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अंधविश्वास खत्म करने के लिए खर्च होंगे 50 लाख रुपये

श्मशान घाट में पर्यावरण संरक्षण के लिए लगाया गया प्रदेश का पहला सीएनजी चालित शव दाह संयंत्र अंधविश्वास की भेंट चढ़ गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 06:08 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 06:08 PM (IST)
अंधविश्वास खत्म करने के लिए खर्च होंगे 50 लाख रुपये

डीपी आर्य, सोनीपत

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मान्यता बड़ी चीज होती है। यही कारण है कि सेक्टर-14-15 के श्मशान घाट में पर्यावरण संरक्षण के लिए लगाया गया प्रदेश का पहला सीएनजी चालित शव दाह संयंत्र अंधविश्वास की भेंट चढ़ गया है। सस्ता और प्रदूषणरोधी होने के कारण लावारिस शवों का दाह संस्कार इसमें किया जाता है। ऐसे में लोग अपने परिजनों का अंतिम संस्कार इसमें कराने से हिचकते हैं। लोगों का मानना है कि इस संयंत्र में संस्कार कराने से मृतकों की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। समझाने के बावजूद लोग इसमें अंतिम संस्कार को तैयार नहीं हो रहे हैं। इसके चलते कमेटी अब 50 लाख रुपये की लागत से दूसरा सीएनजी संयंत्र लगाएगी।

शवों के अंतिम संस्कार से बड़े स्तर पर वायु प्रदूषण होता है। इसके समाधान को शिव मुक्तिधाम के पदाधिकारियों ने शवों के अंतिम संस्कार के लिए सीएनजी से संचालित शव दाह संयंत्र लगवाया हुआ है। इसमें सीएनजी से शव का दाह संस्कार होता है। उससे निकलने वाली गैसों को पानी के चैंबर से शुद्ध करके ब्लोअर के सहारे 100 फिट ऊंची चिमनी से ऊपर छोड़ा जाता है। इसमें लगी ट्रे से अस्थियां चुनने में आसानी होती है। लकड़ियों से अंतिम संस्कार में जहां करीब 35 सौ रुपये का खर्च आता है, वहीं सीएनजी संयंत्र में 18 सौ रुपये में अंतिम संस्कार हो जाता है। इसके चलते लावारिस शवों का अंतिम संस्कार इसी संयंत्र में किया जाता है। कमेटी के पदाधिकारी लोगों को प्रेरित करते हैं कि प्रदूषण कम करने और पेड़ों को बचाने के लिए सीएनजी संयंत्र में अंतिम संस्कार कराएं लेकिन अब यह संयंत्र अंधविश्वास की भेंट चढ़ गया है। लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के चलते लोग अपने परिजनों का दाह संस्कार इसमें करने को तैयार नहीं हैं। उनका मानना है कि इस संयंत्र में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार होता है, ऐसे में उनके परिजनों का दाह संस्कार करने से उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। कमेटी पदाधिकारियों के समझाने का असर लोगों पर नहीं हो रहा है। बुधवार को एक शव के संस्कार के समय लोगों को काफी समझाया गया, बारिश के चलते ईंधन भी भीगा हुआ था। इसके बावजूद परिवार के लोग और रिश्तेदार सीएनजी संयंत्र में संस्कार को केवल इसलिए तैयार नहीं हुए, क्योंकि मंगलवार को संयंत्र में एक लावारिस शव का संस्कार किया गया था। अब सेक्टर-14-15 के श्मशान घाट शिव मुक्तिधाम के पदाधिकारियों ने इसका समाधान तलाश लिया है। श्मशान घाट में अब एक और सीएनजी संयंत्र लगाया जाएगा। नए संयंत्र का स्थान चिह्नित कर लिया गया है। इसका निर्माण जल्द शुरू कर दिया जाएगा।

लोग सीएनजी संयंत्र में शवों का दाह संस्कार कराने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसमें लावारिस शवों का संस्कार होने से नहीं कराते। उनको डर है कि इससे मृतक की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। ऐसे में एक और सीएनजी संयंत्र लगवाने का निर्णय लिया गया है।

- नरेंद्र भुटानी , सचिव, शिवमुक्ति धाम, सेक्टर-14-15


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