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सिरसा में नहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, यहां पर बने पीजीआइ या कैंसर अस्पताल

जागरण संवाददाता सिरसा हिसार रोड स्थित दैनिक जागरण कार्यालय में लोकसभा चुनाव को लेकर

By JagranEdited By: Published: Wed, 10 Apr 2019 11:12 PM (IST)Updated: Wed, 10 Apr 2019 11:12 PM (IST)
सिरसा में नहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, यहां पर बने पीजीआइ या कैंसर अस्पताल
सिरसा में नहीं बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, यहां पर बने पीजीआइ या कैंसर अस्पताल

जागरण संवाददाता, सिरसा :

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हिसार रोड स्थित दैनिक जागरण कार्यालय में लोकसभा चुनाव को लेकर सिरसा लोकसभा क्षेत्र के मुख्य मुद्दों को लेकर पैनल डिस्कशन हुई। इसमें कर्मचारी, किसान व छात्र नेताओं ने भाग लिया। सिरसा में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं होने पर पीजीआइ बनाए जाने व कैंसर के ज्यादा रोगी होने पर कैंसर अस्पताल बनाने, शिक्षा, रोजगार व किसानों की मांगों पर चर्चा की गई। वहीं सभी ने अपने मत का प्रयोग जरूर करने पर विचार विमर्श करते हुए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करवाने का फैसला लिया गया। सिरसा में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर नहीं है। यहां पर कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज है। कैंसर रोगी को रोहतक, दिल्ली, जयपुर, बीकानेर व अन्य शहरों में ले जाकर उपचार करवाना पड़ता है। सिरसा में पीजीआइ व कैंसर अस्पताल बनना चाहिए। वहीं कैंसर के मरीज यहां पर किस कारण बढ़ रहे हैं इस पर शोध कार्य किया जाना चाहिए ताकि कैंसर फैलने का कारणों का पता चल सके।

गुरदीप सैनी, प्रदेश मीडिया प्रभारी, स्कूल लेक्चरार एसोसिएशन हरियाणा सिरसा जिले में कपास, गेहूं व धान का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। गेहूं व कपास उत्पादन में देशभर में सिरसा का नाम है। इसके बाद यहां पर कृषि से संबंधित कोई उद्योग नहीं है। सिरसा जिले में अगर उद्योग लगता है तो इससे किसानों को फायदा मिलेगा। किसानों की मांग पर आज तक किसी पार्टी ने ध्यान नहीं दिया है। सभी मतदान के दिन मत का प्रयोग जरूर करें। अगर मत फीसद बढ़ेगा तो सरकार को पता चलेगा कि सिरसा के लोग जागरूक हैं।

विकल पचार, अध्यक्ष, अखिल भारतीय स्वामी नाथन संघर्ष समिति सिरसा जिला शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी पिछड़ा हुआ है। यहां पर शिक्षा की तरफ विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। अगर बच्चे शिक्षित होंगे तो रोजगार की संभावना भी बढ़ेगी। अपने मत का प्रयोग करना जरूरी है। इससे ही अच्छे नेता का चुनाव होगा।

सुमित कुमार, प्रधान, छात्र संगठन, सीडीएलयू 1980 में प्रदेश की जनसंख्या करीब एक करोड़ थी और उस समय बसों की संख्या 3500 थी। अब प्रदेश की जनसंख्या करीब 3 करोड़ पहुंच गई है। मगर बसों की संख्या 4 हजार है। उनकी हालत भी सही नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र के रूटों पर पर्याप्त बसें नहीं हैं। बसों की कमी से विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होती है जबकि इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता।

महेंद्र शर्मा, कर्मचारी नेता, सर्व कर्मचारी संघ किसानों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरकार ने पहले स्वामी नाथन रिपोर्ट लागू करने की बात कही गई मगर रिपोर्ट लागू नहीं की गई। किसानों को अनाज के उचित भाव नहीं मिलते हैं। सिरसा जिला कृषि पर आधारित है जबकि किसानों की हालत पतली होती जा रही है। जिले में कहीं पर कृषि से संबंधित उद्योग नहीं है। हर बार सिरसा जिले को अनदेखा कर दिया जाता है।

नेकीराम सिहाग, किसान सिरसा से फतेहबाद, दिल्ली व चंडीगढ़ के बीच रेल सुविधा होनी चाहिए। इसके लिए लंबे समय से मांग चल रही है। इस मांग को अभी तक पूरा नहीं किया है। गांवों में बसों की सबसे बड़ी समस्या है। कई गांवों में तो बसें नहीं जा रही हैं। ऐसे में उन गांवों की छात्राएं कैसे उच्च शिक्षा ले सकेंगी। चौपटा क्षेत्र में महिला कॉलेज खोलने की बहुत लंबे समय से मांग है उसे भी पूरा किया जाना चाहिए।

रामकुमार चुरनिया, कर्मचारी नेता, रोडवेज यूनियन गांव अभी भी विकास से दूर हैं। किसी भी गांव में उचित पानी निकासी का प्रबंध नहीं है। इससे ग्रामीणों को परेशानी होती है। चुनाव के समय जो घोषणा पत्र होता है। उसमें नेता केवल वोट लेने के लिए वादे करते हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। जो वादा किया जा रहा है उसे पूरा करना चाहिए।

नंदराम, कर्मचारी ये भी हुई पैनल डिस्कशन में चर्चा

सभी अपने वोट का प्रयोग जरूर करें

वोट डालने के लिए लोगों को जागरूक किया जाए

चुनाव में हर एक वोट की कीमत, इसे सभी समझें

महिलाओं को भी वोट डालने के प्रति जागरूक करें।


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