जिले में 4,015 लोग मिले टीबी के संदिग्ध, 11 में पुष्टि
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में टीबी के संभावित मरीजों की पहचान के लिए चला एक्टिव केस फाइंडिग कार्यक्रम संपन्न हो गया। अभियान में स्वास्थ्यकर्मियों ने घर-घर जाकर संदिग्ध मरीजों की पहचान की। इस दौरान 4015 लोग टीबी के संदिग्ध मिले जबकि 11 में पुष्टि हुई।
जागरण संवाददाता, सोनीपत : स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में टीबी के संभावित मरीजों की पहचान के लिए चला एक्टिव केस फाइंडिग कार्यक्रम संपन्न हो गया। अभियान में स्वास्थ्यकर्मियों ने घर-घर जाकर संदिग्ध मरीजों की पहचान की। इस दौरान 4,015 लोग टीबी के संदिग्ध मिले, जबकि 11 में पुष्टि हुई। इस पर चिकित्सकों ने मरीजों का इलाज शुरू करा दिया है। साथ ही अन्य को बीमारी के प्रति जागरूक किया।
देश व प्रदेश के साथ ही जिले में भी हर वर्ष टीबी के मरीज मिलते हैं। सोनीपत जिले में फिलहाल टीबी के करीब 2,600 मरीजों का इलाज चल रहा है। विभाग की ओर से मरीजों को बेहतर चिकित्सा व योजना अनुसार आहार के लिए 500 रुपये देने का दावा है। दूसरी तरफ, विभाग अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2023 तक टीबी मुक्त भारत को सफल बनाने की ओर कदम बढ़ा रहा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग की ओर से टीबी के संदिग्ध मरीजों की पहचान करने के लिए 2 नवंबर तक एक्टिव केस फाइंडिग कार्यक्रम चलाया गया। अभियान के अंतर्गत सिविल सर्जन की निगरानी में नोडल अधिकारी, एसएमओ, मेडिकल आफिसर, बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कर्मचारी, एएनएम व आशा वर्करों ने घर-घर जाकर टीबी के संभावित मरीजों की पहचान की। इस अभियान में 4015 लोग टीबी की बीमार के संदिग्ध मिले। इस पर चिकित्सकों ने उनकी जांच कराई तो 11 में टीबी की पुष्टि हुई, जिनका अब इलाज शुरू हो गया है।
एक्टिव केस फाइंडिग कार्यक्रम जिलेभर के चयनित स्थानों पर चलाया गया। इनमें पुरखास, बेगा, गन्नौर, जुआं, मुरथल, गोहाना, भैंसवाल कलां, मुंडलाना, बुटाना व बढ़खालसा गांव शामिल रहे। अभियान में 11 लोगों में पुष्टि हुई। फिलहाल उनका इलाज शुरू करा दिया है। इनके साथ ही क्लीनिक, नर्सिंग होम व अस्पतालों के लिए टीबी के मरीजों की जानकारी देने पर सख्ती कर दी है।
- डा. योगेश गोयल, जिला टीबी नोडल अधिकारी, सोनीपत।