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Kisan Andolan: किसान आंदोलनकारियों के लिए बुरी खबर, कुंडली बार्डर पर धरना दे रहे युवक की मौत

Kisan Andolan तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा के सोनीप स्थित कुंडली बार्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल एक किसान युवक की बुधवार सुबह मौत हो गई। युवक की पहचान खानपुर कलां निवासी 34 वर्षीय मनोज पुत्र सूरज सिंह के रूप में हुई है।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 09:58 AM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 10:03 AM (IST)
Kisan Andolan: किसान आंदोलनकारियों के लिए बुरी खबर, कुंडली बार्डर पर धरना दे रहे युवक की मौत
Kisan Andolan: किसान आंदोलनकारियों के लिए बुरी खबर, कुंडली बार्डर पर धरना दे रहे युवक की मौत

नई दिल्ली/सोनीपत [संजय निधि]। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह से खत्म करने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर (शाहजहांपुर, टीकरी, गाजीपुर और सिंघु) पर किसानों का धरना जारी है। इस बीच एक पखवाड़े के दौरान 27 सितंबर को किसान आंदोलन को 10 महीने पूरे हो जाएंगे। इस बीच हजारों किसान प्रदर्शनकारियों के लिए सोनीपत के सिंघु बार्डर से बुरी खबर आ रही है। सोनीपत के कुंडली बार्डर पर धरनारत एक किसान ने दम तोड़ दिया। इससे साथी धरना दे रहे साथी किसानों में गम का माहौल है।

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जागरण संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक, तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा के सोनीप स्थित कुंडली बार्डर पर चल रहे आंदोलन में शामिल एक किसान युवक की बुधवार सुबह मौत हो गई। युवक की पहचान खानपुर कलां निवासी 34 वर्षीय मनोज पुत्र सूरज सिंह के रूप में हुई है। वह आंदोलन स्थल पर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के कार्यालय के पास बनी झोपड़ी में रह रहा था।

यहां पर धरना दे रहे साथियों के अनुसार रात को खाना खाने के बाद युवक आराम से ठीक-ठाक सोया था। बुधवार सुबह करीब 5 बजे देखा तो वह मृत मिला। इसकी सूचना हरियाणा पुलिस और स्वजनों को दे दी गई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सोनीपत के नागरिक अस्पताल भिजवा दिया है। फिलहाल मौत का कारण स्पष्ट नहीं है।  हार्ट अटैक से मौत की आशंका जताई जा रही है।

गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर के बार्डर पर धरनारत किसान की मौत का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी कई किसानों की जान जा चुकी है। उधर, संयुक्त किसान मोर्चा ने पिछले महीने दावा किया था कि पिछले 9 महीने से अधिक धरना दे रहे 550 से ज्यादा किसानों की मौत हो चुकी है। इस दौरान कई किसानों के आत्महत्या करने के भी मामले सामने आए हैं। यहां पर यह बता देना भी जरूरी है कि दिल्ली की सीमाओं पर सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर के किसान मोर्चों पर दिल्ली पुलिस की निगरानी है जो सीधे केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के तहत आती है।


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