17 दिन बाद पटरी पर लौटी पेराई, किसानों को राहत
शहर के सहकारी चीनी मिल में आखिर सत्र शुभारंभ के 17 दिन बाद पेराई पटरी पर लौट आई। इससे मिल प्रबंधन के साथ किसानों ने भी राहत की सांस ली। अधिकारियों ने पहले मिल में पहुंचे 35 हजार ¨क्वटल गन्ने की पेराई करने का निर्णय लिया, जिससे उन्होंने अन्य किसानों को गन्ना लाने से रोक दिया। अब मिल प्रबंधन पहले 10 दिन तक क्षमता के कम गन्ने की पेराई करेगा, ताकि नई मशीनरी सही तरीके से सेट हो सके।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : शहर के सहकारी चीनी मिल में आखिरकार सत्र शुभारंभ के 17 दिन बाद पेराई पटरी पर लौट आई। इससे मिल प्रबंधन के साथ किसानों ने भी राहत की सांस ली। अधिकारियों ने पहले मिल में पहुंचे 35 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई करने का निर्णय लिया, जिससे उन्होंने अन्य किसानों को गन्ना लाने से रोक दिया। अब मिल प्रबंधन पहले 10 दिन तक क्षमता के कम गन्ने की पेराई करेगा, ताकि नई मशीनरी सही तरीके से सेट हो सके।
गौरतलब है कि सहकारी चीनी मिल में इस बार सरकार ने 35 लाख ¨क्वटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य रखा है। इसके लिए 30 अप्रैल की आखिरी तारीख भी फाइनल कर रखी है। इसी के तहत मिल में पेराई सत्र का शुभारंभ 22 नवंबर को हुआ था। शुभारंभ के कुछ ही मिनट बाद ही मिल में पेराई का काम बंद हो गया था। इसका मुख्य कारण पेराई क्षमता बढ़ाने के लिए लगाई गई नई मशीन का सेट न होना था। मिल प्रबंधन जहां लगातार पेराई शुरू करने की जदोजहद में लगा था, वहीं किसान लगातार गन्ना लेकर पहुंच रहे थे। हालांकि बीच में अधिकारियों ने मिल में पेराई शुरू कराई, लेकिन तकनीकी कमी के कारण फिर से उसे बार-बार रोका जा रहा था। ऐसे में बुधवार दोपहर बाद प्रबंधन ने पेराई सुचारू करा दी, जिससे किसानों को काफी राहत मिली। किसानों को गन्ना लाने से रोका
चीनी मिल में सत्र शुभारंभ के बाद से अब तक केवल 1 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई ही की गई है, जबकि मिल में 35 हजार गन्ना लेकर किसान पहुंच चुके हैं। मिल परिसर में गन्ने से भरी सैकड़ों ट्रालियां खड़ी हैं, जिससे और गन्ना लाने की जगह नहीं बची है। इसके तहत मिल प्रबंधन ने मैसेज के जरिये अन्य किसानों को गन्ना लाने से रोक दिया है। 35 हजार गन्ने की पेराई के बाद ही किसानों को और गन्ना लाने के लिए सूचित किया जाएगा। नई मशीनें स्थापित करने के चलते पेराई में थोड़ी देरी हुई है। अब मिल ने ठीक ढंग से काम करना शुरू कर दिया है। पेराई क्षमता बढ़ने से 35 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य पूरा करने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। फिलहाल कुछ कम गन्ना पेराई किया जाएगा। बाद में क्षमता अनुसार पेराई शुरू कर दी जाएगी।
सुरेंद्र दून, एमडी, शुगर मिल, सोनीपत