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सीट बेल्ट नहीं लगाने पर अधिकारी को टोकना पड़ा भारी

लॉकडाउन में वाहन चेकिग के समय आरएसओ का एक अधिकारी को सीट बेल्ट लगाने को कहना भारी पड़ गया। अब एक महीने बाद उक्त अधिकारी ने आरएसओ को तहसीलदार के ऑफिस में बुलाया और अभद्रता की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Jun 2020 09:01 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jun 2020 09:01 PM (IST)
सीट बेल्ट नहीं लगाने पर अधिकारी को टोकना पड़ा भारी
सीट बेल्ट नहीं लगाने पर अधिकारी को टोकना पड़ा भारी

जागरण संवाददाता, सोनीपत: लॉकडाउन में वाहन चेकिग के समय आरएसओ (रोड सेफ्टी अफसर) का एक अधिकारी को सीट बेल्ट लगाने को कहना भारी पड़ गया। अब एक महीने बाद उक्त अधिकारी ने आरएसओ को तहसीलदार के ऑफिस में बुलाया और अभद्रता करने के साथ ही उसे डंडों से पीट दिया। इससे नाराज आरएसओ ने साथियों के साथ मिलकर प्रदर्शन किया और रिपोर्ट दर्ज कराने को पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोपित अधिकारी पर कार्रवाई न होने पर आरएसओ ने धरना देने का एलान किया है।

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रोड सेफ्टी अफसर अशोक कुमार ने पुलिस को तहरीर दी है कि करीब एक महीने पहले रात को देवीलाल चौक पर लॉकडाउन ड्यूटी चल रही थी। इस दौरान वहां पर एक अधिकारी की गाड़ी पहुंची। अधिकारी ने शराब पी रखी थी। अधिकारी और चालक में से किसी ने सीट बेल्ट नहीं लगा रखी थी। उस समय उनको बड़े अदब से सीट बेल्ट लगाने को कह दिया। शराब के नशे में होने के चलते अधिकारी आग-बबूला हो गए और बदसलूकी करने लगे। उस समय वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने समझाकर मामला शांत करा दिया। अब रोड सेफ्टी प्रभारी देवेंद्र गौतम के माध्यम से अधिकारी ने उनको तहसीलदार के कार्यालय में बुलाया। वहां पर अशोक कुमार को गंदी गालियां दीं और डंडे से पिटाई की।

इसकी जानकारी मिलने पर पूर्व जिला पार्षद संजय बड़वासनिया अशोक कुमार के पक्ष में आ गए और विरोध में जिला उपायुक्त कार्यालय के सामने प्रदर्शन करके सीटीएम को ज्ञापन सौंपा। सीटीएम से सीसीटीवी फुटेज निकलवाने की मांग की गई। इस संदर्भ में कोर्ट कांप्लेक्स चौकी में शिकायत देकर दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। इस अवसर पर सोनू शर्मा, पूर्व सरपंच प्रदीप, ओम कुमार, अमरजीत व सोनू आदि उपस्थित रहे। बड़े शर्म की बात है कि जनता की समस्या का समाधान करने वाले अधिकारी तानाशाही - गुंडागर्दी दिखाकर पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। जनता की सुरक्षा करने वाले अधिकारी के व्यवहार की निदा की जाए। इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर निष्पक्ष जांच कराने की जरूरत है। न्याय नहीं मिलता है तो हम उपायुक्त से मिलेंगे।

- संजय बड़वासनिया, पूर्व जिला पार्षद।


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