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हर गांव की सरकारी बिल्डिग में लगेगा वाइफाइ कनेक्शन

भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत जिले के सभी गांवों को अब इंटरनेट से ज

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 09:04 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 09:04 AM (IST)
हर गांव की सरकारी बिल्डिग में लगेगा वाइफाइ कनेक्शन
हर गांव की सरकारी बिल्डिग में लगेगा वाइफाइ कनेक्शन

जागरण संवाददाता, सिरसा : भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत जिले के सभी गांवों को अब इंटरनेट से जोड़ा जाएगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत के अलावा गांव की पांच सरकारी इमारतों में वाइफाइ कनेक्शन दिए जाएंगे और इसके लिए पंचायत को फिलहाल कोई शुल्क अदा नहीं करना होगा। तीव्र गति के इंटरनेट कनेक्शन का लाभ फिलहाल संबंधित गांवों में काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों को ही मिल पाएगा। इस इंटरनेट कनेक्शन पर सरकारी साइट और एप ही संचालित हो पाएगी। सोशल मीडिया व अन्य प्रतिबंधित रहेगा। पंचायत से लेकर दूसरी बिल्डिगों में हाई स्पीड वाइफाइ लगेगा

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दूर संचार निगम की फाइबर टू द होम योजना के तहत पंचायतों को जोड़ा जा रहा है। पूरे जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पहले ही फाइबर केबल बिछाई जा चुकी है। हालांकि करीब-करीब सभी गांवों में दूर संचार कंपनियों के मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन हैं लेकिन उनकी स्पीड कम है। इस कनेक्शन की स्पीड 10 मेगाबाइट प्रति सेकंड होगी। दस एमबी की फाइल को 8 सेकंड में डाउन लोड किया जा सकेगा। व्यायामशाला के उद्घाटन में इसी कनेक्शन पर हुई वीडियो कांफ्रेंस

कुछ समय पहले मुख्यमंत्री ने व्यायामशाला का ऑनलाइन उद्घाटन किया। गांव दारेवाला में सिरसा की 12 व्यायामशालाओं का एक साथ उद्घाटन कार्यक्रम रखा गया। यहां वीडियो कांफ्रेंसिग की सुविधा इसी इंटरनेट कनेक्शन के सहारे रही। यहां लग सकते हैं वाइफाइ कनेक्शन

अधिकारियों के अनुसार एक गांव में पांच सरकारी बिल्डिगों में ही वाइफाइ की सुविधा दी जा सकती है जिनमें अस्पताल, डिस्पेंसरी, ग्राम सचिवालय, सरकारी स्कूल, पुलिस चौकी, आंगनबाड़ी केंद्र, पटवार भवन शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा यदि किसी अन्य विभाग ने कोई और बिल्डिग बनाई है तो उसमें भी कनेक्शन दिया जा सकता है। बीएसएनएल की फाइबर टू होम प्लान के तहत पंचायतों को कनेक्शन दिया जा रहा है इससे पंचायतें गांव में बैठकर भी आनलाइन कार्य कर पाएंगी। इसी तरह दूसरे विभाग भी आनलाइन सुविधाओं का लाभ ले पाएंगे। केवल सरकारी साइट व एप ही इन कनेक्शनों पर काम करेंगे। सोशल मीडिया इत्यादि नहीं चलेगा और जो कर्मचारी जहां कार्यरत हैं उन्हें ही सुविधा का लाभ मिलेगा। इसका असल मकसद ग्रामीणों को विभिन्न प्रकार के कार्य के लिए ऑनलाइन सुविधा से जोड़ना है।

- रमेश चंद शर्मा, डीआइओ।


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