प्रशासन ने नए चालकों को सौंपी रोडवेज बसों की कमान, होमगार्ड बने परिचालक
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के बीच सोमवार को प्रशासन ने यात्रियों को सुविधा देने के लिए नए चालकों से बसों का परिचालन कराया। साथ ही परिचालक की जिम्मेदारी होमगार्ड को सौंपी। इसके लिए प्रशासन ने पुलिस लाइन को अस्थायी बस स्टैंड बनाया है। वहां से चालक व होमगार्ड को टिकट देकर परिचालन के लिए भेजा गया है। दूसरी ओर, बस स्टैंड परिसर के बाहर हड़ताल कर धरने पर बैठे रोडवेज कर्मचारियों का विभिन्न संगठनों ने समर्थन किया।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के बीच सोमवार को प्रशासन ने यात्रियों को सुविधा देने के लिए नए चालकों से बसों का परिचालन कराया। साथ ही परिचालक की जिम्मेदारी होमगार्ड को सौंपी। इसके लिए प्रशासन ने पुलिस लाइन को अस्थायी बस स्टैंड बनाया है। वहां से चालक व होमगार्ड को टिकट देकर परिचालन के लिए भेजा गया है। दूसरी ओर, बस स्टैंड परिसर के बाहर हड़ताल कर धरने पर बैठे रोडवेज कर्मचारियों का विभिन्न संगठनों ने समर्थन किया।
सरकार के रोडवेज के बेड़े में 720 निजी बसों को शामिल करने के विरोध में रोडवेज कर्मचारी पिछले सात दिन से हड़ताल पर हैं। हड़ताल के कारण जहां पहले तीन दिन रोडवेज की कुछ बसों का परिचालन हुआ तो चौथे दिन कर्मचारियों ने उन्हें भी बंद कर दिया। इस पर प्रशासन ने निजी बसों का सहारा लिया, लेकिन यात्रियों को पूर्ण रूप से सुविधा नहीं मिली। नियमित बसों का परिचालन न होने से यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसी के मद्देनजर स्थानीय प्रशासन ने सरकार के निर्देशानुसार चालकों की आउटसोर्सिंग पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की। अधिकारियों ने पहले पुलिस लाइन में बसों को शिफ्ट किया। इसके बाद सोमवार को चालकों की नियुक्ति करते हुए सोनीपत से चारों ओर जिला कनेक्टिविटी करते हुए बसों का परिचालन कराया। दिनभर रोडवेज की 40, निजी 21 व सहकारी समितियों की 31 बसों का परिचालन हुआ। प्रशासन ने पहले बसों को पुलिस लाइन से बस स्टैंड परिसर में भेजा। उसके बाद यात्रियों को बस स्टैंड परिसर से बैठाकर गंतव्य के लिए रवाना किया। साथ ही सहकारी समितियों को भी बस स्टैंड परिसर से ही चलवाया। इससे यात्रियों को काफी सुविधा मिली। समर्थन में उतरे बिजली व अन्य विभागों के कर्मचारी
रोडवेज कर्मचारियों का समर्थन करते हुए बिजली निगम के कर्मचारियों ने संबंधित सब डिविजन कार्यालयों में ऑल हरियाणा पावर कॉरपोरशेन वर्कर्स यूनियन, एचएसईबी वर्कर्स यूनियन के बैनर तले धरने दिए। साथ ही रोडवेज कर्मचारियों के धरना स्थल पर पहुंचकर समर्थन किया। इसके अलावा हरियाणा गवर्मेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन, एआइयूटीयूसी, हरियाणा संयुक्त कर्मचारी मंच, नगरपालिका कर्मचारी संघ, हुडा, आंगनबाड़ी, क्रैच वर्कर्स, किसान सभा समेत अन्य संगठनों ने समर्थन किया। वहीं, मंगलवार को मुरथल स्थित डीसीआरयूएसटी के कर्मचारी भी रोडवेज कर्मचारियों के समर्थन में काले बिल्ले लगाकर प्रदर्शन करेंगे। साथ ही यूनिवर्सिटी से बस स्टैंड परिसर तक रोष मार्च निकालेंगे। खरखौदा में भी बिजली कर्मचारियों ने धरना देकर रोडवेज कर्मचारियों का समर्थन किया। आवेदकों की उमड़ी भीड़, आवेदन जमा न होने पर भड़के
सरकार की आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत चालक व परिचालकों के पदों पर भर्ती के लिए बस स्टैंड परिसर में आवेदन जमा हो रहे हैं। सोमवार को आवेदन जमा कराने के लिए आवेदकों की काफी भीड़ जमा हुई। आवेदकों ने आरोप लगाया कि कर्मचारी उनके आवेदन जमा करने की बजाय वहां से चले गए। इस पर उन्होंने परिसर में जमकर हंगामा किया। बिजली कर्मी समर्थन में
गोहाना में रोडवेज कर्मियों के समर्थन में आई कई पंचायतें हड़ताल के कारण सोमवार को गोहाना बस स्टैंड से एक भी बस नहीं चल पाई और अधिकतर कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। बिजली कर्मियों ने रोडवेज कर्मियों के आंदोलन के समर्थन में धरना दिया। वहीं, कई पंचायतों के प्रतिनिधि बस स्टैंड पर पहुंचे और रोडवेज कर्मियों की मांगों का समर्थन किया। इस दौरान गांव बनवासा की ग्राम पंचायत के सरपंच विकास नरवाल, गांव बिलबिलान की पंचायत के प्रतिनिधियों ने अपना समर्थन दिया। इनसो के सदस्य भी समर्थन देने पहुंचे। हड़ताल के दौरान यात्रियों को कोई परेशानी न हो इसके लिए विभाग व प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किया जा रहा है। इसी के चलते सरकार के आदेशानुसार नए चालकों की नियुक्ति कर उन्हें बसें सौंप दी है। 40 रोडवेज के साथ 21 निजी बसों को दिल्ली, रोहतक, बड़ौत, गोहाना, पानीपत समेत कई रूटों पर चलाया।
जोगेंद्र ¨सह रावल, महाप्रबंधक, रोडवेज, सोनीपत।