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रेलवे स्टेशन होगा चकाचक, प्लेटफार्म नंबर एक पर फर्श उखाड़कर बिछाया जा रहा है पत्थर

सिरसा रेलवे स्टेशन आने वाले समय में चकाचक नजर आएगा। रेलवे विभाग ने स्टेशन के सुंदरीकरण के लिए कार्य शुरू कर दिया है। जिसको लेकर रेलवे स्टेशन पर फर्श उखाड़कर पत्थर लगाने का कार्य शुरू कर दिया है। यहां पर यात्रियों के लिए चढ़ने वाली सीढ़ी को भी ठीक किया जाएगा। जिससे रेलवे स्टेशन को और भव्य रूप दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 24 Aug 2022 10:50 PM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2022 10:50 PM (IST)
रेलवे स्टेशन होगा चकाचक, प्लेटफार्म नंबर एक पर फर्श उखाड़कर बिछाया जा रहा है पत्थर

जागरण संवाददाता, सिरसा :

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सिरसा रेलवे स्टेशन आने वाले समय में चकाचक नजर आएगा। रेलवे विभाग ने स्टेशन के सुंदरीकरण के लिए कार्य शुरू कर दिया है। जिसको लेकर रेलवे स्टेशन पर फर्श उखाड़कर पत्थर लगाने का कार्य शुरू कर दिया है। यहां पर यात्रियों के लिए चढ़ने वाली सीढ़ी को भी ठीक किया जाएगा। जिससे रेलवे स्टेशन को और भव्य रूप दिया जाएगा।

गौरतलब है कि सिरसा अंग्रेजी शासन काल में एक अहम स्टेशन था। सिरसा में रेलवे स्टेशन सन् 1884 में बन गया था और यहां से राजपुताना को मालवा से रेवाड़ी बठिडा तक जोड़ने के लिए मीटर गेज रेलवे लाइन बिछा दी गई थी। आज भी सिरसा रेलवे स्टेशन की मुख्य बिल्डिंग अंग्रेजों के समय की है और सुदृढ़ है।

इससे पहले सिरसा रेलवे स्टेशन पर रेलवे लाइन बिछाने का काम भी किया जा चुका है। इस प्रोजेक्ट पर 9 करोड़ 42 लाख रुपये की राशि खर्च हुई। इससे ट्रेनों की संख्या बढ़ने पर किसी प्रकार की दिक्कतें नहीं आएगी। इसी के साथ यहां पर ट्रेन का किसी कारणवश ठहराव किए जाने पर किसी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी। रेलवे विभाग के अधिकारियों के अनुसार स्टेशन पर जो भी कार्य लंबित है। उनको पूरा करने का कार्य भी किया जाएगा। कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए आवेदन करने का आज अंतिम दिन

जागरण संवाददाता, सिरसा: उपायुक्त अजय सिंह तोमर ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से वर्ष 2022-23 के लिए फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) योजना के तहत कृषि यंत्रों पर अनुदान के लिए व्यक्तिगत किसान व कस्टम हायरिग सेंटर स्थापित करने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। विभाग की वेबसाइट पर आनलाइन आवेदन करने की वीरवार को अंतिम तिथि है। उपायुक्त ने बताया कि भारत सरकार द्वारा कुछ नियमों में बदलाव किया गया है, जिसमे पंजीकृत किसान समूह को कस्टम हायरिग सेंटर स्थापित करने के लिए योग्य नहीं पाया गया है। इसलिए उन्होंने किसानों से आह्वान किया है कि कोई भी नया पंजीकृत किसान समूह न बनवाए। कस्टम हायरिग सेंटर स्थापित करने के लिए केवल किसानों की पंजीकृत सहकारी समिति, किसान उत्पादन संगठन व पंचायत ही आवेदन करने के पात्र है।


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