धान का ऑनलाइन पंजीकरण करवाएं किसान
सरकार ने किसानों को धान की बिक्री में परेशान न होने देने और माफियाओं-बिचौलियों को रोकने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। नई योजना को गेहूं की तर्ज पर अंजाम दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, सोनीपत: सरकार ने किसानों को धान की बिक्री में परेशान न होने देने और माफियाओं-बिचौलियों को रोकने के लिए रणनीति तैयार कर ली है। नई योजना को गेहूं की तर्ज पर अंजाम दिया जाएगा। ऐसे में वास्तविक किसान ही धान की बिक्री कर सकेंगे। अब एक जिले के किसान भी दूसरे में जाकर धान की पैदावार को नहीं बेच सकेंगे। सभी किसानों को अपना पंजीकरण कराने के निर्देश दिए गए हैं।
गेहूं की खरीद प्रक्रिया को सरकार ने कई साल पहले पारदर्शी बना दिया था, लेकिन धान के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया था। धान का मूल्य सोनीपत की मंडी में अच्छा होने के चलते यूपी से दर्जनों ट्रक बिक्री करने आ जाते थे। ऐसे में व्यापारी और मिल प्रबंधन के साथ ही खरीद एजेंसियों तक यूपी का धान पहुंच जाता है। ऐसे में भंडारण की क्षमता पूरी हो जाती थी और जिले के किसानों का धान बिक्री के लिए रह जाता था। इसको लेकर अधिकारी कई साल से परेशान होते थे।
अबकी बार धान को गेहूं की तर्ज पर खरीदने की योजना बनाई गई है। अफसरों के अनुसार धान की खरीद केवल उन्हीं किसानों से की जाएगी, जिनका पंजीकरण हो चुका होगा। किसानों को अपनी जमीन के कागजात के आधार पर धान का ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण संख्या के आधार पर ही उनकी पैदावार ली जाएगी। ऐसे में एक जिले का किसान अपनी पैदावार को दूसरे जिले में ले जाकर नहीं बेच सकेगा। यदि किसी किसान की जमीन दो जिलों में पड़ती है तो उसको पैदावार भी दोनों जिलों में देनी होगी। दूसरे प्रदेशों से धान की आवक होने से स्थानीय किसानों को परेशानी होती थी। अबकी बार धन के किसानों का ऑनलाइन पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इससे किसान सुविधा पूर्वक अपनी पैदावार की बिक्री कर सकेंगे।
- मनीषा मेहरा, जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक