अस्पताल से फरार होने के बाद अमृतसर में छिपते रहे बंदी
नागरिक अस्पताल के बंदी वार्ड से पुलिस कर्मचारी पर हमला कर खिड़की तोड़कर फरार हुए जेल के बंदी सोनू व काका सीधे अमृतसर गए थे।
जागरण संवाददाता, सिरसा : नागरिक अस्पताल के बंदी वार्ड से पुलिस कर्मचारी पर हमला कर खिड़की तोड़कर फरार हुए जेल के बंदी सोनू व काका सीधे अमृतसर गए थे। पुलिस की जगह-जगह नाकेबंदी थी इसके बावजूद दोनों चोरी के मोटरसाइकिल से डबवाली पहुंचे और मोटरसाइकिल छोड़कर बस में सवार होकर पंजाब के लिए निकल गए। दस अगस्त को अस्पताल से फरार होने के मामले में पुलिस अधीक्षक ने दो कर्मचारियों को सस्पेंड किया तथा इस मामले में एफआइआर भी दर्ज करवाई। चोट के बावजूद नहीं करवाया इलाज, जिला छोड़ने की जल्दी में रहे दोनों
नागरिक अस्पताल में रात्रि एक बजे एक बंदी ने पुलिस कर्मचारी को लघुशंका जाने को लेकर हथकड़ी खोलने को कहा।लघुशंका से वापस आने के बाद दोनों बंदियों ने पुलिस कर्मचारी को नजदीक बुला लिया और फिर प्रहार कर दिया। इसके बाद दोनों ने हथकड़ी खोली और पुलिस कर्मचारी को मारने लगे। शोर सुनकर नर्स ने बाहर से कमरे की कुंडी लगा दी जिसके बाद खिड़की तोड़कर दोनों फरार हो गए। बुधवार को एक आरोपित पंजाब के बठिडा निवासी काका ने कोर्ट में आकर आत्मसमर्पण कर दिया। एक आरोपित को चोट लगी हुई थी और उसने कपड़ा बांध लिया था। इलाज करवाने के बजाय दोनों जल्दी से जल्दी जिला छोड़ना चाहते थे इसीलिए सिरसा के बाद दोनों सीधे डबवाली पहुंच गए। रास्ते में एक जगह डाक्टर के बारे में किसी राहगीर से पूछा जरूर था लेकिन रात होने के कारण डाक्टर के न होने की जानकारी मिली। अस्पताल में ही रची थी फरार होने की साजिश
जेजे कालोनी चौकी प्रभारी उप निरीक्षक आनंद ने बताया कि काका सिंह से पूछताछ में सामने आया है कि जेल में झगड़ा होने के बाद दोनों वापस जेल नहीं लौटना चाहते थे। उन्हें यह भी आभास था कि अस्पताल से छुट्टी होने वाली है इसलिए उन्होंने फरार होने की साजिश रची। उप निरीक्षक ने बताया कि पूछताछ में सामने आया कि दोनों इकट्ठे अमृतसर थे और वहां अलग-अलग गुरुद्वारों में रुकते रहे। अमृतसर से वापसी में दोनों साथ चले लेकिन बस में आगे-पीछे बैठ गए ताकि कोई उन पर शक न करें। इसी दौरान दूसरा आरोपित बीच रास्ते में ही उतर गया।