अल्पसंख्यकों को मुख्यधारा से जोड़ेगा विश्वस्तरीय नॉलेज पार्क
केंद्र सरकार नूंह के अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को शिक्षा की पटरी पर चढ़ाने के लिए विश्व स्तरीय नॉलेज पार्क खोलने जा रही है। नीति आयोग की रिपोर्ट के आधार पर नूंह को देश में सबसे पिछड़ा हुआ जिला माना गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार यहां विश्व स्तरीय नॉलेज पार्क बना रही है। भाजपा सरकार नीति आयोग की रिपोर्ट के बाद नूंह पर विशेष ध्यान दे रही है। सरकार ने नूंह जिले के विकास के लिए करीब पांच हजार करोड़ रुपये भी दिए हैं। हाल ही में पांच सौ नौ करोड़ रुपये की परियोजनाओं का मुख्यमंत्री शिलान्यास भी कर चुके हैं। नूंह की शिक्षा स्थिति को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार का यहां विश्व स्तरीय नॉलेज पार्क बनाने का फैसला बड़ा कदम है।
प्रवीन चौधरी, नूंह
केंद्र सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को शिक्षित करने के लिए विश्वस्तरीय नॉलेज पार्क खोलने जा रही है। सरकार ने 16 एकड़ जमीन भी खरीद ली है। अगले माह तक कार्य शुरू होने की उम्मीद है। नीति आयोग की रिपोर्ट के आधार पर नूंह को देश में सबसे पिछड़ा जिला माना गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार यहां विश्व स्तरीय नॉलेज पार्क बना रही है। सरकार ने नूंह के विकास के लिए पांच हजार करोड़ रुपये भी दिए हैं। हाल ही में पांच सौ नौ करोड़ रुपये की परियोजनाओं का जिले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल शिलान्यास भी कर चुके हैं।
पूर्व में गुरुग्राम का हिस्सा रहे नूंह को अप्रैल 2005 में जिला का दर्जा मिला। 13 लाख की आबादी वाले इस जिले में चार उपमंडल और 411 गांव हैं। जिले की 7.07 प्रतिशत आबादी शहर व 92.93 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। नूंह की सीमा उप्र व राजस्थान से सटी हुई हैं।
वर्तमान शैक्षिक स्थिति: गुरुग्राम की औसतन साक्षरता दर 84.70 प्रतिशत है वहीं नूंह की औसतन साक्षरता दर 56.15 प्रतिशत। शिक्षा में जिला काफी पीछे है। यहां 456 प्राइमरी, 262 मिडिल, 40 हाई और 40 सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं। पुरुष साक्षरता दर 69.84 तथा महिला साक्षरता 36.60 है। पांच मेवात मॉडल स्कूल, पांच कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, एक कन्या मेवात मॉडल स्कूल, एक मैथ-साइंस स्कूल व पांच आरोही मॉडल स्कूल खोले गए हैं। पांच डिग्री कॉलेज, नौ आइटीआइ हैं। लड़कियों के लिए फिरोजपुर झिरका व नूंह में कन्या महाविद्यालय भी खोले गए हैं। दो पॉलीटेक्निक कॉलेज हैं। मेडिकल कॉलेज व नर्सिग स्कूल भी हैं।
कमाई से पिछड़ रहा जिला :
जिले के 70 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर हैं। 20 प्रतिशत लोगों का ड्राइविंग मुख्य पेशा है। दस प्रतिशत आबादी ही सरकारी व प्राइवेट नौकरी पर निर्भर है। प्रति व्यक्ति आय 40 हजार रुपये है। जिले में 20.37 प्रतिशत(221,846) आबादी ¨हदू समुदाय की व 79.20 प्रतिशत(862,647) आबादी मुस्लिम समुदाय की है। लगातार बढ़ती जनसंख्या दर और कम साक्षरता दर भी जिले के पिछड़ेपन का मुख्य कारण है। बेरोजगारी के चलते युवा अपराध की ओर अग्रसर हो रहे हैं। हालांकि लिंगानुपात बेहतर है। यहां 1000 पुरुषों पर 907 महिलाएं हैं।
पिछड़ेपन को दूर करने में जुटी सरकार: केंद्र सरकार जिले के पिछड़ेपन को दूर करने में जुटी है। सरकार ने तावड़ू व पुन्हाना उपमंडल, इंडरी व पिनगवां ब्लॉक, पुन्हाना गर्ल्स कॉलेज, जिला स्तरीय खेल स्टेडियम, कोटला झील, महिला हॉस्टल, बालिक वाहिनी योजना, नूंह, पिनगवां, फिरोजपुर झिरका में बॉल भवन, गांव आकेड़ा में यूनानी महाविद्यालय एवं अस्पताल, फिरोजपुर झिरका व नगीना गांव के लिए रेनीवेल परियोजना, डेंटल कॉलेज आदि योजनाएं दी हैं जिन पर अब तक एक हजार करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं। ग्रामीण स्तर पर सीएचसी व कौशल विकास केंद्रों की शुरुआत की गई।
नॉलेज पार्क का दूसरे राज्यों को भी मिलेगा फायदा: नूंह राजधानी दिल्ली से महज 70 किमी दूर है। ऐसे में दिल्ली सहित दूसरे राज्यों के युवाओं को यहां पहुंचने में कोई परेशानी भी नहीं होगी। यहां के मुस्लिम समुदाय के युवाओं व बाहर के युवाओं को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने नूंह में विश्व स्तरीय नॉलेज पार्क बनाने का फैसला लिया है।
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केंद्र सरकार नूंह में विश्व स्तरीय नॉलेज पार्क बनाने जा रही है, इस संबंध में हमारे पास अभी लिखित में कोई जानकारी नहीं है। अगर इस संबंध में कोई पत्र आएगा तो आगामी कार्रवाई होगी।
प्रदीप अहलवात, एसडीएम, प्रभारी उपायुक्त नूंह