स्टॉफ का अभाव, रेफरल अस्पताल बनकर रह गया ऐलनाबाद का नागरिक अस्पताल
राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लगातार सु²ढ़ करने का दावा कर रह
संवाद सूत्र, ऐलनाबाद : राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लगातार सु²ढ़ करने का दावा कर रही है जबकि हकीकत इससे कोसों दूर है। ऐलनाबाद उपमंडल स्तर का सरकारी अस्पताल में डाक्टरों की संख्या नाममात्र है। लिहाजा मरीजों का सही समय पर इलाज हो पाना मुश्किल होता जा रहा है। क्षेत्र के लोग निजी अस्पतालों में इलाज करवाने को मजबूर हैं। चिकित्सकों की कमी के चलते यह अस्पताल सिर्फ रेफरल अस्पताल बन कर रह गया है। दो एसएमओ सहित आठ पद खाली
उपमंडल नागरिक अस्पताल में दो एसएमओ सहित सभी विभागों की आठ पोस्ट खाली पड़ी है। रेडियोग्राफर, लैब टेक्नीशियन व एक भी चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी नहीं है। क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी चिकित्सकों की कमी चल रही है। इसी क्रम में ऐलनाबाद कस्बे का एकमात्र अस्पताल, उपमंडल नागरिक अस्पताल भी इन दिनों विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी से जूझ रहा है। चिकित्सकों के अभाव में मरीजों को इलाज के लिए 50 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय सिरसा जाना पड़ता है। क्षेत्र के 58 गांवों की एक लाख 64000 आबादी के लिए 50 बेड की क्षमता वाले उपमंडल नागरिक अस्पताल में वर्तमान में रोजाना 250 से 300 ओपीडी हो रही हैं। मरीजों की संख्या बढ़ने से अस्पताल में इलाज के इंतजाम कम पड़ रहे हैं। प्रतिमाह 70 से 75 सामान्य प्रसव होते हैं लेकिन प्रसव के लिए महिला विशेषज्ञ नहीं है। अस्पताल में 12 विशेषज्ञ डॉक्टर होने चाहिए। वर्तमान में सिर्फ 3 डॉक्टर पदस्थ है। हर रोज 300 रोगियों को देखने के लिए 3 डॉक्टरों पर 20 गुणा कार्यभार बढ़ जाता है। कस्बे के अलावा ग्रामीण क्षेत्र से भी लोग बीमारियों का इलाज कराने ऐलनाबाद आते हैं। स्वास्थ्य केंद्र में स्थायी लैब टेक्नीशियन न होने की वजह से मूलभूत जांच के लिए बाहर निजी लेबोरेट्री पर महंगे चेकअप करवाने को लोग मजबूर है। रेडियोग्राफर की कमी के चलते एक्स-रे मशीन को भी जिला मुख्यालय में शिफ्ट कर दिया गया। सामान्य एक्सरे के लिए भी मरीज को तीन से चार गुना भुगतान निजी लेबोरेट्री को करना पड़ता है। प्राथमिक उपचार के बाद भेज देते है सिरसा
बताया जाता है कि जब हड्डी टूटा हुआ मरीज या प्रसव वाली मरीज गंभीर अवस्था में अस्पताल इलाज कराने पहुंचते हैं तो उन्हें मात्र प्राथमिक इलाज कर रेफर कर दिया जाता है। वहीं प्रसव कराने वाले मरीज को जब सिजेरियन से प्रसव कराने की नौबत आती है तो सिरसा रेफर कर गरीब मरीजों का आर्थिक बोझ बढ़ा दिया जाता है। मोर्चरी हाउस है परंतु नही होते पोस्टमार्टम
दुर्घटना में मौत होने के बाद शव के पोस्टमार्टम के लिए भी जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। हालांकि ऐलनाबाद में मोर्चरी हाउस बना है। पोस्टमार्टम विशेषज्ञ न होने की वजह से मोर्चरी हाउस भी जर्जर हालत में पड़ा है। आम लोग जिला मुख्यालय जाने को विवश है । चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए दिया है आवेदन
सरकार ने अभी डॉक्टरों की भर्ती निकाली है। स्टाफ की कमी उपमंडल ऐलनाबाद ही नहीं जिला के साथ साथ पूरे प्रदेश भर में है। रेडियोग्राफर की नियुक्ति नहीं है इसलिए यहां पर एक्स-रे मशीन नहीं है। हॉस्पिटलों में डॉक्टरों की कमी है, विभाग को आवेदन दिया हुआ है ताकि आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके।
- डा. वीरेश भूषण, सीएमओ, सिरसा