फर्जी नाम-पता लिखवाकर कराया प्रसव, अस्पताल में बच्चा छोड़कर भागे युवक-युवती
पीजीआइ रोहतक में फर्जी नाम-पते से प्रसव कराकर युवक-युवती बच्चा अस्पताल में ही छोड़कर गायब हो गए। अस्पताल प्रबंधन ने तीन दिन तक बच्चे की मां को तलाश किया लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका।
डीपी आर्य, सोनीपत
पीजीआइ रोहतक में फर्जी नाम-पते से प्रसव कराकर युवक-युवती बच्चा अस्पताल में ही छोड़कर गायब हो गए। अस्पताल प्रबंधन ने तीन दिन तक बच्चे की मां को तलाश किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका। उसके बाद रोहतक पुलिस के माध्यम से सोनीपत पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने खरखौदा क्षेत्र के सभी ईंट-भट्ठों पर पड़ताल की, लेकिन युवती व युवक का पता नहीं लग सका। उसके बाद अस्पताल प्रबंधन की सूचना पर सीडब्ल्यूसी ने बुधवार को 18 दिन के बच्चे को गोद ले लिया। उसको रेवाड़ी के शा सेंटर में रखा गया है।
रोहतक पुलिस ने तीन नवंबर को सोनीपत पुलिस को सूचना दी थी कि 29 अक्टूबर एक युवक ने एक गर्भवती युवती को अपनी पत्नी बताते हुए पीजीआइ रोहतक में भर्ती कराया था। युवक ने अपना नाम दुर्गाप्रसाद व अपनी गर्भवती पत्नी का नाम रीना लिखवाया था। दंपती ने खुद को खरखौदा के गांव सिसाना में ईंट-भट्ठे पर कार्यरत श्रमिक बताते हुए पहचान पत्र एक-दो दिन में मंगवाकर देने की बात कही थी। पीजीआइ में युवती को भर्ती कर लिया गया, जहां उसने 30 अक्टूबर को लड़के को जन्म दिया। चिकित्सकों ने नवजात को नर्सरी में रखवाकर युवती का उपचार शुरू कर दिया था।
अस्पताल प्रबंधन ने एक नवंबर को बच्चे को दूध पिलवाने के लिए उसकी मां को तलाश किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चल सका। काफी तलाश के बाद रीना व उसका पति दुर्गाप्रसाद भी नहीं मिला। इस पर पीजीआइ प्रबंधन ने रोहतक पुलिस को सूचना दी, जहां से सोनीपत पुलिस को जानकारी दी गई। खरखौदा पुलिस ने पहले गांव सिसाना और उसके बाद आसपास के सभी ईंट-भट्ठों पर उनकी तलाश की, लेकिन पता नहीं लग सका। उसके बाद सीडब्ल्यूसी सोनीपत को सूचना दी गई। सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों ने 18 नवंबर की दोपहर को चिकित्सकों से बच्चे को औपचारिक रूप से गोद ले लिया। उसको रेवाड़ी के शा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
दुर्गाप्रसाद नामक युवक ने रीना नाम की गर्भवती युवती को पीजीआइ में डिलीवरी के लिए भर्ती कराया था। इन्होंने खरखौदा क्षेत्र के ईंट-भट्ठे का पता दिया था। डिलीवरी के बाद ये बच्चे को छोड़कर गायब हो गए। काफी तलाश के बाद भी इनके नहीं मिलने पर हमने नवजात को शा सेंटर में करवाया है। एक महीने बाद उसको किसी जरूरतमंद को गोद दे दिया जाएगा।
- सुनीता देवी, अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी, सोनीपत