत्र में इसी महीने 6 सितंबर से शुरू हुआ है, जिसमें अभी तक सोनीपत जिले में 12 सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं। प्रत्येक सेंटर में 25 विद्यार्थी शामिल हैं। इन सेंटरों का जिले के सभी सात खंडों में विस्तार कर प्रत्येक बच्चे तक शिक्षा पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इन सेंटरों के लिए क्षेत्र की राजकीय प्राथमिक पाठशाला का चुनाव किया गया है। फिलहाल 12 में से 11 सेंटर राई खंड जबकि एक सेंटर सोनीपत खंड में स्थापित किया जा चुका है। राई खंड में आने वाले बढ़मलिक प्राइमरी स्कूल में 25-25 बच्चों के चार सेंटर बनाए गए हैं। वहीं कुंडली में तीन, राई में दो, जठेड़ी में एक और नांगल कलां स्थित प्राइमरी स्कूल में एक सेंटर स्थापित किया गया है। इसी के साथ सोनीपत पुलिस लाइन स्थित प्राइमरी स्कूल में एक सेंटर बनाया गया है, जहां शिक्षा से वंचित बच्चों को पढ़ाई कराई जा रही है। इन बच्चों की कक्षा स्कूल में दाखिला लिए अन्य बच्चों से अलग लग रही है। इनकी पढ़ाई के लिए किताबें भी जल्द पहुंचा दी जाएगी, जिनका टेंडर आवंटित किया जा चुका है। अस्थायी शिक्षकों को वेतन देगा एसएसए
आउट ऑफ स्कूल स्कीम के तहत बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रत्येक सेंटर पर एक शिक्षक लगाया गया है, जिसे एसएसए की ओर से नौ हजार रुपये मासिक वेतन मिलेगा। शिक्षकों का चुनाव उनकी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर किया जा रहा है, जिसमें जेबीटी, बीए-बीएड व एमएससी और बीएससी डिग्री धारकों को तरजीह दी जाती है। यह शिक्षक एक ही शैक्षणिक सत्र के लिए लगाए गए हैं और अगले सत्र में नए सिरे में नियुक्ति की जाएगी। एसएसए और एचपीपीआइ के साझा प्रयास से आउट ऑफ स्कूल स्कीम के तहत उन बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने का बीड़ा उठाया गया है जिन्होंने स्कूल में दाखिला ही नहीं लिया। हमें इस स्कीम के तहत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। हमारा लक्ष्य है कि जिले में छह से लेकर 14 वर्ष तक का कोई भी बच्चा पढ़ाई से वंचित न हो। इसके लिए अभिभावकों को भी जागरूक होना होगा।
-प्रोमिला भारद्वाज, परियोजना अधिकारी, एसएसए