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जिले में 22 दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र, हाईवे का सफर भी खतरनाक

सड़कों में तकनीकी खामी की वजह से जिला में सैकड़ों लोग हर साल जान गंवाते हैं। जिले में 22 ऐसे स्थान हैं जहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। इनको परिवहन विभाग ने दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 06:20 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 06:52 PM (IST)
जिले में 22 दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र, हाईवे का सफर भी खतरनाक
जिले में 22 दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र, हाईवे का सफर भी खतरनाक

जागरण संवाददाता, सोनीपत : सड़कों में तकनीकी खामी की वजह से जिला में सैकड़ों लोग हर साल जान गंवाते हैं। जिले में 22 ऐसे स्थान हैं जहां सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। इनको परिवहन विभाग ने दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया है। विशेषज्ञों की जांच में इन स्थानों पर हादसों का कारण कुछ तकनीक गड़बड़ी है। इनमें सुधार करके हादसों को कम किया जा सकता है। जीटी रोड पर ऐसे पांच प्वाइंट राई क्षेत्र में हैं, वहां पर सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। हाईवे पर चल रहे कार्य के अधर में लटके होने की वजह से प्वाइंट को ठीक नहीं किया जा सका है। अधिकारियों ने सबसे पहले दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र पर सुधार कराने को प्राथमिकताओं में शामिल किया है। एडीजीपी संदीप खिरवार भी एनएचएआइ के अधिकारियों को निर्देश दे चुके हैं।

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एनएच-44 के चौड़ीकरण और जीर्णोद्धार का कार्य पांच साल पहले शुरू हुआ था। अधूरे निर्माण के चलते हाईवे पर जगह-जगह एक्सीडेंट प्वाइंट बन गए। इन पर हर महीने कई लोग हादसों का शिकार होते हैं। जिले में ऐसे 22 प्वाइंट हैं। परिवहन विभाग ने इनको दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र का नाम दिया है। इनमें से ज्यादातर हाईवे पर हैं। अकेले राई क्षेत्र में पांच ब्लैक स्पाट हैं। यहां पर सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। सड़क सुरक्षा विभाग के अनुसार इन पांच प्वाइंट पर हर महीने 10-12 हादसे होते हैं, जिनमें पांच से सात लोगों की जान चली जाती है। ये हैं दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र

1. - प्याऊ मनियारी : यहां औद्योगिक क्षेत्र हाईवे के एक ओर है और आबादी दूसरी ओर। ऐसे में लोगों को पैदल हाईवे पार करना पड़ता है। 2. बहालगढ़ : यहां पर होटल संचालकों ने अवैध यू-टर्न बना लिए हैं। हाईवे के दोनों ओर सड़क पर वाहन पार्क किए जाते हैं। हाईवे छोटा हो गया है और वाहन यहीं पर यू-टर्न लेते हैं। ऐसे में यहां हादसे होते रहते हैं। 3. कुमासपुर : यहां पर वाहनों की गति बहुत तेज होती है। इसके साथ ही हाईवे छोटा हो गया है। इससे हादसे होते हैं। 4. बीसवांमील : यहां पर छह लेन की सड़क एकाएक दो लेन की रह गई है। कोई संकेतक भी नहीं लगाए गए हैं। तेजी से आने वाले वाहन यहां पर अक्सर अनियंत्रित हो जाते हैं। 5. कुंडली चौक : यहां पर वाहनों की गति तेज और संख्या ज्यादा होती है। सड़क एकाएक छोटी हो गई है।

कोहरे से पहले स्थिति में सुधार किया जा रहा है। कई जगह दुर्घटना बहुल्य क्षेत्र ठीक कराए गए हैं। वहीं, इसकी निरंतर निगरानी की जा रही है।

- राजेश मलिक, सड़क सुरक्षा अधिकारी, परिवहन प्राधिकरण


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