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डीएसआर मशीन से धान बिजाई की तरफ बढ़ रहा किसानों का रुझान : यादव

जागरण संवाददाता सिरसा जिले के अनेक किसान डीएसआर से सीधी धान की बिजाई में अपनी रुचि दिख

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 06:00 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 06:12 AM (IST)
डीएसआर मशीन से धान बिजाई की तरफ बढ़ रहा किसानों का रुझान : यादव

जागरण संवाददाता, सिरसा:

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जिले के अनेक किसान डीएसआर से सीधी धान की बिजाई में अपनी रुचि दिखा रहे हैं। मजदूरों की कमी के चलते किसानों के लिए यह तकनीक संजीवनी साबित हो रही है। गांव पनिहारी में भी प्रगतिशील किसान वीरेंद्रपाल सिंह ने 70 एकड़ में सीधी धान की बिजाई की है। सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव ने भी वीरेंद्रपाल सिंह के खेत का जायजा लिया। यादव ने बताया कि किसानों को अंदेशा था कि डीएसआर मशीन से धान की बिजाई करने से खरपतवार अधिक होगा मगर ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सीधी बिजाई से जहां मजदूरी खर्च घटा वहीं पानी की भी कम खपत हुई। मजदूरों की कमी के चलते खरीदी डीएसआर मशीन

प्रगतिशील किसान वीरेंद्रपाल सिंह का कहना है कि वह 70 एकड़ में धान की बिजाई करता है। इसके लिए वह पनीरी तैयार करता था। मगर लॉकडाउन के चलते मजदूर नहीं मिले और उसने डीएसआर मशीन खरीद ली। इसी मशीन से उसने धान की बिजाई की। मन में डर था कि कहीं यह फसल उखाड़नी न पड़े इसलिए पनीरी भी लगाई। सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव ने बताया कि किसान ने सूखी और बतर दोनों विधियों से धान की बिजाई की है। दोनों विधियों से बीजी गयी फसल एक जैसी है। दोनों में कोई खरपतवार नहीं है। किसान के मुताबिक इस विधि से बोई गयी फसल में बिकनी रोग भी नहीं आया। डीएसआर से बिजाई करने पर पानी की बचत व उत्पादन अधिक होता है

सहायक कृषि अभियंता डीएस यादव ने बताया कि अब तक करीब 550 किसानों के खेत में डीएसआर मशीन का प्रदर्शन किया। जिले में ऐसे कई किसान हैं जिन्होंने 100 एकड़ भूमि मे ं डीएसआर से धान की बिजाई की है जिनमें कोटली का किसान विजय कुमार भी शामिल है। डीएस यादव ने बताया कि डीएसआर मशीन से धान की बिजाई करने से न सिर्फ पानी की बचत होती है बल्कि उत्पादन भी ज्यादा होता है। उन्होंने बताया कि किसान पेडी ट्रांसप्लांटर से भी धान की रोपाई कर सकते हैं। इस मशीन से एक घंटे में एक एकड़ में धान की रोपाई कर सकते हैं।


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