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डबवाली में नगर परिषद ने खाली प्लाटों में बना दी सरकारी गली

डबवाली के बठिडा हाईवे पर वार्ड नं. 21 की गली नं. चार में नगरपरिष

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 06:02 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 06:02 AM (IST)
डबवाली में नगर परिषद ने खाली प्लाटों में बना दी सरकारी गली

संवाद सहयोगी, डबवाली : डबवाली के बठिडा हाईवे पर वार्ड नं. 21 की गली नं. चार में नगरपरिषद ने दो खाली प्लाट में इंटर लॉक टाइल से गली बना डाली है। चार माह बाद प्लाट धारक पहुंचे तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई। आमने-सामने स्थित प्लाट मालिकों ने अपनी जमीन एक्वायर करते हुए गली के बीचों-बीच दीवार निकाल दी है। ऐसे में गली का काफी हिस्सा चहारदीवारी के बीच आ गया है। चहारदीवारी विवाद का विषय बन गई है। बताया जाता है कि वर्ष 2010-11 से पूर्व गली बंद थी। प्लाट दो हिस्सों में बंटा तो दोनों पक्षों ने अपने-अपने हिस्से की जमीन गली के लिए छोड़ दी थी। ऐसे में बिना रुकावट लोग इधर से उधर जाने लगे थे। गली के लिए छोड़े गए हिस्से को नप ने चार माह पूर्व ही पक्का किया था। गली में दीवार खिचवा रहे श्री मुक्तसर साहिब निवासी हरपाल सिंह ने बताया कि वर्ष 2010-11 में उन्होंने अपनी जमीन का कुछ हिस्सा डॉ. सुखवंत सिंह हेयर को बेचा था। दोनों परिवारों ने 9-9 फुट (कुल 18 फुट) भूमि गली के लिए छोड़ी थी। ताकि भविष्य में प्रॉपर्टी का भाव चढ़ सकें, साथ ही गली में बाशिदों को फायदा हो। लेकिन नगरपरिषद ने 24 फुट चौड़ी गली बनाते हुए उनकी जमीन में ही इंटर लॉक टाइल लगा दी। जोकि गलत है। इधर डॉ. सुखवंत सिंह हेयर ने बताया कि उनके पास जमीन संबंधी साक्ष्य मौजूद हैं। रजिस्ट्री में दर्ज रकबे मुताबिक चहारदीवारी की है। बिना मापदंड गली बना दी गई। जोकि गलत है। ------------ गली बनाने का कोई पैमाना नहीं

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गली बनाने की तो नगरपरिषद के पास कोई पैमाना नहीं है। सूत्रों के अनुसार शहर में बनी गलियों की मलकियत नगर परिषद की नहीं है। अधिकतर गलियां निजी नामों पर दर्ज हैं। इस बात को नगरपरिषद अधिकारी स्वीकार करते हैं। लेकिन रिकॉर्ड में यह बात कोई दर्ज नहीं करवाता। सब कुछ जानकर भी पार्षद चुप रहते हैं। बैठक में पार्षद मांग उठाते हैं। एजेंडा पास होने के बाद नगरपरिषद उसे मूर्त रूप दे देती है। इस दौरान न तो गली की चौड़ाई निर्धारित की जाती है और न ही यह देखा जाता है कि यहां गली बनाई जा रही है, वह जमीन सरकारी है या प्राइवेट। सीधे तौर पर नगरपरिषद ही सरकारी पैसे के दुरुपयोग का केंद्र बनी हुई है। ------------ मेरी नोटिस में यह मामला नहीं है। जेई सुशील श्योराण ही इसके बारे में बता सकता है। गली में दीवार निकालने की बात है तो प्लाट मालिकों का रिकॉर्ड चैक किया जा सकता है। -सचिव ऋषिकेश चौधरी, नगरपरिषद डबवाली ------------ मेरी नोटिस में यह मामला आया था। प्लाट मालिकों ने साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं। जिसके अनुसार वो सही कह रहे हैं। हमनें उन्हें प्लाट में आई गली को न उखाडऩे के लिए कहा है। अगर प्लाट की नींव भरी होती तो गलती नहीं होती। हमनें एक मकान की दीवार से दूसरे मकान की दीवार को प्लाट मानते हुए गली बनाई है। -जेई सुशील श्योराण, नगरपरिषद, डबवाली


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