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पत्थर बना अवरोध, 1080 फुट पर बंद हुई सरस्वती नदी की खोदाई

जागरण संवाददाता, सिरसा : सरस्वती नदी की खोज में किए जा रहे बोर में पत्थर बड़ा अवरोध बन गया

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Jan 2018 03:01 AM (IST)Updated: Mon, 15 Jan 2018 03:01 AM (IST)
पत्थर बना अवरोध, 1080 फुट पर बंद हुई सरस्वती नदी की खोदाई
पत्थर बना अवरोध, 1080 फुट पर बंद हुई सरस्वती नदी की खोदाई

जागरण संवाददाता, सिरसा : सरस्वती नदी की खोज में किए जा रहे बोर में पत्थर बड़ा अवरोध बन गया है। 34 मीटर तक पत्थर को काटने के बाद मशीन जवाब दे गई है। इसलिए रविवार दोपहर बाद बोर का काम बंद कर दिया गया। अब सोमवार को इसी बोर में जमीन का लॉग-इन कर हरियाणा हेरिटेज बोर्ड के तकनीकी विशेषज्ञ भू-गर्भ के हालात जानेंगे। इसके बाद अगला फैसला हो पाएगा। उधर मिट्टी के सैंपल प्रयोगशाला भेजे दिए गए हैं। उनकी रिपोर्ट एक सप्ताह में आएगी।

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हरियाणा हेरिटेज बोर्ड ने प्रदेश में सरस्वती नदी के बहाव को खोजने के लिए अनेक स्थानों पर बोर किए हैं। केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय ने 10 बड़े बोर का बजट भी स्वीकृत किया हुआ है। इन्हीं में से एक बोर सिरसा के फरवाई कलां गांव में बीते बुधवार को शुरु किया गया। यहां घग्गर नदी से 500 फुट की दूरी पर ग्राम पंचायत की जगह पर बोर का काम शुरु हुआ। 1080 फुट तक बोर किया गया। हर जगह पानी मीठा है। कहीं पानी अधिक तो कहीं कम है। 650 फुट पर पानी की अधिकता पाई गई है। रविवार को लगातार पत्थर आने के कारण काम बंद करना पड़ा। शनिवार से ही जमीन में पत्थर आ रहा था। जिसकी कटाई मशीन नहीं कर पाई।

ट्यूबवेल लगाकर राज्य सरकार को सौंपा जाएगा स्थान

हेरिटेज बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार जहां खुदाई हुई है, वहां ट्यूबवेल लगाया जाएगा। यहां पानी मीठा है, इसलिए इसका सदुपयोग हो सकता है। लैब में भेजी गई मिट्टी व लॉग-इन के आधार पर अगली रिपोर्ट तैयार कर ट्यूबवेल लगा दिया जाएगा। ट्यूबवेल को राज्य सरकार के हवाले कर दिया जाएगा ताकि पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए यहां ट्यूबवेल का सहारा लिया जा सके।

बोर और नहीं किया जाएगा क्योंकि पत्थर की कटाई नहीं हो पा रही है। 34 मीटर तक पत्थर की कटाई हुई है। अब सोमवार को इसी बोर में लॉग-इन किया जाएगा। साधारण भाषा में लॉग-इन से भू-गर्भ के हालात पता चलता है। तय किया जाता है कि कितनी गहराई पर कितना पानी है। उस पानी के सदुपयोग के लिए भी पाइप कैसे डाले जाएं। यह सब लॉग-इन से पता चलेगा। मगर यहां बोर का काम बंद कर दिया गया है।

एसएस चहल, इंजीनियर, सरस्वती हेरिटेज बोर्ड


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