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आधे मजदूर गए हड़ताल पर तो आधे मजदूरों के सहारे चलाया तोल का काम

ई-ट्रेडिग के विरोध में प्रदेश के आढ़तियों ने मंडियों को बंद

By JagranEdited By: Published: Fri, 12 Apr 2019 11:19 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2019 11:19 PM (IST)
आधे मजदूर गए हड़ताल पर तो आधे मजदूरों के सहारे चलाया तोल का काम
आधे मजदूर गए हड़ताल पर तो आधे मजदूरों के सहारे चलाया तोल का काम

जागरण संवाददाता, सिरसा:

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ई-ट्रेडिग के विरोध में प्रदेश के आढ़तियों ने मंडियों को बंद किया है। सरकार के खिलाफ आढ़तियों की तीसरे दिन भी हड़ताल जारी रही और मांग पूरी न होने तक हड़ताल जारी रखने की चेतावनी दी। वहीं मंडी मजदूर यूनियन ने भी आढ़ती एसोसिएशन का समर्थन किया। ऐसे में हैफेड द्वारा खरीदी जा रही सरसों का तोल करने वाले आधे मजदूरों ने आढ़तियों का समर्थन कर दिया और दिनभर दो कांटों से ही सरसों का तोल किया गया। वहीं मार्केट कमेटी में कर्मगढ़ के किसान का नाम लिस्ट से काट दिए जाने के बाद किसानों ने मार्केट कमेटी में प्रदर्शन किया।

मार्केट कमेटी के समक्ष चल रहे धरने का नेतृत्व आढ़ती एसोसिएशन प्रधान हरदीप सरकारिया ने किया। उन्होंने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने आढ़तियों को बर्बाद करने के लिए ई-ट्रेडिग जैसा कदम उठाया है। सरकार इस बात से भली-भांति वाकिफ है कि आढ़तियों के पास ई-ट्रेडिग व्यवस्था को चलाने की न तो कोई व्यवस्था है और न ही समय। इसके बावजूद आढ़तियों पर ई-ट्रेडिग प्रणाली थोपी जा रही है जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकारिया ने कहा कि मंडियों से अधिकतर गेहूं खरीद केंद्रों पर आती है और अधिकतर खरीद केंद्रों में बैठने तक की व्यवस्था नहीं होती, पिछले 20-25 वर्षों से किसी भी सरकार द्वारा खरीद केंद्रों पर किसी भी मूल-भूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी व बैठने इत्यादि की व्यवस्था का निर्माण नहीं किया गया और सभी खरीद केंद्रों पर फर्श टूटे पड़े है सड़कें खराब है। उसकी तरफ सरकार का ध्यान नहीं है। वहीं उन्होंने कहा कि पंचायती राज और मंडी बोर्ड का आपस मे तालमेल नहीं है जिस के कारण आज तक खरीद केंद्रों पर मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं।

ऐसे में ई-ट्रेडिग प्रणाली के चलते ऑनलाइन बिल काटना संभव नहीं है। आढ़तियों की हड़ताल में मंडी मजदूर यूनियन, हरियाणा व्यापार मंडल, अकाउंटेंट एसोसिएशन, दलाल एसोसिएशन, किरयाणा एसोसिएशन, सीमेंट सरिया डीलर एसोसिएशन, स्वर्णकार एसोसिएशन, गुड़ शक्कर एसोसिएशन भादरा बा•ार व अन्य एसोसिएशन के सदस्यों ने समर्थन किया।

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किसानों को झेलनी पड़ रही मजदूरों की कमी

शुक्रवार को सरसों बेचने के लिए सिरसा, शेखुपुरिया, झोरड़नाली व कंगनपुर के किसानों को मंडी में सरसों बेचने के लिए समय दिया गया था। ऐसे में सुबह से ही हैफेड की सरसों का तोल करने वाले आधे किसानों ने आढ़तियों का समर्थन दे दिया। जिसके बाद लगभग 15 मजदूरों के सहारे ही सरसों का तोल किया गया। ऐसे में कई किसानों की ट्रालियों में लदी सरसों की झराई करने के लिए किसान मजदूरों का काफी समय तक इंतजार करते रहे। ऐसे में मजदूरों ने किसानों के नंबर के अनुसार ही सरसों का तोल किया। वहीं झोरड़नाली के किसान कृष्ण कुमार, देवराज, राजेंद्र कुमार ने बताया कि वह सुबह से सरसों बेचने के लिए मंडी में पहुंचे हुए लेकिन उनकी सरसों को तोल नहीं लग पाया। जब उन्होंने अधिकारियों के साथ बातचीत की तो अधिकारियों ने कुछ समय इंतजार करने के लिए कहा और अब वह उन मजदूरों के खाली होने का इंतजार कर रहे है। सरसों में अधिक नमी बता कर हैफेड वेयर हाउस के बाहर रोका ट्रक

मंडी में हैफेड द्वारा सरसों की नमी जांच करने के बाद सरसों को किसानों से खरीदा जा रहा है। लेकिन हैफेड के वेयर हाउस के कर्मचारियों द्वारा सरसों की बोरियों में नमी जांच की तो नमी 13 प्वाइंट तक दिखाई गई। ऐसे में वेयर हाउस के कर्मचारियों ने कई बोरियों को ट्रक से नीचे उतार दिया। इसकी सूचना के बाद कई किसान भी वेयर हाउस के बाहर पहुंच गए। जिसके बाद किसानों ने नमी को जांचने के लिए कहा तो नमी साढ़े 6 प्वाइंट दिखाई दी। ऐसे में मौके पर अधिकारियों ने वेयर हाउस में सरसों को लेने का निर्णय लिया और अपनी सफाई देते रहे। किसानों का आरोप है के वेयर हाउस के कर्मचारी जानबूझकर सरसों में नमी ज्यादा दिखा रहे हैं, ऐसा कर उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।


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