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गांव हसनगढ़ में मिसाल बनी बीपीएल परिवार की बेटी की शादी

गांव हसनगढ़ में बीपीएल परिवार की बेटी और साधारण परिवार के बेटे के बीच रविवार को हुई शादी मिसाल बन गई। हिसार के हांसी क्षेत्र के रामपुरा से दूल्हा हेलीकॉप्टर में पहुंचा और उसके परिवार ने दहेज में मात्र एक रुपये का शगुन लिया। दूल्हे के परिवार ने दहेज लोभियों को संदेश देने का काम किया। फेरे लेने व अन्य रस्म पूरी करने के बाद दूल्हा अपनी दुल्हनियां को हेलीफॉप्टर में लेकर गया। यह शादी क्षेत्र में कौतूहल का विषय बन गई है कि बीपीएल परिवार की बेटी की शादी में विदाई हेलीकॉप्टर में हुई

By JagranEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 06:39 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 06:39 PM (IST)
गांव हसनगढ़ में मिसाल बनी बीपीएल परिवार की बेटी की शादी
गांव हसनगढ़ में मिसाल बनी बीपीएल परिवार की बेटी की शादी

जागरण संवाददाता, गोहाना (सोनीपत) : गांव हसनगढ़ में बीपीएल परिवार की बेटी और साधारण परिवार के बेटे के बीच रविवार को हुई शादी मिसाल बन गई। हिसार के हांसी क्षेत्र के रामपुरा से दूल्हा हेलीकॉप्टर में पहुंचा और उसके परिवार ने दहेज में मात्र एक रुपये का शगुन लिया। दूल्हे के परिवार ने दहेज लोभियों को संदेश देने का काम किया। फेरे लेने व अन्य रस्म पूरी करने के बाद दूल्हा अपनी दुल्हनियां को हेलीकॉप्टर में लेकर गया। यह शादी क्षेत्र में कौतूहल का विषय बन गई है कि बीपीएल परिवार की बेटी की शादी में विदाई हेलीकॉप्टर में हुई।

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हांसी के गांव रामपुरा निवासी सतबीर ने अपने बेटे संजय का रिश्ता गोहाना क्षेत्र के गांव हसनगढ़ में सतबीर ¨सह यादव (बीपीएल) की बेटी संतोष से करीब सवा साल पहले तय किया था। रविवार को दूल्हा संजय, अपने पिता व ताऊ के लड़के के साथ हेलीकॉप्टर में अपनी ससुराल पहुंचा। बारात में शामिल करीब 50 लोग कारों व दूसरे वाहनों से रोड से आए। धूमधाम से शादी की रस्म पूरी की गई, लेकिन दूल्हे व उसके परिवार ने दहेज लेने से साफ मना कर दिया। शाम करीब पौने पांच बजे संजय, उसकी पत्नी संतोष व एक परिजन हेलीकॉप्टर में बैठ कर रामपुरा के लिए रवाना हो गए। हेलीकॉप्टर की लैं¨डग और उड़ान के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण व आसपास के गांवों के लोग पहुंचे। परिवार और बेटी का हौसला बढ़ाने के लिए लिया फैसला

संतोष की सादगी के चलते बेटे का रिश्ता किया। बेशक बहू बीपीएल परिवार से है लेकिन मैंने उसका और उसके परिवार का हौसला बढ़ाने और समाज को संदेश देने के लिए हेलीकॉप्टर से बेटे की दुल्हन को ले जाने का निर्णय लिया। संतोष का मनोबल बढ़ेगा और वह जीवन में आगे बढ़ने के लिए अधिक मेहनत करेगी। यह करके मैं प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे को सार्थक भी करना चाहता हूं।

सतबीर, दूल्हे के पिता अब लगा लड़कियां बोझ नहीं हैं

पहले मैं सोचता था कि लड़कियां बोझ होती हैं। पहले पढ़ाओ और उसके बाद शादी में लाखों खर्च करने पड़ते। मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ। बेटी के रिश्ते के लिए धक्के नहीं खाने पड़े और शादी में न ही दहेज देना पड़ा। समाज की सोच बदल रही है।

सतबीर ¨सह यादव, दुल्हन के पिता पहली बार बीपीएल परिवार की बेटी को हेलीकॉप्टर में विदा होते देखा

मैं करीब दस साल से पायलट हूं। बड़े घरानों के लोगों को कई बार शौक के चलते शादियों में दुल्हन को हेलीकॉप्टर में लेकर आते देखा है। मैंने पहली बार देखा कि साधारण परिवार का बेटा बीपीएल परिवार से अपनी दुल्हन को हेलीकॉप्टर में लेकर आया है।

प्राची जैन, पायलट

यह रहा हेलीकॉप्टर का शेड्यूल

भिवानी स्थित बंसीलाल हवाई पट्टी से हेलीकॉप्टर पहले हांसी के गांव रामपुरा में पहुंचा। पायलट समेत चार सीटों वाले इस हेलीकॉप्टर में रामपूरा से संदीप व उसके तीन परिजन रवाना हुए और दोपहर करीब 12 बजे गांव हसनगढ़ पहुंचे। विवाह की रस्म पूरी होने के बाद शाम करीब पौने पांच बजे वापस रामपुरा के लिए हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी।


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