अंग्रेजों को खदेड़ने के लिए स्थापित की थी मूर्ति, अब है श्री दुर्गा मंदिर
डबवाली में करीब 75 साल पहले अंग्रेजों के जमाने में श्री दुर्गा मंदिर बना था। उस समय अंग्रेजों की घोड़ा फौज वहां रुकती थी।
संवाद सहयोगी, डबवाली : डबवाली में करीब 75 साल पहले अंग्रेजों के जमाने में श्री दुर्गा मंदिर बना था। उस समय अंग्रेजों की घोड़ा फौज वहां रुकती थी। शहर के कुछ लोगों ने हिदू बारात घर की स्थापना करके वहां जयपुर से निर्मित दुर्गा की मूर्ति स्थापित की थी। वर्ष 1946-47 के समय जब अंग्रेजों की ताकत कमजोर होने लगी तो लोगों ने प्रयास करके घोड़ा पुलिस को वहां से खदेड़ दिया गया था। गोरीवाला गांव के नंद राम मंदिर में पहले पुजारी थे। काफी सालों तक उनका परिवार मंदिर में सेवारत रहा। वर्ष में दो बार नवरात्र आते हैं। इन दिनों चैत्र नवरात्र चल रहे है। सुबह छह बजे मंदिर में पूजा अर्चना आरंभ होती है। जोकि सुबह 9 बजे तक चलती है। आरती के साथ पूजा संपन्न होती है। शाम को करीब साढ़े सात बजे पुन: विधि विधान से मां का गुणगान शुरु होता है। रात्रि 9 बजे कार्यक्रम की समाप्ति होती है।
इन्होंने स्थापित किया था मंदिर
मंदिर में स्थापित माता दुर्गा की मूर्ति संगमरमर की बनी हुई है। बताया जाता है कि डबवाली निवासी शादी लाल ग्रोवर, रामजी दास गर्ग, सुग्रीव कुमार गर्ग, भगवान दास, हेमराज जिदल, विलयाती राम, गिरधारी लाल व अन्य लोगों ने इसे स्थापित करके अंग्रेजों से जमीन छुड़वाई थी। यहां पर आज मंदिर है। मंदिर में राधा कृष्ण, हनुमान, शिव परिवार की मूर्तियां स्थापित हैं।
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देश की आजादी से पहले बने श्री दुर्गा मंदिर का इतिहास स्वर्णिम है। अंग्रेजों के सामने यहां मंदिर की स्थापना की गई थी। उस समय लोगों के पास जमीन कम होती थी, तो बारात ठहराने के लिए हिदू बारात घर की स्थापना हुई थी। आज यहां श्री दुर्गा मंदिर है।
डा. राजकपूर गर्ग, महासचिव, श्री दुर्गा मंदिर प्रबंधक कमेटी