व्यापारी की पत्नी बोली, घाटे से नहीं हारे, धोखे ने तोड़ दिया
ओमप्रकाश की मौत से परिवार गहरे सदमे है।
दीपक गिजवाल, सोनीपत
व्यापारी ओमप्रकाश की मौत से परिवार गहरे सदमे है। रोड जाम के दौरान ओमप्रकाश की पत्नी रेणु कई बार बेसुध हो गई। होश आते ही रेणु पति को याद कर रोने लगतीं। रेणु के मुंह से बार यही शब्द निकल रहे थे कि घाटे से वो कभी नहीं हारे, धोखे ने उनको तोड़कर रख दिया था। रेणु कभी अपने बेटे, बेटी व सास को दिलासा देतीं तो कभी खुद ही फूट-फूटकर रोने लगतीं। दिलासा देते परिजन और अन्य रिश्तेदार भी रेणु की हालत देख बिलख-बिलखकर रो पड़े।
ओमप्रकाश का पहले कन्फेक्शनरी का कारोबार था। जानकारों के मुताबिक कई बार उनका कारोबार डूबा मगर उन्होंने हार नहीं मानी। वह हर बार इससे उबर जाते थे। अब हाल में वह कच्चे क्वार्टर में कपड़े का कारोबार करते थे। व्यापार को पटरी पर लाने के लिए उन्होंने नंदवानी नगर में एक्सिस बैंक के पीछे स्थित अपनी प्रॉपर्टी को बेच दिया था मगर प्रॉपर्टी खरीदारों ने उन्हें झासे में लेकर प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री तो करवा ली। मगर उस वक्त किए गए वादे से मुकर गए। इसके चलते वह आहत थे। सुसाइड नोट में उन्होंने इस धोखेबाजी का जिक्र किया है, एसडीओ योगेश बजाज और नरेश नासा पर रुपये देने से मुकरने का आरोप लगाया है। वह इस धोखे से उबर नहीं पा रहे थे। परिजनों के मुताबिक अब इसी के चलते उन्होंने मौत को गले लगा लिया। मां बोली-हमें रुपये नहीं चाहिए, बेटा लौटा दो
ओमप्रकाश की मां ने रोते हुए कहा कि उनको रुपये नहीं चाहिए। उनको बस उनका बेटा लौटा दो। बुजुर्ग मां ने कहा कि झासे में लेकर उनकी प्रॉपर्टी हड़प ली। अब बेटे को भी नहीं छोड़ा। अब परिवार किसके सहारे रहेगा। उन लोगों ने मेरा हंसता-खेलता परिवार बर्बाद कर दिया। सुसाइड नोट में जिन लोगों का नाम सामने आया है, उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
-सुखबीर सिंह, प्रभारी, सिविल लाइन थाना।