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कोविड ने चौपट किया कूलरों का सीजन, हर साल बनते हैं दो लाख कूलर

सिरसा जिले में कूलर उद्योग कोरोना की चपेट में आ चुका है। कूलर

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 06:00 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 06:00 AM (IST)
कोविड ने चौपट किया कूलरों का सीजन, हर साल बनते हैं दो लाख कूलर
कोविड ने चौपट किया कूलरों का सीजन, हर साल बनते हैं दो लाख कूलर

जागरण संवाददाता, सिरसा : सिरसा जिले में कूलर उद्योग कोरोना की चपेट में आ चुका है। कूलर का कारोबार बिल्कुल ठप है। अकेले सिरसा शहर में 22 बड़ी फैक्टरियां है। इसके अलावा 50 के करीब छोटी फैक्टरियां है। जिनमें हर साल दो लाख के करीब कूलर तैयार होते है। परंतु इस बार लॉकडाउन के चलते कूलरों का कारोबार ठप है। कोविड के चलते कूलरों की डिमांड पहले ही कम थी। ऑक्सीजन किल्लत के चलते प्रशासन ने कूलर फैक्टरियों से ऑक्सीजन सिलेंडर ले लिये, जिससे कूलर निर्माण का काम ठप हो गया। शहर में कूलरों की अधिकतर दुकानें सरकुलर रोड पर है। जहां पांच हजार से लेकर 15 हजार रुपये कीमत का कूलर मिल जाता है। सिरसा से बड़ी मात्रा में कूलर राजस्थान में भी जाते हैं परंतु वहां लॉकडाउन पहले से लागू है, जिसके चलते इस बार नाममात्र का माल गया है। गेहूं फसल कटाई के बाद कूलरों का सीजन शुरू होता है। पिछली बार मई महीने में लॉकडाउन में कुछ राहत थी तथा ऑक्सीजन सिलेंडर भी मुहैया थे, जिसके चलते बीते वर्ष का सीजन ठीकठाक रहा परंतु इस बार कूलर उद्योग से जुड़े निर्माता व दुकानदार आर्थिक हानि झेल रहे है। उनका कहना है कि प्रशासन कूलरों की दुकान खोलने के लिए भी कुछ समय दे ताकि उन्हें आर्थिक हानि न उठानी पड़े।

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कूलर निर्माता एसोसिएशन के प्रधान आत्मप्रकाश ने बताया कि वे पिछले 30 सालों से इस व्यवसाय से जुड़े हुए है। कोरोना काल में कूलरों की डिमांड कम है। इस बार ऑक्सीजन किल्लत के चलते प्रशासन ने फैक्टरियों में से ऑक्सीजन सिलेंडर भी ले लिये, जिस कारण कूलरों का निर्माण रुक गया। लॉकडाउन लगने के कारण अधिकतर कूलर निर्माताओं के पास बना हुआ माल बचा पड़ा है। अगर प्रशासन सीमित समय की छूट दे दे तो कुछ राहत मिल सकती है।

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सरकूलर रोड पर कूलर मार्केट के प्रधान शशीकांत रोहिल्ला ने कहा कि पहले कूलरों की अलग दुकानें होती थी परंतु अब तो इलेक्ट्रोनिक्स व फर्नीचर शोरूम संचालक भी कूलर बेच रहे हैं। अच्छा कूलर सात हजार से लेकर 15 हजार तक मिल जाता है। बीते साल भी कोरोना के कारण सीजन अच्छा नहीं रहा परंतु माल निकल गया था पंरतु इस बार तो अधिकतर दुकानों पर बना हुआ माल पड़ा है। सीजन बीत जाने के बाद साल भर इसकी संभाल करनी पड़ेगी तथा नुकसान झेलना पड़ेगा।

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आनंद उद्योग के संचालक कृष्ण कुमार ने बताया कि कोविड के चलते इस बार दुकानों का खर्चा निकालना भी मुश्किल हो रहा है। राजस्थान में भी कूलर सप्लाई होते हैं परंतु वहां हरियाणा से पहले ही लॉकडाउन लग गया। विवाह शादियों के आयोजन पर भी पाबंदी है। इसलिए लोग खरीदारी के लिए नहीं आ रहे हैं।


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