लॉकडाउन में जरूरतमंदों की मददगार साबित हुआ श्याम मुरारी निस्वार्थ सेवा संस्थान
जागरण संवाददाता सिरसा लॉकडाउन की शुरूआत में जब सब कुछ थम सा गया था उस समय दिहाड़ी
जागरण संवाददाता, सिरसा : लॉकडाउन की शुरूआत में जब सब कुछ थम सा गया था, उस समय दिहाड़ी मजदूरी करने वालों पर मेहनत का पहाड़ टूट पड़ा था। कुछ ऐसे लोग भी थे जो परेशानी में घिर गए थे क्योंकि न तो उनके पास बीपीएल कार्ड था और न ही वे लंगर इत्यादि लेने के लिए लाइनों में खड़े हो सकते थे। ऐसे सैकड़ों लोगों के लिए मददगार बना श्री श्याम मुरारी सेवा संस्थान। करीब डेढ़ वर्ष पहले ही सेवानिवृत्त हुए बैंक अधिकारी सुमन मित्तल ने सेवा की भावना रखने वाले लोगों को साथ जोड़कर खाटू वाले श्याम प्रभू के नाम से ट्रस्ट बनाया। लॉकडाउन के शुरूआती दौर में ट्रस्ट उन असंख्य मजदूरों के लिए वास्तव में मददगार साबित हुआ, जिनकी रोजी रोटी छीन चुकी थी। घर जाने की आस में छोटे बच्चों सहित पैदल ही निकल चुके थे। -------------- श्री श्याम मुरारी निस्वार्थ सेवा संस्थान के अध्यक्ष सुमन मित्तल का कहना है कि उनका उद्देश्य है कि जरूरतमंदों की मदद करना। वे न तो कोई दिखावा चाहते हैं और न ही प्रचार। लॉकडाउन के समय उन्हें जहां भी पता चला कि वास्तव में जरूरतमंद है, उन्हें राशन, भोजन, दवाइयां इत्यादि उपलब्ध करवाई। सिरसा रेलवे स्टेशन से कुछ श्रमिक बिहार जाने के लिए आए थे, सोच रहे थे कि मालगाड़ी में बैठकर ही निकल जाएं परंतु जीआरपी ने उन्हें रोक लिया और वापस लौटा दिया। ऐसे में उन श्रमिक परिवारों को संस्थान ने पूरा सहयोग दिया। ----- सुमन मित्तल ने बताया कि लॉकडाउन के समय ऐसे भी बहुत से परिवार मिले जिनका काम धंधा छीन चुका था। बीपीएल कार्ड था नहीं और लंगर लेने के लिए लाइनों में वे आत्मसम्मान के चलते लग नहीं सकते थे। ऐसे परिवारों की सूचना मिलने के बाद उन्होंने दुकान से राशन की किट तैयार कर भिजवानी शुरू की। वे लोग उस दुकान पर जाकर राशन ले आते थे। लॉकडाउन के समय ऐसे परिवारों के चेहरों पर मुस्कान लाकर यूं लगा मानों सच में भगवान की सेवा कर रहे हों। अब भी सर्दी के मौसम में जरूरतमंदों को कंबल, टोपी, जुराबें इत्यादि दे रहे हैं। रात के समय गाड़ी से निकल जाते हैं जहां भी लगता है कि यह जरूरतमंद है उसे कंबल दे देते हैं वो चाहे साधारण आदमी ही क्यों न हो।