मां ने भी दी फर्ज को अहमियत, अब नाना-नानी के पास रहेगी छह माह की बेटी
डीएसपी डॉ. रविद्र कुमार की छह महीने की बेटी गुड़िया अबनूर की देखभाल अब नाना-नानी करेंगे। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते डीएसपी की पत्नी डॉ. चीना ने अपने कर्तव्य को सर्वोपरी मानकर ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। हालांकि उनका अवकाश अभी बाकी था।
डीपी आर्य, सोनीपत
डीएसपी डॉ. रवींद्र कुमार की छह महीने की बेटी अबनूर की देखभाल अब उसके नाना-नानी करेंगे। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते डीएसपी की पत्नी डॉ. चीना ने अपने कर्तव्य को सर्वोपरि मानकर ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। हालांकि उनका अवकाश अभी बाकी था। अब डॉ. रविद्र कुमार और डॉ. चीना दोनों लॉकडाउन के चलते ड्यूटी पर रहेंगे। संक्रमण के डर और समय की कमी से वह बेटी से अलग रहेंगे। ऐसे में बेटी अबनूर की देखभाल अब उसके नाना-नानी करेंगे। वह कुरुक्षेत्र से डीएसपी के आवास पर पहुंच गए हैं।
कई बार व्यक्ति अपने परिवार व समाज के कर्तव्यों के बीच में उलझ जाता है। वह दोराहे पर खड़ा होकर विचार करता है कि आखिर अपने किस कर्तव्य को प्राथमिकता दें। ऐसा ही डीएसपी डॉ. रवींद्र कुमार के परिवार में हो रहा है। उन पर शहर में लॉकडाउन को लागू कराने की जिम्मेदारी है। वह सुबह आठ बजे से रात 12 बजे तक ड्यूटी पर रहते हैं। संक्रमण फैलने के डर से वह परिवार से दूरी बनाकर रहे थे। उनकी पत्नी डॉ. चीना पीजीआइ रोहतक में रेडियोलॉजिस्ट हैं। इनको छह महीने की बेटी अबनूर है। इसके चलते डॉ. चीना मातृत्व अवकाश पर हैं। अभी उनका अवकाश बाकी है।
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस समय पीजीआइ में मरीजों की भरमार है। चिकित्सकों को लगातार ड्यूटी करनी पड़ रही हैं। मातृत्व अवकाश पर होने के चलते डॉ. चीना पर तत्काल ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कोई दबाव नहीं था। उसके बावजूद उनका कर्तव्य बोध लगातार कचोट रहा था। उनको अस्पताल में अपनी सेवाओं को देने की जरूरत महसूस हो रही थी। इसको लेकर उन्होंने अपने पति डीएसपी डॉ. रवींद्र कुमार से बातचीत की। बेटी के बुलाने पर कुरुक्षेत्र से सोनीपत आए मां-बाप
दोनों ने छह महीने की बेटी के पालन-पोषण करने को लेकर विचार किया। उसके बाद तय किया गया कि डॉ. चीना को इस संकटकाल में सेवा पर चले जाना चाहिए। ऐसे में सूचना देकर ससुराल कुरुक्षेत्र से डॉ. चीना ने अपने माता-पिता को बुला लिया और पीजीआइ में अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। कोरोना संक्रमण के डर से पति-पत्नी में से कोई भी बेटी से जल्दी मुलाकात नहीं करेगा। बेटी को याद कर डॉ. रवींद्र कुमार और डॉ. चीना दोनों की आंखें नम हैं, लेकिन उनका तर्क है कि देश पर संकट के समय हम क्या किसी से कम हैं?