टॉप बॉक्स---उपभोक्ताओं को नहीं मिलेंगे अनाप-शनाप बिल, बिजली निगम का सॉफ्टवेयर अपडेट
जिले के बिजली उपभोक्ताओं को अब अनाप-शनाप बिल आने की शिकायत से राहत मिलेगी। साथ ही उपभोक्ताओं को कार्यालयों के चक्कर काटने से भी छुटकारा मिलेगा। क्योंकि अब उपभोक्ताओं को निगम के सॉफ्टवेयर पर गलत बिल नहीं दिखेगा। इसके लिए निगम अधिकारियों ने अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव किया है। केवल निगम के अधिकारी ही सॉफ्टवेयर पर बिल को देख सकेंगे, वहीं तुरंत उसका समाधान भी करेंगे। निगम ने बिलों में गड़बड़ी ठीक करने के लिए हर सब डिविजन स्तर पर टीमें बनाई हैं, जिससे यात्रियों को काफी सुविधा मिलेगी।
- बिलों में गड़बड़ी रोकने के लिए बिजली निगम ने सॉफ्टवेयर में किया बदलाव
- गलत बिल जेनरेट होने पर सॉफ्टवेयर संबंधित अधिकारी के पास भेजेगा अलर्ट
- अलर्ट जारी होने के बाद न तो बिल उपभोक्ता को दिखेगा और न ही बिल ¨प्रट हो सकेगा
भूपेंद्र धुरान, सोनीपत
जिले के बिजली उपभोक्ताओं को अब अनाप-शनाप बिल आने की शिकायत से राहत मिलेगी। साथ ही उपभोक्ताओं को कार्यालयों के चक्कर काटने से भी छुटकारा मिलेगा क्योंकि अब उपभोक्ताओं को निगम के सॉफ्टवेयर पर गलत बिल नहीं दिखेगा। इसके लिए निगम अधिकारियों ने अपने सॉफ्टवेयर में बदलाव किया है। केवल निगम के अधिकारी ही सॉफ्टवेयर पर बिल को देख सकेंगे, वहीं तुरंत उसका समाधान भी करेंगे। निगम ने बिलों में गड़बड़ी ठीक करने के लिए हर सब डिविजन स्तर पर टीमें बनाई हैं, जिससे उपभोक्ताओं को काफी सुविधा मिलेगी।
बिजली निगम के जिले में करीब साढ़े तीन लाख उपभोक्ता हैं। निगम की ओर से उपभोक्ताओं को क्षेत्र अनुसार 12 से 24 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा किया जाता है। इसके लिए बिजली निगम घरेलू उपभोक्ताओं से प्रत्येक दो माह व कमर्शियल से एक माह में बिल भी वसूलता है। बिजली निगम ने जहां मीटर री¨डग से लेकर बिल देने की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी है, वहीं उपाभोक्ता द्वारा घर बैठे ही बिजली का बिल देखने के लिए एक सॉफ्टेवयर भी लांच किया है।
करीब सवा साल से कंपनी के काम संभालने के बाद उभोक्ताओं को बिल न मिलने तथा उसमें गड़बड़ी आने की शिकायत आ रही हैं। उपभोक्ताओं को लाखों व करोड़ों रुपये में बिल भेजा जा रहा है। इससे उन्हें निगम कार्यालयों के चक्कर काटने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इसी को देखते हुए अब निगम ने सॉफ्टवेयर में बदलाव किया है। ऐसे काम करेगा सॉफ्टवेयर
बिजली अधिकारियों के अनुसार बिजली के बिल जिस सॉफ्टवेयर से तैयार होते हैं, उसके चेक प्वाइंट में बदलाव किया गया है। जो बिल तैयार होगा, पहले उसका आकलन सॉफ्टवेयर करेगा। इसमें यह पता चलेगा कि वर्तमान माह की राशि में और पिछली राशि में बहुत ज्यादा अंतर तो नहीं है। अगर बिल की राशि दोगुने से ज्यादा दिखती है तो सॉफ्टवेयर एक अलर्ट जारी करेगा, जो संबंधित अधिकारी व कर्मचारी को दिख जाएगा। इसके बाद यह बिल उपभोक्ता को नहीं दिखेगा और बिल ¨प्र¨टग के लिए भी नहीं जा सकेगा। बिजली निगम के संबंधित कार्यालय कर्मचारी तुरंत इसका समाधान करेंगे, जिसके लिए अधिकारियों ने टीमों का गठन किया है। बिजली बिलों में लगातार गलती मिलने की शिकायत मिल रही है। इसी के मद्देनजर सॉफ्टवेयर में बदलाव करते हुए गलत बिल न दिखने का प्रावधान किया है। साथ ही बिल ठीक करने के लिए हर कार्यालय में टीमों का गठन करने के साथ आवश्यक निर्देश दिए हैं। अगर बिल ठीक होने में कुछ समय लगता है तो उपभोक्ता को बगैर जुर्माने के बिल भेजा जाएगा, ताकि वह अपना सही बिल भर सकें।
- वीएस मान, मुख्य अभियंता, रोहतक जोन, बिजली निगम