Move to Jagran APP

त्योहारी सीजन : देश में बनी बिजली की लड़ियां से रोशन होंगे घर

दीपावली को रोशनी पर्व कहा जाता है। यहीं कारण है कि दीपावली पर

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 05:55 AM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 05:55 AM (IST)
त्योहारी सीजन : देश में बनी बिजली की लड़ियां से रोशन होंगे घर
त्योहारी सीजन : देश में बनी बिजली की लड़ियां से रोशन होंगे घर

जागरण संवाददाता, सिरसा : दीपावली को रोशनी पर्व कहा जाता है। यहीं कारण है कि दीपावली पर इलेक्ट्रानिक सामान की मांग बढ़ जाती है। बाजारों की रौनक देखते ही बननी शुरू हो गई है। बाजारों में अभी से हर तरह इलेक्ट्रानिक सामान से सजी दुकानें नजर आने लगी है। इस बार देश में बनी बिजली की आइटम ज्यादा बिक रही है। चाइनीज आइटम की डिमांड बाजारों में न के बराबर हो गई है। दुकानों में पहुंचते ही ग्राहक भी चाइनीज बिजली लड़ी न होने की बात कहते हैं। कुछ सामाजिक संगठनों की चाइनीज सामान नहीं खरीदने की मुहिम भी रंग लाने लगी है। ---दिल्ली से आर्डर पर सामान

loksabha election banner

दीपावली पर्व को लेकर पहले से ही आर्डर देकर इलेक्ट्रानिक दुकान व जनरल स्टोर संचालक दिल्ली से बिजली की इलेक्ट्रानिक लड़ियों मंगवाते हैं। बाजार में कई तरह के बल्ब, रोशनी की लड़ियां बिक रहे हैं। एक ही बल्ब में कई तरह की रोशनी लोगों को आकर्षित कर रही है। बिजली की लड़ियां 25 रुपये से लेकर 250 रुपये तक में बिक रही है। घुमने वाली लाइट व लेजर लाइट रिबन 400 रुपये से 600 रुपये तक बिक रही है। रंगीन बल्ब 80 से लेकर डेढ़ सौ रुपये में बिक रहे हैं। कैंडल 60 से 650 रुपये में बिक रहे हैं। -- नहीं बढ़े रेट

दीपावली पर्व को लेकर पहले से ही बिजली की लड़ियां आर्डर देकर मंगवाते हैं। इस साल कोरोना वायरस को लेकर कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। पिछले साल जो रेट थे। उसी रेट पर बेची जा रही है। जैसे जैसे दीपावली पर्व नजदीक आ रहा है। बिजली की लड़ियों की बिक्री बढ़ने लगी है।

- नरेश कुमार, मदान इलेक्ट्रानिक्सि स्टोर, सिरसा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.