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Sonipat liquor Scam: सोनीपत शराब घोटाले में सामने आ रहे कई राज, पढ़िए- मास्टरमाइंड भूपेंद्र का कारनामा

Sonipat liquor Scam एक ओर जहां खाकी भूपेंद्र के इशारे भर से सहयोग करने को तत्पर रहती थी वहीं कई राजनीतिज्ञों से उसके मधुर संबंध थे।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 22 May 2020 06:54 PM (IST)Updated: Fri, 22 May 2020 06:54 PM (IST)
Sonipat liquor Scam:  सोनीपत शराब घोटाले में सामने आ रहे कई राज, पढ़िए- मास्टरमाइंड  भूपेंद्र का कारनामा
Sonipat liquor Scam: सोनीपत शराब घोटाले में सामने आ रहे कई राज, पढ़िए- मास्टरमाइंड भूपेंद्र का कारनामा

सोनीपत [डीपी आर्य]। Sonipat wine Scam:  शराब तस्करी से करोड़ों की कमाई करने वाले शातिर भूपेंद्र ने अधिकारियों और राजनीतिज्ञों से अच्छी मिलीभगत कर ली थी। एक ओर जहां खाकी उसके इशारे भर से सहयोग करने को तत्पर रहती थी, वहीं कई राजनीतिज्ञों से उसके मधुर संबंध थे। पुलिस सूत्रों का दावा है कि जीटी रोड पर भूपेंद्र की शराब तस्करी की गाड़ियों को कोई नहीं रोकता था। कभी उसका ट्रक रोका गया तो तत्काल अधिकारियों के हस्तक्षेप पर छोड़ दिया जाता था। इसका मुख्य कारण भूपेंद्र का लाखों रुपये खर्च कर खाकी वालों को अपने साथ मिला लेना था। वह शराब की तस्करी से करोड़ों की कमाई करता था और लाखों रुपये खर्च करके प्रभावशाली अफसरों और नेताओं को अपने साथ मिला लेता था।

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भूपेंद्र का करोड़ों रुपये कमाने के साथ ही प्रभावशाली दबदबा हासिल करना महज इत्तेफाक नहीं है। यह काली कमाई की चकाचौंध में पुलिस, प्रशासनिक और राजनीतिज्ञ गठजोड़ का जीवंत उदाहरण है। उसने रिमांड के दौरान पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी दी थी। अधिकारियों की मानें तो जब पुलिस ने उसकी मां को हिरासत में ले लिया तो वह टूट गया। भूपेंद्र ने थाने पर मौजूद एक अधिकारी से कहा था कि मैं जांच में सहयोग कर रहा हूं, जो कहोगे बताऊंगा, लेकिन मेरे परिवार को परेशान न किया जाए। मेरी मां को छोड़ दो। उसने एक दशक में भूपेंद्र दहिया से भूपेंद्र ठेकेदार बनने की अपनी कहानी अधिकारियों को सुनाई।

पुलिस अफसरों की मानें तो भूपेंद्र की कहानी में पुलिस निरीक्षक जसबीर जैसे कई अधिकारी हैं। जांच जारी रहने के चलते पुलिस अभी इनके बारे में ज्यादा खुलकर बताने को तैयार नहीं है। इतना जरूर है 2010 से 2020 के बीच भूपेंद्र की संपत्ति में सौ गुना बढ़ोत्तरी हुई। इसका मुख्य कारण शराब तस्करी ही रहा। उसके पास फ्लैट, प्लॉट, स्कूल, होटल, आढ़त और महंगी कार बहुत कुछ है। उसने तस्करी से करोड़ों की कमाई करने के साथ ही खाकी वालों पर लाखों रुपये भी लुटाए। भूपेंद्र की मानें तो छोटे पुलिस अधिकारी से लेकर कई आला अधिकारी उसकी सेवाओं का लाभ उठाते रहे हैं। हरियाणा के साथ ही पंजाब के एक प्रभावशाली विधायक से भी उसकी मधुरता है।

जितेंद्र सिंह (डीएसपी मुख्यालय व एसआइटी) भूपेंद्र शराब की तस्करी से मोटी कमाई करता था। इसके आधार पर उसने कई पुलिसकर्मियों को भी अपने साथ जोड़ लिया था। उससे प्राप्त जानकारी के आधार पर पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है। उसके कई हमदर्द से पूछताछ की जा सकती है। कुछ खास मामले समय आने पर सामने लाए जाएंगे।


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