चेयरमर्सन चुनाव को लेकर दायर याचिका बनी यक्ष प्रश्न, कौन शब्द में उलझी राजनीति
नगर परिषद चेयरपर्सन चुनाव पर हाई कोर्ट में लगाई स्टे याचिका अब य
जागरण संवाददाता, सिरसा : नगर परिषद चेयरपर्सन चुनाव पर हाई कोर्ट में लगाई स्टे याचिका अब यज्ञ प्रश्न बन गई है। हाई कोर्ट से स्टेट लेने वाली पार्षद के याचिका दायर न करने का दावा कर हलचल पैदा कर दी। वार्ड 22 की पार्षद बलजीत कौर ने कहा कि उन्होंने कोई याचिका दायर नहीं की और न ही उनके याचिका पर हस्ताक्षर है। कांग्रेस नेताओं ने इस प्रकरण के लिए भाजपा-हलोपा को जिम्मेवार ठहराया। वहीं विधायक गोपाल कांडा ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की।
-------------------------------- चंडीगढ़ में आदमी भेजकर मंगवाई रिट की कॉपी
हाई कोर्ट द्वारा स्टे के चलते 11 अगस्त के चुनाव टल गए़्। इस मामले में अगली सुनवाई 27 अगस्त को होनी है। इससे पहले बीती पांच अगस्त को होने वाली बैठक भी ऐन मौके पर चार अगस्त की रात को प्रशासनिक आदेश जारी किए जाने के बाद टाल दी गई थी। सोमवार रात को सोशल मीडिया पर याचिका की प्रतियां वायरल होने के बाद चर्चाएं शुरू हो गई कि बलजीत कौर ने रिट लगाई है परंतु सुबह 11 बजे बलजीत कौर पार्षदों व कांग्रेसी नेताओं के साथ नगर परिषद कार्यालय में पहुंची और बोली कि उसने चुनाव रोकने के लिए हाईकोर्ट में कोई रिट नहीं लगाई। उसने कहा कि याचिका पर मेरे हस्ताक्षर ही नहीं है। हमने चंडीगढ़ में आदमी भेजकर अधिवक्ता से रिट की कॉपी मंगवाई है ताकि देखा जा सके कि उसमें किसने साइन किए है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच हो और जो दोषी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई हो। ---------------- अधिवक्ता बोले, उनका आधार पहचान पत्र मेरे पास कैसे आए
इस मामले में याचिकाकर्ता के चंडीगढ़ निवासी अधिवक्ता संदीप पुंछी ने बताया कि पॉलिटिक्स में क्या है, ये उन्हें नहीं पता। परंतु सिरसा निवासी अधिवक्ता हरभजन सिंह विर्क ने उनसे कांट्रेक्ट किया और उन्होंने वहां पेपर दिये। आप उनसे यह पूछिए कि उनका आधार, वोटर आइडी कार्ड, नगर परिषद डिक्लेयर आर्डर उनके पास कैसे आए। आज सुबह पार्षद ने उनसे संपर्क भी किया था। -----------------------
सांठगांठ की राजनीति कर रही है विपक्षी पार्टी : शर्मा
कांग्रेसी नेताओं नवीन केडिया, राजकुमार शर्मा ने इस प्रकरण के लिए भाजपा व हलोपा नेताओं को दोषी ठहराया। पत्रकारों से रूबरू होते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हाई कोर्ट को भी गुमराह किया गया है। सात अगस्त को स्टे लिया गया है। दो सांसद व एक विधायक सिरसा में थे और उन्हें इसकी पूरी जानकारी थी। सरकार की तरफ से एएजी पेश हुए है। रात 11 बजे वाट्सएप पर स्टे आर्डर की कॉपी जारी की गई। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपाइयों ने प्रधान के लिए सुमन का नाम रखकर उसके साथ भी धोखा किया गया है। सर्वसम्मति की बात भी सही नहीं है। उनकी पार्टी के किसी पार्षद या संगठन से इस संबंध में बात नहीं की। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सुबह साढ़े नौ बजे पार्षदों को नगर परिषद के कर्मचारी ने बैठक रद होने संबंधित लेटर दिया, जबकि वे सब तो चुनाव में भाग लेने के लिए आए थे, उनकी तरफ से बलजीत कौर प्रत्याशी है।
------------------- याचिका पर हस्ताक्षर नहीं तो पार्षद बलजीत कौर हाईकोर्ट, डीसी को दे एफिडेविट : गोपाल कांडा
विधायक गोपाल कांडा ने नगर परिषद चुनाव को लेकर मंगलवार को हुए घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जो लोग शहर का विकास नहीं चाहते उन्होंने ही अडंगा लगाया है। हाईकोर्ट की ओर से जारी स्टे पर पार्षद बलजीत कौर का यह कहना है कि उन्होंने याचिका दायर करने को लेकर कोई हस्ताक्षर नहीं किए है तो उन्हें हाईकोर्ट और डीसी के समक्ष पेश होकर शपथ दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच करवाकर दूध का दूध और पानी का पानी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रीना सेठी का नाम हटाकर उन्होंने सुमन शर्मा का नाम रखा लेकिन दुख की इस घड़ी में अन्य पार्षद उसका साथ देने के बजाए ओछी राजनीति करने लगे। उन्होंने कहा कि लोगों ने उन्हें विकास के नाम पर वोट दी है विकास उनकी जिद है और अपने जिद पूरी करके ही रहते हैं। गोपाल कांडा ने कहा कि विधायक बनते ही सरकार को बिना शर्त समर्थन दिया था। समर्थन देकर मैंने घर वापसी की है क्योंकि मेरे पिता मुरलीधर कांडा एडवोकेट आरएसएस से जुडे़ रहे । सिरसा नगर परिषद में बजट की कमी नहीं है। पर काम नहीं हो रहा है समस्याएं बढ़ती जा रही है।