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दिल्ली-पानीपत फ्लाईओवर की दो लेन खुली, लाखों वाहन चालकों को मिली राहत; सुबह-शाम लग रहा था भीषण जाम

किसानों के दिल्ली कूच एलान के बाद 13 फरवरी को बंद किए गए एनएच 44 के मेन कैरिज वे को खोलने के लिए दो बुलडोजर लगाए गए हैं। दिल्ली से पानीपत की ओर जाने वाले फ्लाईओवर की दो लेन से दीवारें हटाकर इन्हें यातायात के लिए खोल दिया गया है। अभी पानीपत से दिल्ली की ओर जाने वाली दो लेन को खोलने का काम तेजी से चल रहा है।

By Nand kishor Bhardwaj Edited By: Abhishek Tiwari Published: Sun, 21 Apr 2024 08:35 AM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2024 08:35 AM (IST)
दिल्ली-पानीपत फ्लाईओवर की दो लेन खुली, लाखों वाहन चालकों को मिली राहत

जागरण संवाददाता, सोनीपत। कुंडली में जीटी रोड पर किसानों को रोकने के लिए बनाई गई कंक्रीट की दीवारें अब वाहन चालकों के लिए आफत बनी हुई थी। रविवार को दिल्ली से पानीपत की ओर जाने वाले फ्लाईओवर की दो लेन से दीवारें हटाकर इन्हें यातायात के लिए खोल दिया गया है।

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वहीं पानीपत से दिल्ली की ओर जाने वाली दो लेन को खोलने का काम तेजी से चल रहा है। इन्हें भी जल्द से जल्द खोले जाने की उम्मीद है। इससे रोजाना लाखों वाहन चालकों को राहत मिल सकेगी।

कंक्रीट की दीवार तोड़ने में लगे बुलडोजर

किसानों के दिल्ली कूच एलान के बाद 13 फरवरी को बंद किए गए एनएच 44 के मेन कैरिज वे को खोलने के लिए दो बुलडोजर लगाए गए हैं। रविवार को दिल्ली से पानीपत फ्लाईओवर की दो लेन को यातायात के लिए खोल दिया गया है।

पानीपत से दिल्ली के लिए दो लेन को खोलने के लिए कई बुलडोजर लगे हुए हैं। एनएच 44 की मेन कैरिज वे को खोलने के लिए कुंडली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और ट्रासंपोर्टरों की तरफ से मांग उठाई जा रही थी।

यहां दोनों साइड केवल सर्विस लेन से वाहनों को निकाला जा रहा था, जिसके कारण दिनभर जाम की स्थिति बनी रहती थी। जिससे वाहन चालकों का समय और अतिरिक्त ईंधन की खपत हो रही थी।

ट्रासंपोर्टरों द्वारा दिल्ली के भाड़े में भी 500 रुपये से लेकर दो हजार रुपये तक की बढ़ोतरी की जा रही थी। इससे उद्योगों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा था। इसके अतिरिक्त आम लोग भी जाम में फंस रहे थे।

3 किमी का रास्ता तय करने में लग रहे एक घंटे

कुंडली बॉर्डर पर तीन किमी का रास्ता तय करने में कई बार 40 मिनट से लेकर एक घंटे तक समय लग जाता था। जबकि आमतौर पर 5 से 10 मिनट में यह सफर पूरा हो जाता है। कुंडली इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के सुभाष गुप्ता ने बताया कि फरवरी में किसानों के दिल्ली कूच के एलान के बाद 13 फरवरी को बार्डर बंद किया गया था।

आंदोलन स्थगित होने के बाद 29 फरवरी को सर्विस लेन खोली गई थी। सर्विस लेन खोलने के बाद मामूली राहत मिली थी, लेकिन इसका ज्यादा लाभ नहीं मिल पाया। क्योंकि जाम के कारण मुसीबत और बढ़ गई।

हाईवे के मेन कैरिज वे को खोलने के लिए एसोसिएशन की तरफ से दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से मुलाकात भी गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जिसके बाद गृहमंत्री समेत बड़े अफसरों से भी मांग की थी। साथ ही, आनलाइन पिटिशन बनाकर मुहिम चलाई थी। जिस पर दो हजार से ज्यादा उद्यमियों और आम लोगों ने समर्थन में हस्ताक्षर किए।


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