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पर्यावरण मंत्रालय की हरी झंडी, आइएमटी को लगे उम्मीद के पंख

इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आइएमटी) खरखौदा को विकसित करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है। लंबे समय से पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिलने के कारण आइएमटी को विकसित करने का काम अधर में लटका हुआ था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Jul 2020 06:02 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jul 2020 06:02 PM (IST)
पर्यावरण मंत्रालय की हरी झंडी, आइएमटी को लगे उम्मीद के पंख
पर्यावरण मंत्रालय की हरी झंडी, आइएमटी को लगे उम्मीद के पंख

हरीश भौरिया, खरखौदा

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इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आइएमटी), खरखौदा को विकसित करने के लिए पर्यावरण मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है। लंबे समय से पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिलने के कारण आइएमटी को विकसित करने का काम अधर में लटका हुआ था। अब मंजूरी मिलने के बाद यहां बुनियादी ढांचे को विकसित करने के द्वार खुल गए हैं। प्रदेश सरकार ने इसके लिए पहले से ही मंजूरी दे रखी है। पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम (एचएसआइआइडीसी) ने अब कमर कस ली है। जल्द ही आइएमटी, खरखौदा के 3200 एकड़ में उद्योग लगाने के लिए बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

गौरतलब है कि खरखौदा के औद्योगिक मॉडल टाउनशिप की घोषणा वर्ष 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने की थी। इसके करीब छह वर्ष बाद जमीन अधिग्रहण का काम हुआ था, लेकिन अचानक मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके लिए अधिग्रहित 3200 एकड़ जमीन फिलहाल खाली मैदान है। वर्ष 2014 में जब भाजपा की सरकार आई तो इस आइएमटी को विकसित करने की सुगबुगाहट फिर शुरू हुई और चीन के वांडा ग्रुप द्वारा यहां एंटरटेनमेंट पार्क विकसित होने की चर्चाएं जोर-शोर से शुरू हुई, लेकिन निरीक्षण व घोषणाएं के बाद यह मामला भी खटाई में पड़ गया। यहां औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने और उद्योगपतियों को आकर्षित करने में सबसे बड़ा रोड़ा बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। रोड, नाला, सीवर, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, बिजली, पानी आदि सुविधा को लेकर एचएसआइआइडीसी ने अपनी योजना बना रखी है। इसके ड्राफ्ट को सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी नहीं मिलने के कारण मामला अधर में लटका था। अब मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद यहां बुनियादी सुविधाएं विकसित होने की उम्मीद बंधी है। केएमपी व रेल कॉरिडोर सफलता की सबसे बड़ी वजह :

आइएमटी, खरखौदा दिल्ली की सीमा से बिलकुल सटा हुआ है। इसके बगल से कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे गुजर रहा है और अब इस एक्सप्रेस-वे के समानांतर रेल कॉरिडोर की मंजूरी मिल चुकी है। इस तरह की बेहतर कनेक्टिविटी होने के कारण आइएमटी की कामयाबी को लेकर किसी को कोई संशय नहीं है। उद्योगपतियों के अनुसार किसी भी उद्योग को चलाने के लिए कच्चे माल को लाने व तैयार माल को दूर-दराज भेजने के लिए सड़क व रेल मार्ग ही काम आता है और ये दोनों ही इस आइएमटी के पास है। मुख्यमंत्री कर चुके हैं फुटवियर पार्क की घोषणा :

पिछले कार्यकाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस आइएमटी के एक हिस्से में फुटवियर पार्क बनाने की घोषणा की थी। फुटवियर पार्क के साथ ही अन्य औद्योगिक इकाइयां भी यहां पर स्थापित होने जा रही हैं। इस इंडस्ट्रियल टाउनशिप के एक हिस्से में मार्बल मार्केट व अन्य सामान्य उद्योग के लिए भी जगह रखे जाने की चर्चा है। सामान्य श्रेणी के 309 प्लाटों का हो चुका है आवंटन :

आइएमटी खरखौदा के लिए सामान्य श्रेणी के 309 प्लॉटों का आवंटन भी हो चुका है, लेकिन बुनियादी सुविधा नहीं होने के कारण इन प्लॉटों पर औद्योगिक संरचना विकसित करने का काम शुरू नहीं हुआ है। इसके अलावा अभी भी सरकार आइएमटी में किसी बड़े प्रोजेक्ट को स्थापित करने की जुगत में है। इसको लेकर बीच-बीच में किसी बड़ी कंपनी के यहां निवेश करने की चर्चा भी होती रहती है। हमारी तरफ से आइएमटी में बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए जो ड्राफ्ट तैयार किया गया था, सरकार ने पहले ही उसकी मंजूरी दे रखी है। मामला पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के कारण अटका पड़ा था। अब मंत्रालय ने भी मंजूरी दे दी है। जल्द ही यहां पर बुनियादी सुविधाएं विकसित करने का कार्यों शुरू होगा।

- अरुण गर्ग, सहायक महाप्रबंधक, एचएसआइआइडीसी।


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