हेलीकॉप्टर में जाएगी बीपीएल परिवार के बेटी की डोली
रमजीत, गोहाना (सोनीपत): बीपीएल परिवार की एक बेटी की शादी के बाद विदाई हेलीकॉप्टर से होने वाली है। हांसी में गांव रामपुरा के साधारण परिवार का बेटा आज (रविवार) अपनी दुल्हनियां को लेने के लिए हेलीकॉप्टर से गोहाना के गांव हसनगढ़ आएगा और हेलीकॉप्टर में ही डोली लेकर जाएगा। गांव में पहली बार हेलीकॉप्टर से दूल्हे का आना ग्रामीणों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है।
परमजीत, गोहाना (सोनीपत): बीपीएल परिवार की एक बेटी की शादी के बाद विदाई हेलीकॉप्टर से होने वाली है। हांसी में गांव रामपुरा के साधारण परिवार का बेटा आज (रविवार) अपनी दुल्हनियां को लेने के लिए हेलीकॉप्टर से गोहाना के गांव हसनगढ़ आएगा और हेलीकॉप्टर में ही डोली लेकर जाएगा। गांव में पहली बार हेलीकॉप्टर से दूल्हे का आना ग्रामीणों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है। अपने बेटे की शादी को यादगार बनाने लिए दूल्हे के पिता ने हेलीकॉप्टर का इंतजाम किया है। दुल्हन की सादगी भा गई थी दूल्हे के पिता को
दरअसल, हिसार जिले के अंतर्गत हांसी क्षेत्र के गांव रामपुरा निवासी सतबीर करीब सवा साल पहले गोहाना क्षेत्र के गांव हसनगढ़ में एक कार्यक्रम में आये थे। उस समय उनकी नजर गांव के मजदूर सतबीर ¨सह यादव की बेटी संतोष पर पड़ गई। वे उसकी सादगी से काफी प्रभावित हो गए थे और उन्होंने उसी समय अपने बेटे संजय की शादी उससे कराने की सोच ली थी। इसके करीब एक सप्ताह बाद 1 जनवरी, 2018 को वे परिजनों को लेकर गांव हसनगढ़ पहुंचे और सतबीर ¨सह से अपने बेटे के लिए संतोष का हाथ मांगते हुए रिश्ता भी पक्का कर दिया। वे शादी यादगार बनाने के साथ ही बिना दहेज बेटी की शादी कर मिसाल भी देना चाहते हैं। मुश्किल थी राह, भूमि अधिग्रहण ने किया आसान
सतबीर अपने बेटे की शादी को यादगार बनाने के लिए हेलीकॉप्टर से दुल्हन की डोली लाना चाहते थे, लेकिन उनके पास मात्र तीन एकड़ जमीन थी और पारिवारिक पृष्ठभूमि भी साधारण थी। ऐसे में पैसों के इंतजाम काफी मुश्किल थे, लेकिन इसी दौरान उनकी हांसी में नेशनल हाईवे पर स्थित आधा एकड़ जमीन का सरकार ने अधिग्रहण कर लिया। इसके मुआवजे में मिले कुछ पैसे को खर्च कर उन्होंने बेटे की शादी को यादगार बनाने की राह निकाल ली। करीब 70 हजार रुपये प्रति घंटा के हिसाब से हेलीकॉप्टर बुक किया है। संजय व उसके चार परिजन रविवार को हेलीकॉप्टर में बारात लेकर गांव हसनगढ़ पहुंचेंगे। फेरे लेने के बाद संजय अपनी दुल्हन संतोष को हेलीकॉप्टर में ही उड़ाकर ले जाएंगे। सपने में भी नहीं सोचा था ऐसे होगी मेरी विदाई
संतोष का कहना है कि बीपीएल परिवार से होने के चलते उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी डोली हेलीकॉप्टर से जाएगी। विदाई तो दूर, उसने तो हेलीकॉप्टर में बैठने की भी नहीं सोची थी, लेकिन अब यह हकीकत में बदलने जा रहा है। उसने बताया कि वह अपनी खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर पा रही है। वास्तव में यह एक यादगार शादी है। ताऊ के लड़के ने पढ़ाया
संतोष के माता-पिता मजदूरी करके परिवार का खर्च चलाते हैं। संतोष के ताऊ स्व. राजमल की पत्नी ओमपति ने उसकी पढ़ाई का खर्च उठाने का संकल्प लिया। ओमपति ने संतोष को 12वीं कक्षा के बाद आगे पढ़ने के लिए करीब तीन साल पहले जयपुर में बिजली विभाग में नियुक्त अपने बेटे पवन के पास भेज दिया था। 21 वर्ष की संतोष ने इसी साल ही बीए पास की है। उधर, संजय इस समय बीए फाइनल में पढ़ रहा है।