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किसान आंदोलन के खिलाफ जीटी रोड खुलवाने को सड़क पर उतरेंगे ग्रामीण, 21 को होगा पैदल मार्च

रविवार को गांव मनौली में करीब तीन दर्जन गांव के लोगों ने बैठक की। राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच की अगुवाई में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि 21 जुलाई को सभी ग्रामीण केएमपी के पास से सिंघु बार्डर तक पैदल मार्च करेंगे और अपनी मांग रखेंगे।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sun, 11 Jul 2021 06:38 PM (IST)Updated: Sun, 11 Jul 2021 07:19 PM (IST)
किसान आंदोलन के खिलाफ जीटी रोड खुलवाने को सड़क पर उतरेंगे ग्रामीण, 21 को होगा पैदल मार्च
राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच की अगुवाई में ग्रामीण केएमपी से सिंघु बार्डर, दिल्ली की ओर करेंगे मार्च

राई (सोनीपत), संजय निधि। तीनों कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के कारण पिछले सात माह से जीटी रोड बंद है। इसका एक लेन खुलवाने के लिए आसपास के ग्रामीणों के साथ राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच लगातार प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में रविवार को गांव मनौली में करीब तीन दर्जन गांव के लोगों ने बैठक की। राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच की अगुवाई में आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि 21 जुलाई को सभी ग्रामीण केएमपी के पास से सिंघु बार्डर तक पैदल मार्च करेंगे और अपनी मांग रखेंगे। यदि प्रशासन की ओर से उन्हें राेका गया तो वे लोग भी कोई बड़ा आंदोलन शुरू करने पर मजबूर होंगे।

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जीटी रोड खुलवाने के लिए मनौली में ग्रामीणों ने की बैठक, प्रशासन ने रोका तो होगा आंदोलन

बैठक में मंच के अध्यक्ष हेमंत नांदल ने बताया कि सात महीने से ज्यादा समय में बार्डर पर आंदोलनकारी जीटी रोड को बंद कर बैठे हैं। इसके कारण स्थानीय लोग पूरी तरह से परेशान हैं। उनके काम धंधे पूरी तरह ठप हो चुके हैं। बार्डर को एक तरफ से खोलने की मांग को लेकर अब इलाके की 35 पंचायतें, आरडब्ल्यूए, पेट्रोल पंप वाले व इंडस्ट्रियल यूनियन राष्ट्रवादी परिवर्तन मंच के बैनर तले आरपार की लड़ाई को तैयार हैं। इससे पहले भी महापंचायत करके मंच ने सरकार व प्रशासन को अल्टीमेटम दिया था। संयुक्त किसान मोर्चा से भी अपील की गई थी, लेकिन वह बेअसर रहा।

ग्रामीण करेंगे शांतिपूर्ण तरीके से पैदल मार्च

इसीलिए अब 21 जुलाई को डेढ़ से दो हजार की संख्या में आसपास के ग्रामीण शांतिपूर्ण तरीके से पैदल रोष मार्च करेंगे। यह मार्च केएमपी से शुरू होकर सिंघु बार्डर, दिल्ली तक जाएगा। मार्च केवल सरकार को यह दर्शाने के लिए है कि आमजन एकजुट है और अब उनके रोजी-रोटी पर संकट मंडराने लगा है, इसलिए वे कुछ भी करने को तैयार हैं। लोगों को यहां रास्ता चाहिए और सरकार व प्रशासन को इस दिशा मेें ठोस कदम उठाना चाहिए। उन्हाेंने कहा कि आंदोलन से जुड़े हरियाणा के उन सभी सामाजिक व्यक्तियों को अब स्थानीय लोगों की समस्याओं पर अपना पक्ष रखने की जरूरत है।

विकास से समझौता नहीं होने देंगे

आंदोलन करने का अधिकार सबको है, पर अब हम अपने क्षेत्र के विकास के साथ कोई समझौता नही होने देंगे। बैठक में अशोक खत्री ने कहां की आज के समय में स्थानीय लोगों का जीवन प्रवासियों की तरह हो गया है। अधिकतर लोग अपने घरों में ही बंधक बनकर रह गए हैं।

पैदल मार्च को सफल बनाने के लिए चलेगा अभियान

रामफल सरोहा ने कहा कि पुरुषों के साथ हिंसा, महिलाओं के साथ छेड़खानी एवं राहगीरों के साथ आंदोलनकारियों का अभद्रतापूर्ण व्यवहार को अब क्षेत्रवासियों के द्वारा सहन नहीं किया जाएगा। बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों ने पैदल मार्च को सफल बनाने के लिए घर-घर जनसंपर्क अभियान चलाने के लिए गांव-गांव कमेटी बनाने का कार्य भी शुरू कर दिया है। पैदल मार्च में दिल्ली के गांवों से भी सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ जल्द ही एक अन्य कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक कर पैदल मार्च की तैयारियां एवं जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। बैठक में ताहर सिंह चौहान, प्रवीण सिंह, दीपक चौहान, चरणसिंह चौहान, मास्टर सतीश, विनोद, राकेश, संदीप, विकास कुमार, कुलदीप काजल, दीपक अटेरना, प्रेम प्रकाश, संजय चौहान, मनीष चौहान आदि मौजूद थे।


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