ढाई माह बाद संक्रमितों का इलाज कर घर लौटीं डॉक्टर बिटिया पर बरसाए फूल
ढाई महीने तक दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज कर अपने घर लौटीं गांव रोहणा निवासी डॉ. प्रीति का उनके परिवार के सदस्यों ने फूल बरसाकर स्वागत किया।
हरीश भौरिया, खरखौदा
ढाई महीने तक दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज कर अपने घर लौटीं गांव रोहणा निवासी डॉ. प्रीति का उनके परिवार के सदस्यों ने फूल बरसाकर स्वागत किया। परिजनों ने अच्छी तरह अपने फर्ज को अंजाम देकर लौटी बेटी की खूब आवभगत की। डॉ. प्रीति के साथ ड्यूटी करने वाले इसी अस्पताल के 19 कर्मचारियों में 16 कर्मचारी संक्रमित हो गए थे ।
घर लौटी डॉ. प्रीति ने बताया कि घर पर मार्च में होली मनाकर जैसे ही वह अस्पताल पहुंची थी तो कोरोना से लड़ने की तैयारी अस्पताल में हो चुकी थी। वह 19 स्टाफ सदस्यों की टीम में शामिल थी, जिन्होंने सप्ताह में दो-दो बार 24-24 घंटे की ड्यूटी देनी होती थी। उस ड्यूटी के दौरान एक बार सुबह खाना खाने और वॉशरूम जाने के बाद 24 घंटे के बाद अगली सुबह वार्ड से बाहर निकलते थे। खुद को कोरोना संक्रमण से बचाने के साथ ही 24 घंटे पीपीई किट पहनकर रखना काफी तकलीफदेह भी होता था, लेकिन सेवाभाव के साथ वह अपने सहकर्मियों के साथ इस काम में जुटी रहीं।
ड्यूटी के दौरान अस्पताल के 19 स्टाफ सदस्यों में से 16 सदस्य कोरोना संक्रमितों का इलाज करने के दौरान खुद भी संक्रमित हो गए लेकिन डॉ. प्रीति एहतियात बरतते हुए अपने आपको संक्रमण से बचाने में सफल हुईं और ढाई माह सेवाएं देने के बाद मंगलवार सुबह घर लौटी। इससे पहले प्रीति ने दो बार अपनी कोविड-19 जांच कराई, जो नेगेटिव आईं। इसके साथ ही उन्होंने 7 दिन का होम क्वारंटाइन भी पूरा किया। परिवार को बेटी पर गर्व
घर लौटी डॉक्टर बिटिया के स्वागत में परिवार सदस्यों ने फूल बरसाए। इस दौरान डॉ. प्रीति का पगड़ी पहनाकर उसका स्वागत किया गया। पिता सुभाष ने कहा कि पूरे परिवार को बेटी पर गर्व है कि इस महामारी के दौरान पूरी सेवाभाव से उसने संक्रमितों का इलाज किया।