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पहले ऋण चुकाओ, फिर मिलेगी खाद

खाद के लिए सरकारी सोसाइटी में किसानों की भीड़ है। सोसाइटी ऋण चुकता करने वालों को खाद देने में प्राथमिकता दे रहा है। वह भी मनमर्जी से। किसान को 10 से 14 बैग दिए जा रहे है। किसानों का कहना है कि यह नाकाफी है। पैक्स प्रबंधक भी किसानों का पक्ष लेते हुए खाद की किल्लत बता रहे हैं। हालांकि उपमंडल कृषि अधिकारी का कहना है कि इलाके में खाद की कमी नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 07:00 AM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 07:00 AM (IST)
पहले ऋण चुकाओ, फिर मिलेगी खाद

संवाद सहयोगी, डबवाली :

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खाद के लिए सरकारी सोसाइटी में किसानों की भीड़ है। सोसाइटी ऋण चुकता करने वालों को खाद देने में प्राथमिकता दे रहा है। वह भी मनमर्जी से। किसान को 10 से 14 बैग दिए जा रहे है। किसानों का कहना है कि यह नाकाफी है। पैक्स प्रबंधक भी किसानों का पक्ष लेते हुए खाद की किल्लत बता रहे हैं। हालांकि उपमंडल कृषि अधिकारी का कहना है कि इलाके में खाद की कमी नहीं है। ---- बैठने तक के लिए व्यवस्था नहीं डबवाली-रानियां रोड पर गांव अलीकां में स्थित द अलीकां प्राथमिक कृषि सहकारी समिति लिमिटेड (पैक्स अलीकां) में किसानों की भीड़ लगी है। ये सभी खाद लेने के लिए आए हैं। किसान जग्गा सिंह, गुरविद्र सिंह, गुरजीत सिंह आदि ने बताया कि वे सुबह करीब आठ-साढ़े आठ बजे पैक्स कार्यालय में पहुंच गए थे। उस समय कार्यालय नहीं खुला था। प्रबंधक उन्हीं लोगों को खाद देने की बात कह रहा है, जिनकी कापी पूरी है। मतलब, जिन्होंने ऋण चुकाया हुआ है। कब कापियां पूरी होंगी, कब उन्हें खाद मिलेगी। आज पूरा दिन खाद के लिए यहां बैठे-बैठे बीत जाएगा। किसानों के मुताबिक पैक्स अलीकां से गांव अलीकां, मौजगढ़, मसीतां तथा लखुआना के किसान जुड़े हुए हैं। पैक्स कार्यालय की स्थिति यह है कि बैठने तक के लिए व्यवस्था नहीं है। ---- मांगे थे आठ हजार, मिले दो हजार पैक्स अलीकां के प्रबंधक रविद्र सिंह ने बताया कि कुल 913 खाते हैं। जिसमें से 744 लोगों ने ऋण चुकता किया हुआ है। शेष डिफाल्टर हैं। डिफाल्टरों को खाद नहीं देंगे। इसके बावजूद भी खाद की शार्टेज है। प्रबंधक के अनुसार उसने आठ हजार बैग की डिमांड की थी। सिर्फ दो हजार बैग खाद पहुंचे हैं। सभी को खाद देने के उद्देश्य से बैग देने की सीमा तय कर दी है। ऋण चुकाने वालों को ही प्राथमिकता दी जा रही है। ---- इधर पैक्स प्रबंधक नहीं मंगवा रहा खाद गांव डबवाली निवासी हैफेड सोसाइटी चेयरमैन नरेंद्र बराड़, शिवचरण सिंह ने खाद किल्लत का मुद्दा एसडीएम राजेश पूनियां के समक्ष उठाया है। बराड़ ने बताया कि पैक्स डबवाली का प्रबंधक पिछले करीब पांच सालों से खाद नहीं मंगवा रहा है। पैक्स के तहत सात गांव आते है। जिसमें डबवाली, शेरगढ़, सावंतखेड़ा, खुइयांमलकाना, दिवानखेड़ा, नीलांवाली तथा पन्नीवाला रुलदू शामिल है। उपरोक्त गांवों के किसानों को घर द्वार पर खाद न मिलने के कारण परेशानी झेलनी पड़ती है। किसान को खाद लेने के लिए गांव से दूर शहर में जाना पड़ता है। जिससे उसके सैकड़ों रुपये खर्च होते है, साथ ही मानसिक परेशानी झेलनी पड़ती है। एसडीएम ने समस्या का समाधान करवाने का आश्वासन दिया है। ---- इलाके में खाद की शार्टेज नहीं है। 20 दिनों तक बिजाई होनी है। इतने में सात से आठ रैक लगेंगे। पहला रैक सोसाइटी में गया है। दूसरा इफको का रैक भी सोसाइटी में ही जाएगा। हमारा किसान पड़ोसी सूबे पंजाब, राजस्थान में रिश्तेदारों तक खाद पहुंचाने के लिए मांग कर रहा है। मैं मानता हूं कि जितना हमारा सोइंग एरिया है, उतनी खाद हमारे पास उपलब्ध है। -डा. जितेंद्र अहलावत, उपमंडल कृषि अधिकारी, डबवाली


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