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रेलवे में ट्री मैन की भूमिका निभा रहे हैं एसएस होशियार सिंह

डीडी गोयल डबवाली। होशियार सिंह को रेलवे कर्मचारी ट्री मैन कहते है। क्योंकि वे यहां भी जाते है वह स्टेशन फूलों की बगिया में तबदील हो जाता है। जर्जर स्टेशन भी पेड़ों की हरियाली में समा सा जाता है। सी ग्रेड रेलवे स्टेशन में पार्क जैसी सुविधा पाकर यात्री किसी बड़े स्टेशन में उपस्थिति का अनुभव करते हैं। इन दिनों होशियार सिंह स्टेशन अधीक्षक के तौर पर डबवाली में कार्य कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 11:46 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 06:16 AM (IST)
रेलवे में ट्री मैन की भूमिका निभा रहे हैं एसएस होशियार सिंह
रेलवे में ट्री मैन की भूमिका निभा रहे हैं एसएस होशियार सिंह

डीडी गोयल, डबवाली : होशियार सिंह को रेलवे कर्मचारी ट्री मैन कहते है। क्योंकि वे यहां भी जाते है, वह स्टेशन फूलों की बगिया में तबदील हो जाता है। जर्जर स्टेशन भी पेड़ों की हरियाली में समा सा जाता है। सी ग्रेड रेलवे स्टेशन में पार्क जैसी सुविधा पाकर यात्री किसी बड़े स्टेशन में उपस्थिति का अनुभव करते हैं। इन दिनों होशियार सिंह स्टेशन अधीक्षक के तौर पर डबवाली में कार्य कर रहे हैं। उनके प्रयास से स्टेशन पर रंग बिरगे गमले नजर आने लगे हैं। गमलों का रंग यात्रियों को आकर्षित करता है तो वहीं अलग-अलग प्रकार के पौधे अपनी मौजूदगी का अहसास करवाते हैं।

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हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिला के खेरौली गांव में जन्में होशियार सिंह जोतरीवाल वर्ष 1994 में स्टेशन मास्टर के तौर पर रेलवे में भर्ती हुए थे। पहली पोस्टिग राजस्थान के नोहर में थी। बचपन से ही जन्म दिवस पर पेड़ लगाने का शौक था, तो इसे देश के सबसे बड़े सरकारी महकमें रेलवे में जारी रखा। नोहर के बाद आठ माह डबवाली, तीन साल गोगामेड़ी, पांच साल कलानौर (हरियाणा) तो वर्ष 2008 में डबवाली में वापसी हुई। बाद में जस्सी बागवाली (पंजाब) चले गए। बागवाली में करीब पांच साल बिताए। इस स्टेशन को बगिया का रूप दे दिया। होशियार सिंह के लगाए फूल वहां आज भी मंद-मंद मुस्करा रहे हैं, उन्हीं के साथ स्टेशन की खूबसूरती बयां होती है। तो नाम आता है होशियार सिंह का। उन द्वारा तैयार बगिया में बैठकर रेलवे के बड़े बड़े अधिकारियों को प्रकृत्ति की सुंदरता का अहसास होता है, तभी तो जब भी किसी बड़े अधिकारी का दौरा होता है तो वे गेस्ट या फिर रेस्ट हाऊस को छोड़कर बगिया में बैठना पसंद करता है।

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मैं ऐसा इसलिए हूं, क्योंकि मुझे पेड़ों से प्यार है

फूलों से सजे तथा हरियाली ओढ़े स्टेशन को देखकर रेलवे के अधिकारी सवाल करते हैं कि आप इतने होशियार क्यों हो? तो एसएस होशियार सिंह बड़े सलीके से जवाब देते हैं कि मैं ऐसा इसलिए हूं, क्योंकि मुझे पेड़ों से प्यार है। इसकी वजह बताते हुए वे कहते हैं कि उनके बड़े भाई सीआर जोतरीवाल (आइएफएस) बड़े ओहदे पर रह चुके हैं। तो उनके ससुर एलएन दहिया डीएफओ रिटायर्ड हैं। पेड़ों से प्यार की शिक्षा घर तो फिर ससुराल से मिली। इसलिए पेड़ ही पेड़ लगाना चाहता हूं। यहीं नहीं होशियार सिंह का तबादला कहीं भी हो, वह खुद के लगाए पेड़ों के बारे में संबंधित स्टेशन अधीक्षक को समय-समय पर कॉल करते स्थिति के बारे में पूछते रहते हैं। इतना ही नहीं, जब छुट्टी पर होते हैं तो राऊंड लगा आते हैं।

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पौधा लगाना ही इनकी रीत

जब भी कॉलोनी में किसी कर्मचारी के बच्चे का जन्म दिन होता है तो वह उसके हाथ से पौधा लगाते हैं। उसे परवरिश करने के लिए कहते हैं। दूसरे बच्चे यह देखकर अपने जन्म दिन पर पौधा लगाते हैं। कह सकते हैं कि वे यहां भी जाते हैं ऐसी रीत शुरू करते हैं कि प्रत्येक कर्मचारी उसमें शामिल हो जाता है।

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मैं बर्थ-डे पर केक काटने की अपेक्षा पेड़ लगाता था, यह मेरी आदत बन गया। दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करता हूं। रेलवे स्टेशन मेरी कर्मभूमि हैं। इसलिए उनको हरा भरा रखना मैं अपनी जिम्मेदारी समझता हूं। साथी कर्मचारी मेरा सहयोग करते हैं, उसकी की बदौलत स्टेशन बगिया का रूप लेते हैं।

-होशियार सिंह, रेलवे स्टेशन अधीक्षक, डबवाली


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