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प्रॉपर्टी सर्वे पर फिर 15 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी

दीपक गिजवाल, सोनीपत : दो साल पहले सोनीपत नगर निगम ने 1.52 करोड़ रुपये खर्च कर मैप माय इंडिया एजेंसी से ज्योग्राफिकल इनफॉरमेशन सिस्टम (जीआइए) पर आधारित सर्वे कराय था। सर्वे के आधर पर कुल एक लाख 67 हजार यूनिट दर्ज की थी। इसके बाद हर प्रॉपर्टी को हाइटेक यूनिक आइडी दी गई थी। अब नगर निगम एक बार प्रॉपर्टी सर्वे पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी में है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 05:48 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 05:48 PM (IST)
प्रॉपर्टी सर्वे पर फिर 15 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी

शहरी स्थानीय निकाय विभाग को प्रॉपटी टैक्स सर्वे कराना महंगा पड़ रहा है। दो साल पहले सोनीपत नगर निगम ने 1.52 करोड़ रुपये खर्च कर मैप माय इंडिया एजेंसी से ज्योग्राफिकल इनफॉरमेशन सिस्टम (जीआइए) पर आधारित सर्वे कराया था। सर्वे के आधार पर कुल एक लाख 67 हजार यूनिट दर्ज की थी। इसके बाद हर प्रॉपर्टी को हाइटेक यूनिक आइडी दी गई थी। अब नगर निगम एक बार फिर प्रॉपर्टी सर्वे पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी में है। सभी शहरों के सर्वे का काम प्रदेश सरकार ने जयपुर की याशी कंसलटेंसी नामक कंपनी को दिया है। पहले किए गए थे ये दावे, अब निकल रही इनकी हवा

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अप्रैल 2016 में दिल्ली की मैप माई इंडिया कंपनी को टेंडर जारी करते वक्त निगम अधिकारियों का दावा था कि भविष्य में टैक्स प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन होगी। नगर निगम एरिया की हर प्रॉपर्टी की एक यूनिक आइडी बनेगी। एक क्लिक से पूरी आइडी का बायोडॉटा निकल आएगा। इसके तहत भवन मालिक, भवन का खाता नंबर, प्लॉट नंबर, मालिक का नाम, फोन नंबर, भवन का क्षेत्रफल घर बैठे जाना जा सकेगा। अब नए सिरे से सर्वे की तैयारी अधिकारियों के दावों की हवा निकाल रही है। अगर तकनीकी पहलू से देखा जाए तो पहले व अब नए सिरे से होने वाले सर्वे में ज्यादा अंतर नहीं है। बार-बार सर्वे के नाम पर यूं सरकारी खजाने को लुटाना कहीं न कहीं अधिकारियों की नीयत पर भी सवाल उठा रहा है। नए सर्वे को लेकर दिए जा रहे हैं ये तर्क

अधिकारियों के मुताबिक यह सर्वे ड्रोन से किया जाएगा। प्रदेश के सभी शहरों का सर्वे करने के लिए सरकार ने कंपनी को हायर किया है। सर्वे कार्य से हर गली, हर मोहल्ले की नंब¨रग हो जाएगी। इससे शहर की सड़कों की लंबाई-चौड़ाई का भी पता चल जाएगा। मौजूदा बिल्डिंगों की संख्या का पता चलेगा तो वहीं वर्तमान हालातों के मुताबिक डाटा भी तैयार हो जाएगा। प्रापर्टी टैक्स चोरों की भी पोल खुलेगी। अधिकारियों की मानें तो सर्वे के बाद प्रॉपर्टी टैक्स भरने वाली इकाइयों की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है। इसके चलते राजस्व में भी वृद्धि होगी। वहीं, आमजन को इसका फायदा भी मिलेगा। जो लोग अपनी संपत्ति को नगर निगम के रिकॉर्ड में नहीं चढ़वा पाए थे। वे इस बार ऐसा कर सकते हैं। यह टेंडर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए थे और पूरे प्रदेश का टेंडर एक ही कंपनी को दिया गया है। सर्वे ड्रोन से किया जाएगा और नगर निगम के साथ-साथ शहरवासियों को भी इसका फायदा होगा। कंपनी जल्द ही सर्वे का काम शुरू करने जा रही है।

समय पाल, जोनल टैक्स अफसर, नगर निगम।


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