जाट नेताओं को हिरासत में लेने पहुंची पुलिस
सीएम मनोहर लाल के रविवार को झज्जर जिले में साल्हावास दौरे में जाट नेता कोई खलल न डाल सकें, इसी के मद्देनजर पुलिस ने गोहाना के 3 गांवों में प्रमुख जाट नेताओं को हिरासत में लेने का प्रयास किया। पुलिस को एक नेता को हिरासत में लिया जबकि दो गांवों में ग्रामीणों के कड़े विरोध के चलते पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा। विरोध के लिए पुरुषों के साथ महिलाएं भी आगे आईं।
जागरण संवाददाता, गोहाना : सीएम मनोहर लाल के रविवार को झज्जर जिले में साल्हावास दौरे में जाट नेता कोई खलल न डाल सकें, इसी के मद्देनजर पुलिस ने गोहाना के तीन गांवों में प्रमुख जाट नेताओं को हिरासत में लेने का प्रयास किया। पुलिस को एक नेता को हिरासत में लिया जबकि दो गांवों में ग्रामीणों के कड़े विरोध के चलते पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा। विरोध के लिए पुरुषों के साथ महिलाएं भी आगे आईं।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने सीएम, मंत्रियों व भाजपा नेताओं के दौरे के दौरान विरोध करने का एलान कर रखा है। सीएम मनोहर लाल का रविवार को साल्हावास में दौरा था। समिति के जाट नेता सीएम दौरे में खलल न डाल पाएं, इसी के मद्देनजर पुलिस के निशाने पर गोहाना के चार प्रमुख जाट नेता रहे। इनमें अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के सोनीपत जिले के अध्यक्ष आजाद ¨सह लठवाल भी शामिल रहे। लठवाल सिरसाढ़ गांव के हैं और इसी गांव के सुरेंद्र सिरसाढ़ भी पुलिस की सूची में शामिल थे। तीसरे नेता कटवाल गांव के कृष्ण कटवाल और चौथे नेता रुखी गांव के हरज्ञान रुखी हैं। ये चारों नेता जाट समिति के नेता हैं। इनमें से पुलिस केवल हरज्ञान रुखी को हिरासत में ले पाई। रुखी को बहाने से भैंसवान खुर्द गांव स्थित पुलिस चौकी में बुलाया गया और वहां से पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई।
रविवार को जिस समय पुलिस सिरसाढ़ गांव में पहुंची, तब सुरेंद्र सिरसाढ़ अपने घर पर थे। जिलाध्यक्ष आजाद ¨सह लठवाल गांव में खेतों की तरफ गए हुए थे। सूचना मिलने पर वह भी लौट आए। यह पता चलने पर कि पुलिस आजाद ¨सह लठवाल और सुरेंद्र सिरसाढ़ को पकड़ने के लिए आई है, गांव के लोग विरोध में उतर आए। पुलिस यहां से बैरंग लौट गई। गांव कटवाल के ग्रामीण भी कृष्ट कटवाल को पकड़ने के विरोध में उतर आए। वहां से भी पुलिस खाली हाथ लौट गई। पुलिस सुरक्षा के मद्देनजर शहर व गांवों में दौरा करती रहती है। इसी क्रम में पुलिस द्वारा सिरसाढ़ व अन्य गांवों का दौरा किया गया था। पुलिस को किसी को हिरासत में नहीं लेना था।
नरेंद्र बिजारनिया, एएसपी गोहाना